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हद है. कस्तूरबा विद्यालय में फर्जीवाड़े के सहारे नियुक्ति

स्नातक की डिग्री फर्जी एक तो फर्जी विश्वविद्यालय की डिग्री, दूसरे फर्जीवाड़ा के सहारे बहाली. यह कारनामा कहीं और नहीं बल्कि अलौली के मेघौना में संचालित कस्तूरबा विद्यालय में वार्डेंन व शिक्षिका की बहाली से जुड़ा हुआ है. अब मामला तूल पकड़ने के बाद कार्रवाई के बचने के लिए तिकड़म का सहारा लिया जा रहा […]

स्नातक की डिग्री फर्जी

एक तो फर्जी विश्वविद्यालय की डिग्री, दूसरे फर्जीवाड़ा के सहारे बहाली. यह कारनामा कहीं और नहीं बल्कि अलौली के मेघौना में संचालित कस्तूरबा विद्यालय में वार्डेंन व शिक्षिका की बहाली से जुड़ा हुआ है. अब मामला तूल पकड़ने के बाद कार्रवाई के बचने के लिए तिकड़म का सहारा लिया जा रहा है
खगड़िया : मेरठ के फर्जी शोभित यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री पर मेघौना कस्तूरबा विद्यालय में बहाली पर इन दिनों बवाल मचा हुआ है. बताया जाता है कि फर्जी विश्वविद्यालय की डिग्री पर फर्जीवाड़ा के सहारे वार्डेन व तीन शिक्षिकाओं की बहाली कर ली गयी. इसमें पिछले दरवाजे से पैसों के खेल की बात भी कही जा रही है.
सबसे ताज्जुब की बात यह है कि सब कुछ जानते हुए भी शिक्षा विभाग के अधिकारी अनजान बने हुए हैं. लिहाजा, फर्जीवाड़े के सहारे बहाल वार्डेन व शिक्षिका के भरोसे मेघौना कस्तूरबा विद्यालय संचालित किया जा रहा है.
वर्ष 2007 से अब तक कई बार आवेदन दिया गया, लेकिन वह शिक्षा विभाग की फाइलों दब कर खो गया. बता दें कि राज्य के शिक्षा विभाग की फर्जी सूची में मेरठ के शोभित यूनिवर्सिटी का नाम भी शामिल है. इस विश्वविद्यालय से जारी डिग्री को बिहार सरकार ने अमान्य करार दिया है. इस आधार पर कई शिक्षकों पर कार्रवाई भी हो चुकी है, लेकिन कस्तूरबा विद्यालय में फर्जीवाड़ा के सहारे बहाल वार्डेन व शिक्षिका पर कार्रवाई पर शिक्षा विभाग चुप्पी साधे हुए है. ऐसे में सब जानते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारियों की चुप्पी दाल में काला की ओर इशारा कर रही है.
डिग्री भी फर्जी बहाली में भी हेराफेरी
एक तो फर्जी विश्वविद्यालय की डिग्री, दूसरे फर्जीवाड़ा के सहारे बहाली. यह कारनामा कहीं और नहीं बल्कि अलौली के मेघौना में संचालित कस्तूरबा विद्यालय में वार्डेंन व शिक्षिका की बहाली से जुड़ा हुआ है. अब मामला तूल पकड़ने के बाद कार्रवाई के बचने के लिए तिकड़म का सहारा लिया जा रहा है. मेघौना पंचायत की मुखिया प्रतिमा देवी ने भी पूरी बहाली प्रक्रिया को फर्जी बताते हुए डीएम को आवेदन देकर आवश्यक कदम उठाने की मांग की है.
नियमत : कस्तूरबा में बहाली में मुखिया की उपस्थिति व हस्ताक्षर आवश्यक है. पर, मुखिया द्वारा गलत करने से इनकार करने पर पूर्व मुखिया के हस्ताक्षर के सहारे ही बहाली कर ली गयी, जो सरकारी नियम कायदे का सरासर उल्लंघन है. ऐसी कई सरकारी प्रावधान को दरकिनार कर की गयी बहाली के खिलाफ मुखिया व कई ग्रामीणों ने मोरचा खोल दिया है.
कहतीं हैं वार्डेंन व शिक्षिका
कस्तूरबा बालिका विद्यालय मेघौना की वार्डेन मधुलता कुमारी, शिक्षिका कुमारी मंजू भारती, नीता कुमारी, मंजु कुमारी ने कहा कि बहाली के दौरान पेश किये गये प्रमाण पत्र सही हैं. नियम कायदे के आधार पर बहाली का दावा करते हुए कहा कि साजिश के तहत अनर्गल आरोप लगाये जा रहे हैं.

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