गोगरी : बारिश से किसानों के चेहरे पर मुस्कान आ गयी है. गोगरी के किसान कार्तिक यादव, बलुआ के छोटू यादव ने बताया कि किसान गेहूं के खेतों में खाद डाल रहे हैं. रबी फसल की उपज दोगुना होने की उम्मीद किसानों को है. पानी की जरूरत थी और बारिश हो गयी. इस कारण किसान खुश हैं. उधर, बीते दो दिनों की बूंदा बांदी के बाद सर्द हवा ने अचानक कनकनी का अहसास करा दी है. मौसम के करवट लेते ही पिछले दो दिनों से लोगों की पूरी दिनचर्या ही बदल गयी है.
लोग घरों में दुबके रहने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं. ठंड में सम्पन्न लोग तो किसी तरह गरम कपड़े के बल पर अपनी नैय्या पार लगा ले रहे हैं, लेकिन गरीबों व झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले तथा रोजमर्रा की जिंदगी जीने वाले मजदूरों के लिए बड़ी समस्या आन पड़ी है. पिछले दो दिनों से सूर्य भगवान के दर्शन नहीं होने से ऐसा अहसास हो रहा है कि ठंड एक बार फिर से लौट आयी है. झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों ने बताया कि इस कड़ाके की ठंड में प्रशासन की ओर से कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है.