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बीमार महेशखूंट बस स्टैंड को इलाज की दरकार

बीमार महेशखूंट बस स्टैंड को इलाज की दरकार फोटो है 3,4 व 5 मेंकैप्सन- मृत पड़ा बस स्टैंड, जर्जर शौचालय व सड़क को ही बना दिया बस स्टैंड प्रतिनिधि, महेशखूंट स्थानीय बस स्टैंड अपने तारणहार की बाट जोह रहा है. बस स्टैंड की जर्जरता के कारण यात्री ढोने वाले वाहन चालकों ने सड़क को बस […]

बीमार महेशखूंट बस स्टैंड को इलाज की दरकार फोटो है 3,4 व 5 मेंकैप्सन- मृत पड़ा बस स्टैंड, जर्जर शौचालय व सड़क को ही बना दिया बस स्टैंड प्रतिनिधि, महेशखूंट स्थानीय बस स्टैंड अपने तारणहार की बाट जोह रहा है. बस स्टैंड की जर्जरता के कारण यात्री ढोने वाले वाहन चालकों ने सड़क को बस स्टैंड बना कर रखा है. सड़क किनारे वाहन खड़ी कर ही ये वाहन चालक यात्री को चढ़ाने उतारने का काम करते हैं. जर्जर हैं बस स्टैंड बीते कई वर्षों से स्टैंड में बना 26 स्टॉल जर्जर अवस्था में पड़ा हुआ है. उपर की एलबेस्टर हवा के झोके में उड़ गया है. यात्री के सुविधा को लेकर यात्री शेड का भी निर्माण कराया गया था. अधिकारी के उदासीनता के कारण आज लाखों की लागत से बने बस पड़ाव मृत प्राय बन चुका है. महत्वपूर्ण है बस स्टैंडमहेशखूंट एनएच 31 के किनारे बना बस स्टैंड कई मायने में महत्वपूर्ण हैं. बस स्टैंड के सटे एनएच 31, एनएच 107, महेशखूंट रेलवे स्टेशन होने से यात्री को यहां से आवाजाही करने में सुविधा होती है. साथ ही बस स्टैंड के समीप अतिरिक्त उपस्वास्थ्य केन्द्र और कॉलेज भी है. लेकिन आज स्टैंड की जर्जरता के कारण यहां चाेर उच्चकों व जुआरियों का बसेरा बना हुआ है. कई जिले के लोग होते हैं लाभान्वित इस बस स्टैंड से लोग सीधे भागलपुर,पूर्णिया व कटिहार होते हुए दूसरे राज्य बंगाल, आसाम सहित अन्य राज्यों तक आसानी से पहुंच सकते हैं. वहीं एनएच 107 से सहरसा, मधेपुरा, सुपौल होते हुए नेपाल तक जाने के लिए सड़कों का जाल बिछा हुआ है. महेशखूंट के दक्षिण की ओर जाने बाली सड़क दो प्रखंड परबत्ता व गोगरी सहित अस्पताल,एसडीएम कोर्ट तथा कई कॉलेज को जोड़ती है. कैसे हुआ था बस स्टैंड का निर्माण महेशखूंट के इस बस स्टैंड का निर्माण 1985 में तत्कालीन डीएम के आदेश पर तत्कालिक गोगरी एसडीओ द्वारा बस स्टैंड का निर्माण कराया था. निर्माण के कुछ दिनों तक स्टैंड पर बस का ठहराव हुआ. लेकिन कुछ ही दिनों में फिर से यात्री वाहन एनएच 31 पर ही वाहन खड़ी कर यात्री को चढ़ाने उतारने का काम करने लगे. जबकि बस स्टैंड को पुन: तत्कालीन डीएम धमेन्द्र कुमार ने एसडीओ को आदेश देकर चालू करवाया था. लेकिन नतीजा फिर वही निकला. कुछ ही दिनों में फिर से वाहन चालक अपने हिसाब से बस स्टैंड का चुनाव कर एनएच को ही अपना बस स्टैंड बना लिया. सुलभ शौचालय भी जर्जर महेशखूंट बस स्टैंड के निर्माण के समय यात्रियों की सुविधाओं के लिए दर्जनों शौचालय का निर्माण कराया गया. लेकिन उपयोग नहीं होने व उचित देखभाल के अभाव में आज सभी शौचालय जर्जर हो चुके हैं. इन शौचालय का उपयोग स्थानीय लोग कर रहे हैं. कहते हैं ग्रामीण स्थानीय ग्रामीण अजीत कुमार,राज किशोर यादव,नरेश मोहन ठाकुर,अजय कुमार सिन्हा,प्रवीण कुमार चौरसिया,चंदन कश्यप,अशोक सिंह,बबलू सिंह,परसुराम सिंह आदि ने बताया कि बस स्टैंड चालू से महेशखूंट बाजार में वाहन चालकों के अवैध जाम से लोगों को मुक्ति मिलेगी. साथ ही लोगों को आवागमन करने में भी सुविधा होगी. स्थानीय लोगों ने स्थानीय प्रशासन से बस स्टैंड को अविलंब चालू कराने की मांग की है. कहते हैं एसडीओ एसडीओ संतोष कुमार ने बताया कि ग्रामीणों व जनप्रतिनिधि के आवेदन पर स्टैंड जीर्णोद्धार कराने के लिए उच्च अधिकारी को पत्र लिखा जायेगा.

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