विवाह योजना: राशि मिलना आसान नहीं -15 कार्य दिवस में होता है सेवा निष्पादित-राशि मिलने में लगता है दो से तीन वर्ष का समय-पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर लाभुकों को मिलता है चेक -अधिकतर लाभुकों में है जागरूकता की कमी-आवेदन जमा करने पर दी जाती है पावती रसीद- लाभुकों को नहीं करना पड़ता है भाग-दौड़ प्रतिनिधि, खगड़ियालोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के लागू होने के बाद भी मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के लाभुकों को राहत मिली है. लेकिन अभी भी बहुत सारे आवेदकों में जागरूकता की कमी है. जिसके कारण वैसे लाभुकों को प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. आरटीपीएस में विवाह योजना का आवेदन जमा करने पर लाभुकों को पावती रसीद दी जाती है. जिसपर सेवा प्रदान करने की तिथि 15 कार्य दिवस अंकित रहता है. जबकि, विवाह योजना की राशि मिलने में दो से तीन वर्ष का समय लग जाता है. पावती रसीद पर सेवा प्रदान करने की तिथि 15 कार्य दिवस अंकित रहने से आवेदकों में ऊहापोह की स्थिति बन जाती है और वे राशि के प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाना शुरू कर देते हैं. बिचौलिए के झांसे में नहीं पड़ेविवाह योजना की राशि के लिए किसी को भी पैसे देने की जरूरत नहीं है. अगर कोई पैसे की मांग करता है तो लाभुकों को वरीय अधिकारियों से शिकायत करनी चाहिए. कई बार इस तरह की शिकायत सामने आ चुकी है कि विवाह योजना की राशि के एवज में बिचौलिया पैसे की मांग करते हैं. इस अधिनियम का उद्देश्य बिचौलिया से मुक्ति दिलाना है. बावजूद इसके जानकारी के आभाव में लाभुक बिचौलिया के झांसे में पड़ जाते हैं. कितने दिनों में होता है सेवा निष्पादितविवाह योजना का आवेदन जमा करने के बाद 15 कार्य दिवस में आवेदनों को निष्पादित किया जाता है. जबकि, राशि मिलने में दो से तीन वर्ष का समय लग जाता है. आवंटन नहीं रहने की स्थिति में लाभुकों की परेशानी बढ़ जाती है. लाभुकों को 15 कार्य दिवस में यह पता चल जाता है कि उनका आवेदन स्वीकृत हुआ अथवा अस्वीकृत. लाभुकों को मिलता है चेकलोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद लाभुकों को पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर चेक दिया जाता है. ताकि, अनियमितताओं पर अंकुश लग सके. इस अधिनियम के लागू होने के बाद भी बिचौलियों का प्रभाव कम नहीं हुआ है. कई क्षेत्रों में सक्रिय बिचौलिया लाभुकों को विवाह योजना का लाभ दिलाने के लिए राशि की मांग करते हैं. हालांकि, लाभुकों को विवाह योजना का चेक दिये जाने से स्थिति में कुछ सुधार जरूर हुआ है.कैसे करें आवेदनविवाह योजना का आवेदन के साथ विवाह निबंधन व आय प्रमाण पत्र सहित जरूरत कागजात संलग्न कर आवेदन करें. आवेदन करने के बाद लाभुकों को पावती रसीद दी जाती है. आवेदन जमा करने के बाद लाभुकों को किसी के पास जाने की जरूरत नहीं है. आरटीपीएस में आवेदन जमा करने के बाद स्वीकृति के लिए आवेदन को पंचायत सचिव के पास भेजा जाता है. अगर लाभुक के आवेदन में किसी भी प्रकार की त्रुटि नहीं है तो उसे स्वीकृति दी जाती है. आवेदन में त्रुटि या फिर जरूरत कागजात की कमी नहीं रहने पर आवेदनों को अस्वीकृत भी किया जाता है. सेवा की मिली गारंटीइस अधिनियम के लागू होने से लाभुकों को सेवा की गारंटी मिली है. अब लाभुकों को भाग-दौड़ नहीं करना पड़ता है. न तो आवेदकों को पंचायत सचिव के पास जाना पड़ता है और न ही कार्यालय के कर्मियों के आगे-पीछे करना पड़ता है. बहुत सारे आवेदकों में अभी भी जागरूकता की कमी है. जिसके कारण वैसे आवेदक बिचौलिया के झांसे में पड़ जाते हैं.
विवाह योजना: राशि मिलना आसान नहीं
विवाह योजना: राशि मिलना आसान नहीं -15 कार्य दिवस में होता है सेवा निष्पादित-राशि मिलने में लगता है दो से तीन वर्ष का समय-पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर लाभुकों को मिलता है चेक -अधिकतर लाभुकों में है जागरूकता की कमी-आवेदन जमा करने पर दी जाती है पावती रसीद- लाभुकों को नहीं करना पड़ता […]
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