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आरटीपीएस: बेपटरी हुई ऑनलाइन सेवा

आरटीपीएस: बेपटरी हुई ऑनलाइन सेवा बेलदौर में 316 आवेदनों में से 116 आवेदन समय-सीमा के बाद निष्पादित खगड़िया : में 6241 आवेदनों में से 1411 आवेदन कालबाधितआवेदक कार्यालय का चक्कर लगाने को विवशराज्य सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम नहीं उतर सकती धरातल परविभागीय आंकड़ों से खुली आरटीपीएस की पोलबाक्स जिले के […]

आरटीपीएस: बेपटरी हुई ऑनलाइन सेवा बेलदौर में 316 आवेदनों में से 116 आवेदन समय-सीमा के बाद निष्पादित

खगड़िया : में 6241 आवेदनों में से 1411 आवेदन कालबाधितआवेदक कार्यालय का चक्कर लगाने को विवशराज्य सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम नहीं उतर सकती धरातल परविभागीय आंकड़ों से खुली आरटीपीएस की पोलबाक्स

जिले के अलौली, बेलदौर, चौथम, गोगरी, खगड़िया, मानसी एवं परबत्ता आरटीपीएस में 16 सिंतबर से 15 नवंबर तक जाति, आय, आवासीय प्रमाण पत्र के लिए कुल 151834 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 1621 आवेदन कालबाधित हो गयेप्रतिनिधि, खगड़ियाजिले में ऑनलाइन के तहत बनने वाले जाति, आय व आवासीय प्रमाण पत्र का आवेदन

खासी संख्या में कालबाधित हो रहे हैं. इससे आवेदकों की परेशानी बढ़ गयी है. जिले के अलौली, बेलदौर, चैथम, गोगरी, खगडि़या, मानसी एवं परबत्ता आरटीपीएस में दिनांक 16 सितंबर से 15 नवंबर 2015 तक जाति, आय, आवासीय प्रमाण पत्र के लिए कुल 151834 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें से 1621 आवेदन कालबाधित हो गये.

सबसे ज्यादा बेलदौर व खगडि़या में आवेदन कालबाधित हुए हैं. जानकारी के अनुसार बेलदौर में 316 में 116 आवेदन एवं खगड़िया में 6241 में से 1411 आवेदन तय कार्य दिवस के बाद निष्पादित किये गये.बढ़ जाती है लोगों की परेशानीआवेदनों के कालबाधित होने से आवेदकों की परेशानी बढ़ जाती है.

तय कार्य दिवस के बाद लोग जाति, आय व आवासीय प्रमाण पत्र के लिए कार्यालय का चक्कर लगाने को विवश हो जाते हैं. सेवा उपलब्ध नहीं रहने की स्थिति में लोगों को आरटीपीएस काउंटर से वापस लौटना पड़ता है. जबकि, इस अधिनियम का उद्देश्य तय कार्य दिवस में आवेदकों को हरहाल में सेवा उपलब्ध करानी है. क्यों होता है कालबाधितऑनलाइन के तहत जाति, आय व आवासीय प्रमाण पत्र बनाने का काम आइटी सहायकों को सौंपी गयी है.

नेट के काम नहीं करने या फिर सर्वर डाउन रहने के कारण ऑनलाइन के आवेदन व प्रमाण पत्र डाउनलोड करने में परेशानी होती है. नेट के धीमा काम करने पर भी कभी-कभी तय कार्य दिवस में सेवा उपलब्ध कराने में परेशानी होती है. ऑनलाइन के तहत सभी प्रमाण पत्र 10 कार्य दिवस में निर्गत करने का प्रावधान है.

वरीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर ऑनलाइन आवेदनों की समीक्षा की जाती है. इससे यह पता चल पाता है कि किस आरटीपीएस में कितने आवेदन कालबाधित हुए हैं. कई आरटीपीएस में बिचौलिये हावीसूत्रों की माने तो कई आरटीपीएस में बिचौलिये हावी हैं. बिचौलियाें के रहमोकरम पर ही लोगों को प्रमाण पत्र उपलब्ध हो पाता है.

सूत्रों का यह भी कहना है कि प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए 10 कार्य दिवस काफी है. बेलदौर में प्रचार-प्रसार करने का आदेश16 सितंबर से 15 नवंबर तक बेलदौर में जाति, आय व आवासीय प्रमाण पत्र के लिए सबसे कम 316 आवेदन प्राप्त हुए हैं. जिसको प्रशासन ने गंभीरता से लिया है.

जिला प्रशासन ने समीक्षा के क्रम में यह पाया कि बेलदौर में सबसे कम आवेदन प्राप्त हुए हैं. जो खेद का विषय है. आरटीपीएस कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी ने अंचल अधिकार बेलदौर को ऑन लाइन आवेदन जमा करने को लेकर प्रचार-प्रसार करने व आवेदनों का ससमय निष्पादन करने का आदेश दिया है.

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