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आवागमन पर जल्द लगेगी रोक

बेलदौर: प्रखंड क्षेत्र समेत कोसी जोन की लाइफ लाइन बीपी मंडल सेतु (डुमरी पुल) की मरम्मत कार्य शुरू होने से आवागमन संकटों से जूझ रहे कोसी वासियों ने जहां राहत की सांस ली है, वहीं मरम्मत कार्य की कच्छप गति से लोगों में असंतोष पनपने लगा है. कार्य एजेंसी ने डुमरी पुल पर आवागमन बंद […]

बेलदौर: प्रखंड क्षेत्र समेत कोसी जोन की लाइफ लाइन बीपी मंडल सेतु (डुमरी पुल) की मरम्मत कार्य शुरू होने से आवागमन संकटों से जूझ रहे कोसी वासियों ने जहां राहत की सांस ली है, वहीं मरम्मत कार्य की कच्छप गति से लोगों में असंतोष पनपने लगा है. कार्य एजेंसी ने डुमरी पुल पर आवागमन बंद कराने के लिए डीएम से मांग की है, ताकि निर्माण कार्य में तेजी लायी जा सके.
इस संदर्भ में एसपी सिंगला के प्रोजेक्ट मैनेजर कुमार किशोर रंजन ने बताया कि एक माह से कार्य एजेंसी के कर्मियों ने पुल के क्षतिग्रस्त भाग के एक तरफ से आवागमन बहाल रखते हुए बैरिकेडिंग कर दूसरे तरफ की रेलिंग व फुटपाथ को तोड़ कर हटा दिया है. क्षतिग्रस्त हिस्से के पाया संख्या 12 से 21 के बीच लगभग 290 मीटर भाग के नौ स्पेनों को हटा कर स्टे केबल ब्रिज का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जायेगा.

पुल पर आवागमन चालू रहने के कारण ही वैकल्पिकतौर पर मजदूरों से अबतक रेलिंग व फुटपाथ तोड़ने का कार्य करवाया गया अन्यथा आवागमन बंद रहने पर मशीन से रेलिंग व फुटपाथ को तोड़ने के अलावा स्पेनो को भी हटा दिया गया होता. पुल पर आवागमन चालू रहने से एक ओर कार्य में विलंब हो रहा है, वहीं कार्य एजेंसी को भी अतिरिक्त नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसके लिए जिलाधिकारी से पुल पर हो रहे परिचालन पर रोक लगाने का भी अनुरोध किया गया है. स्टे केबल ब्रिज निर्माण को लेकर पुल के नीचे उत्तरी छोर से लेकर क्षतिग्रस्त भाग तक अस्थायी संपर्क पथ बनाया जा रहा है ताकि क्षतिग्रस्त भाग के स्पेनों को हटाने के बाद केबल ब्रिज के दो पायों के निर्माण को लेकर वेल फाउंडेशन का कार्य शुरू किया जा सके. चयनित स्थल पर वेल फाउंडेशन को लेकर मिट्टी नमूना एकत्रित किया जा रहा है.

पाइलिंग का काम शुरू
मंगलवार को तकनीशियन की देखरेख मे पाइलिंग कर कर्मी लगभग 70 फीट गहराई तक की मिट्टी का नमूना एकत्रित कर चुके थे. एकत्रित मिट्टी नमूने की जानकारी देते हुए प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि प्रत्येक डेढ़ मीटर की गहराई से मिट्टी का नमूना लिया जा रहा है. चयनित स्थल से पाइलिंग कर एकत्रित किये गये मिट्टी नमूने को स्वाइल टेस्ट के लिए पटना स्थित कार्य एजेंसी के कार्यालय भेजा जायेगा. इसकी रिपोर्ट मिलने पर वेल फाउंडेशन का कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा. कार्य एजेंसी समय सीमा के अंदर कार्य पूरा करने के प्रयासरत है. इंतजार है जिला प्रशासन द्वारा पुल पर हो रहे आवागमन पर रोक लगाने का.
कब बंद हुआ डुमरी पुल
प्रखंड के डुमरी समीप कोसी बागमती के दो किनारों को जोड़नेवाला 30 पाये व 29 स्पेनो से बना डुमरी पुल महज 19 साल तक ही सेवा देकर जवाब दे गया. 29 अगस्त, 2010 को कोसी के प्रहार से पुल के चार पाये धंस गये. इन पायों के स्टेनो के बीच एक्सपेंशन गैप बढ़ गया. संभावित खतरों को भांप जिला प्रशासन ने आवागमन पर पूर्णत: रोक लगा दी. वैकल्पिक तौर पर मात्र पांव पैदल व बाइक चालक चार वर्षो से पुल पर आवागमन कर रहे हैं. इसके आवागमन पर भी मरम्मत कार्य को लेकर अतिशीघ्र रोक लगने की संभावना है.
ब्रिज की डिजाइन
पुल के पाया संख्या 12 से 21 के बीच लगभग 290 मीटर के लंबे उच्च तकनीक आधारित पुल मात्र दो पाये पर ही झूलते नजर आयेंगे, जबकि केबल ब्रिज के दोनों छोर के लिए पाया संख्या 10 व पाया संख्या 21 बेसमेंट का काम करेंगे. मेंटेनेंस के हिसाब से भी यह ब्रिज काफी फायदेमंद होगा. प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि उच्च तकनीक आधारित स्टे केबल ब्रिज अगुवानी सुलतान घाट पर बनने वाले पुल के समान ही है. फर्क सिर्फ लंबाई का है. खामियां आने पर इसकी मरम्मत आसान है.
मरम्मत में विलंब
वर्ष 2010 में डुमरी पुल पर आवागमन बंद होने पर उत्पन्न हुए आवागमन संकटों को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने अतिरिक्त मद की राशि से आठ जून, 2011 को स्टील पाइल ब्रिज का निर्माण करा कर वैकल्पिक आवागमन सुविधा बहाल कराया. पुल की आयु महज तीन वर्ष ही निर्धारित की गयी थी, लेकिन डुमरी पुल मरम्मत पेच में फंसने के कारण उक्त निर्धारित अवधि तक प्रारंभ नहीं हो पाया.
दो वर्ष और इंतजार
स्टील ब्रिज की मरम्मत को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश के पथ निर्माण मंत्री ने लगभग 11 करोड़ की लागत से क्षतिग्रस्त स्टील ब्रिज की मरम्मत करा कर उसे दुबारा चालू कराने की घोषणा भी कर दी. इसकी प्रशासनिक स्वीकृति भी मिल गयी. पुल निर्माण निगम द्वारा जनवरी से कार्य शुरू किया जाना था लेकिन अबतक कोई पहल नहीं हो पाने के कारण लोगों के बीच असंतोष बढ़ता जा रहा है. पाइल ब्रिज इसी साल 19 अगस्त को बह गया था. इसके बह जाने से सहरसा, सुपौल, मधेपुरा समेत नेपाल का भी सीधा संपर्क भंग हो गया. प्रखंड समेत कोसीवासी महंगाई की दोहरी मार ङोलने को मजबूर हो गये. 17 करोड़ की लागत से बनी स्टील ब्रिज ने डुमरी पुल के बंद होने से उत्पन्न हुई संकटों को काफी हद तक कम किया. एक बार फिर जब डुमरी पुल का मरम्मत कार्य शुरू हो गया है, कार्यावधि तक स्टील ब्रिज की मरम्मत को लेकर आस बंध गयी है, ताकि नाव का जुगाड़ पुल या नाव की सवारी कर शोषण का शिकार नहीं होना पड़े.

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