खगड़िया : सौ बोरी यूरिया की लागत मूल्य 28 हजार 200 रुपये के लिये चार साल से कृषि विभाग का चक्कर काट रहे खाद दुकानदार को अखिरकार राशि मिल ही गई. बताया जाता है कि इस राशि को पाने के लिये सदर प्रखण्ड के बेला सिमरी गांव के उर्वरक दुकानदार विजय केशरी 2015 से ही कृषि सहित अन्य प्रशासनिक अफसरों के दफ्तर का चक्कर लगा रहे थे.
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मिला चेक, चार साल बाद मिला न्याय
खगड़िया : सौ बोरी यूरिया की लागत मूल्य 28 हजार 200 रुपये के लिये चार साल से कृषि विभाग का चक्कर काट रहे खाद दुकानदार को अखिरकार राशि मिल ही गई. बताया जाता है कि इस राशि को पाने के लिये सदर प्रखण्ड के बेला सिमरी गांव के उर्वरक दुकानदार विजय केशरी 2015 से ही […]
बाबुओं के आरजू-बिनती भी कर रहे थे. लेकिन हर बार इनकी फरियाद को अनसुनी किया जाता रहा. इधर थक-हार कर उक्त उर्वरक विक्रेता ने जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी. बताया जाता है कि यहां करीब ढ़ेड़ माह तक इस मामले की सुनवाई चली. सुनवाई पदाधिकारी की सख्ती के बाद कृषि विभाग ने उर्वरक विक्रेता को चेक के जरीये 28 हजार 200 रुपये सौंप दिया.
क्या था पूरा मामला : जानकारी के मुताबिक साल 2012 में प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी ने खाद के कालाबाजारी के आरोप में मेसर्स किसान केसरी उर्वरक भंडार बेला सिमरी के प्रोपराईटर विजय केसरी की दुकान से सौ बोड़ी यूरिया जप्त करते हुए इनके विरुद्ध गंगौर थाना में कांड संख्यां 465/12 दर्ज कराया था.
इस मामले की करीब दो साल तक चली सुनवाई के बाद अनुमंडल न्यायिक दण्डाधिकारी के द्वारा उक्त उर्वरक विक्रेता को 8 दिसम्बर 2014 को आरोपमुक्त कर दिया गया.जिसके बाद से ये जप्त किये गए यूरिया की राशि वापस करने की मांग करते हुए लगातार कृषि विभाग के कार्यालयों के चक्कर लगा रहे थे.
राशि नहीं मिलने के कारण इन्होंने 26 मार्च को जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी. इनकी शिकायत पर लोक शिकायत एडीएम भूपेन्द्र प्रसाद यादव ने जिला कृषि पदाधिकारी को नोटिस जारी कर इतने समय बीत जाने के बाद भी जप्त किये गए यूरिया की राशि खाद विक्रेता को वापस नहीं किये जाने का कारण पूछा था. बताया जाता है कि एडीएम की सख्ती पर जिला कृषि कार्यालय के द्वारा विक्रेता का 28 हजार 200 का चेक सौंपा गया.
परिजन को मिली दाह-संस्कार की राशि : वहीं चौथम प्रखण्ड के कैथी निवासी मौली चौधरी को कई माह बीत जाने के बाद कबीर अंत्येष्टी योजना की राशि दी गई. कुछ दिन पूर्व ही उन्होंने जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में योजना की राशि नहीं मिलने को लेकर प्रथम अपील दायर किया था. इधर जिला स्तर से नोटिस जारी होने के बाद शिकायतकर्ता को राशि उपलब्ध कर दी गई है.
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