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बाल मजदूरों को मिली आर्थिक सहायता, जाने लगे फिर से स्कूल

मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास जारी दुकानदारों में दहशत छापेमारी का दिखने लगा असर, बाल मजदूरों को रखने से कतराने लगे दुकानदार खगड़िया : बाल मजदूरी से मुक्त कराये गये 14 वर्ष से कम आयु वर्ग के बाल श्रमिकों को सरकारी आर्थिक सहायता के साथ मुख्य धारा में जोड़ा गया है. इतना ही नहीं […]

मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास जारी

दुकानदारों में दहशत छापेमारी का दिखने लगा असर, बाल मजदूरों को रखने से कतराने लगे दुकानदार
खगड़िया : बाल मजदूरी से मुक्त कराये गये 14 वर्ष से कम आयु वर्ग के बाल श्रमिकों को सरकारी आर्थिक सहायता के साथ मुख्य धारा में जोड़ा गया है. इतना ही नहीं बाल मजदूरी से मुक्त कराये गये बच्चों को सरकारी आर्थिक सहायता भी मुहैया करायी गयी है. ताकि इनके घरों की माली स्थिति में कुछ सुधार आ सकें.
दुकानदारों पर लगा जुर्माना
दुकानों, ढावों, गैरेजों पर छापेमारी के बाद सिर्फ बच्चे ही मुक्त नहीं होते बल्कि बच्चों से काम लेने वाले दुकानदारों के विरुद्ध भी कार्रवाई की गयी है. जानकारी के मुताबिक 32 दुकानदारों को बाल श्रमिकों से अवैध तरीके से काम लेने के आरोप में जुर्माना लगाया गया है. इन सभी दुकानदारों पर श्रम विभाग ने 20-20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. सूत्र बताते हैं कि इस मामले की सुनवाई सिविल कोर्ट में चल रही है. जहां केस गवाही पर है.
दिख रहा है असर
लगातार हो रही छापेमारी का असर भी दिख रहा है. दुकानदार अब बच्चों से काम कराने में परहेज करने लगे हैं. हालांकि अभी बाल मजदूरी जिले में समाप्त नहीं हुआ है. कहीं कहीं दुकानों में बच्चे काम करते हुए आसानी से अभी भी दिख रहे हैं. लेकिन कम जरूर हुआ है. अब दुकानदारों में इस बात का दहशत जरूर है कि कहीं पकड़े गये तो उन पर कार्रवाई व जुर्माना होगा. केस भी दर्ज होंगे. इसी डर से दुकानदार बच्चों से काम लेना कम कर दिया है.
बाल मजदूरी पर सख्ती से दुकानों पर भी असर पड़ने लगा है. लगातार बच्चों से काम लेने वाले दुकानदार को व्यस्क मजदूर रखने में अधिक राशि खर्च करने पड़ रहे हैं. क्योंकि बच्चे को वे चंद रुपये देकर अपनी दुकानों में काम करवाते थे. बड़े मजदूर उनसे अधिक रुपये मांग रहे हैं.
25 बच्चे मुक्त
विभागीय जानकारी के मुताबिक महेशखूंट, अलौली एवं खगड़िया शहर से इस वित्तीय वर्ष में दो दर्जन से अधिक बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया है. जो मजबूरी की वजह से होटलों, चाय की दुकानों एवं मोटर गैरेजों में काम कर रहे थे. श्रम विभाग के धावा दल ने इन बच्चों को यहां से मुक्त कराते हुए बाल कल्याण समिति को सुपुर्द किया था. जहां इन बच्चों को फिर से मुख्यधारा में जोड़ने के लिए इन्हें आर्थिक लाभ उपलब्ध कराया गया तथा फिर से इन बच्चों को पठन पाठन के लिए विद्यालय भेजा गया.
बाल मजदूरी से मुक्त कराये गये सभी बच्चों को मुख्य धारा जोड़ा गया है. मजदूरी छोड़ अब वे अन्य बच्चों की भांति विद्यालय जाने लगे हैं. मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता मुहैया करायी गयी है तथा पात्रता के अनुरूप उन्हें सरकारी योजना के लाभ के लिए संबंधित विभाग के अधिकारी को पत्र लिखा गया है. ताकि उन्हें मनरेगा के तहत मजदूरी, आवास योजना, भूमिहीनों को जमीन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन आदि योजनाओं का लाभ दिया जा सके.
अजय कुमार सिंह, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति खगड़िया
बच्चों से काम लेने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई होगी. जिला स्तर पर धावा दल का गठन किया जा चुका है. अब तक 25 बच्चों को मजदूरी कार्य से मुक्त कराया गया है. 10 बच्चों को 25-25 हजार रुपये आर्थिक मदद दी गयी है. शेष को राशि दी जाने की प्रक्रिया चल रही है. बच्चों से काम लेने वाले कई दुकानदारों पर जुर्माना लगाया गया है. दुकानों भी जांच आगे चलती रहेगी.

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