जानकार बताते हैं कि अब तक ऐसे मामलों मे जितनी भी गिरफ्तारियां हुई है. सभी लोक सेवकों को जेल जाना ही पड़ा है. विभागीय नियम के मुताबिक अगर कोई भी सरकारी लोक सेवक 24 घंटे से अधिक समय तक जेल में रहते हैं तो उन्हें निलंबित किया जाता है. साथ ही आरोप पत्र गठित कर इनके विरुद्ध नियामानुसार विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी. क्योंकि पूर्व में गिरफ्तार कर्मियों पर ऐसी कार्रवाई हुई है.
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रिश्वत के खेल में भाई भी था शामिल
खगड़िया: अलौली प्रखंड के अंबा इचरूआ तथा आनन्दपुर मारण पंचायत के राजस्व कर्मचारी भाई रणविजय के साथ मिलकर रिश्वत का खेल वर्षों से खेल रहा था. अकूत संपत्ति जमा करने के चक्कर में फर्जीवाड़ा भी करते थे. यही कारण था कि सुधीर पूर्व में भी जेल जा चुके थे. न्यायालय से जमानत मिलने के बाद […]
खगड़िया: अलौली प्रखंड के अंबा इचरूआ तथा आनन्दपुर मारण पंचायत के राजस्व कर्मचारी भाई रणविजय के साथ मिलकर रिश्वत का खेल वर्षों से खेल रहा था. अकूत संपत्ति जमा करने के चक्कर में फर्जीवाड़ा भी करते थे. यही कारण था कि सुधीर पूर्व में भी जेल जा चुके थे. न्यायालय से जमानत मिलने के बाद पुन: हल्का का प्रभार अंचलाधिकारी द्वारा दिया गया था.
निजी आवास पर लगता था बिचौलियों का जमावड़ा
अलौली प्रखंड के अंबा इचरूआ पंचायत के राजस्व कर्मचारी होने के बावजूद भी कभी पंचायत में नहीं रहते थे. काम कराने वाले लोगों को बिचौलिया का सहारा लेना पड़ता था. यही कारण है कि महिला थाना के समीप भारती नगर स्थित आवास पर बनाये गये निजी कार्यालय में बिचौलिये का जमावड़ा लगा रहता था. दाखिल खारिज व जमीन से संबंधित अन्य काम के एवज में किसानों को एक लाख से दस हजार रुपये तक का घूस देना पड़ता था. इतना ही नहीं घूस लेन देन में बचने के लिए बिचौलिया की भूमिका निभाने के लिए भाई रणविजय को भी शामिल कर लिया था. निगरानी के हत्थे चढ़े राजस्व कर्मचारी सुधीर कुमार का निलंबन तय माना जा रहा है.
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