– पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे की रिकॉर्ड प्रगति 290.8 किलोमीटर का किया गया नवीनीकरण कार्य कटिहार पीक्यूआरएस सिस्टम से कटिहार रेल मंडल में 51.33 कि.मी एवं पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में 290.8 किलोमीटर का नवीनीकरण हुआ है. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अलीपुरद्वार मंडल ने पीक्यूआरएस (प्लैसर्स क्विक रिलेइंग सिस्टम) का उपयोग कर 1,033 ट्रैक मीटर का मशीनीकृत ट्रैक नवीनीकरण कर एक दिन में अब तक का सर्वाधिक आउटपुट दर्ज किया है. यह उल्लेखनीय बेंचमार्क 23 दिसंबर को हासिल किया गया. यह उपलब्धि हाई-आउटपुट मशीनीकृत ट्रैक बिछाने की तकनीक के प्रभावी इस्तेमाल, ऑप्टिमाइज्ड ट्रैफिक ब्लॉक और इंजीनियरिंग एवं ऑपरेटिंग विभागों द्वारा समन्वित कार्य को दिखाती है. 290.8 किलोमीटर ट्रैक का हुआ नवीनीकरण मौजूदा ट्रैक नवीनीकरण कार्य के दौरान, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने अपने क्षेत्राधिकार में कुल 290.8 कि.मी. ट्रैक का नवीनीकरण किया है. मंडल स्तरीय प्रगति में कटिहार मंडल में 51.33 कि.मी., अलीपुरद्वार मंडल में 29.77 कि.मी., रंगिया मंडल में 75.19 कि.मी., लामडिंग मंडल में 44.98 कि.मी. और तिनसुकिया मंडल में 69.96 कि.मी. शामिल है, जो पूरे ज़ोन में इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन के लिए एक केंद्रित और व्यवस्थित दृष्टिकोण को दिखाता है. पीक्यूआरएस के इस्तेमाल से रेल पैनल काफी कम समय में बदले जाते पीक्यूआरएस (प्लैसर्स क्विक रिलेइंग सिस्टम) में सेल्फ-प्रोपेल्ड क्रेन होता हैं. यह आकार में छोटा, लेकिन व्यवस्थित होता है, जिससे मेंटेनेंस खर्च काफी कम हो जाता है. नए ट्रैक बनाने के साथ-साथ मौजूदा ट्रैक इंफ्रास्ट्रक्चर को मॉडर्न बनाने के लिए भी इस सिस्टम का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है. पीक्यूआरएस के इस्तेमाल से रेल पैनल काफी कम समय में बदले जाते हैं, जिससे कम अवधि के ट्रैफिक ब्लॉक में ज्यादा रेल पटरी बदलना मुमकिन होता है. यह सिस्टम पुराने रेल पैनल को सीधे कार्य स्थल से बेस तक पूरी तरह से वापस लाने में मदद करता है, जिससे अतिरिक्त माल ढुलाई की व्यवस्था की ज़रूरत खत्म हो जाती है. हाई-आउटपुट ट्रैक नवीनीकरण कार्यों के सफल निष्पादन से यह स्पष्ट है कि पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे आधुनिक ट्रैक नवीनीकरण पद्धतियों, परिसंपत्तियों की विश्वसनीयता और रखरखाव दक्षता पर निरंतर ज़ोर दे रहा है. कपिंजल किशोर शर्मा, सीपीआरओ एनएफ रेलवे
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