– इसी कारण से बच्चों का भागने का सिलसिला है जारी प्रतिनिधि, कटिहार बाल सुधार गृह इन दिनों कर्मियों की अभाव में दम तोड़ती दिख रही है. जिसका परिणाम है कि बाल सुधार गृह से बच्चों का भगाने का सिलसिला लगातार जारी है. हालांकि इस मामले में डीएम ने संज्ञान लेते हुए अधीक्षक से लेकर कई कर्मियों को तत्काल प्रभार से हटा दिया है. बाल सुधार गृह में दो यूनिट संचालित थी. एक यूनिट लड़का वर्ग तथा दूसरा यूनिट लड़की वर्ग में बंटा था. दोनों वर्ग में दो अलग-अलग यूनिट थी. लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यूनिट 2 को साफ तौर पर बंद कर दिया गया है. उस यूनिट के बच्चों को यूनिट वन में शिफ्ट कर दिया है. संभवत सीनियर जूनियर के एक साथ रहने के कारण बाल सुधार गृह से बच्चों का भागने का सिलसिला जारी है. दोनों यूनिट में अलग-अलग वर्ष के बच्चों को रखा जा रहा वृहत आश्रय गृह के दो यूनिट लड़का वर्ग एवं लड़की वर्ग में चार यूनिट संचालित होते थे. जिसमें दो यूनिट लड़का वर्ग के लिए दो यूनिट लड़की वर्ग के लिए संचालित थी. यूनिट वन में 6 वर्ष से 11 वर्ष के लड़का व लड़की रहती थी. जबकि यूनिट 2 में 11 से 18 वर्ष तक के बच्चे रहते थे. यूनिट टू बंद कर दिए जाने के कारण सभी बच्चों को यूनिट वन में लड़का वर्ग अलग एवं लड़की वर्ग अलग रख दिया है. लेकिन कमोवेश इनके उम्र को नजर अंदाज कर एक साथ रखा जा रहा है. यही वजह है कि बड़े व छोटे उम्र के बच्चे को एक साथ रखने के कारण भी बालगृह से बच्चे फरार हो रहे हैं. सुरक्षा कर्मियों का है घोर अभाव बाल सुधार गृह में शुरुआती दौर में सुरक्षाकर्मी से लेकर कार्यालय कर्मी की संख्या ठीक -ठाक थी. हालांकि रोस्टर के अनुसार शुरुआती दौर में सुरक्षा कर्मी की संख्या 42 थी. सभी यूनिट में 1/5 सुरक्षाकर्मी होने थे. इसके अलावा गेट पर भी सुरक्षा बलों की तैनाती थी. लेकिन शुरुआतें दौर में 25 से 30 सुरक्षाकर्मी ने सुरक्षा का बागडोर संभाला था. लेकिन सूत्रों की माने तो उन जवानों को मानदेय नहीं मिलने के कारण धीरे धीरे इसकी संख्यां काफी कम होती गई और अंदर पांच तक सिमट के रह गई. सुरक्षा में भारी कमी इसी कारण से बार-बार सुधार गृह से बच्चे फरार होने में सफल हो रहे हैं. अधीक्षक सहित कुछ कर्मियों को डीएम ने तत्काल प्रभाव से हटाया जानकारी के अनुसार जब बाल गृह से एक साथ तीन लड़की फरार हुई थी तो उस मामले में जिला पदाधिकारी ने कार्रवाई करते हुए तत्कालीन अधीक्षक को प्रभाव से हटा दिया था. उसकी हटते ही कुछ अन्य कर्मी ने भी त्यागपत्र दे दिया था. जबकि दूसरे बार पांच बच्चे के भागने के मामले में भी डीएम ने कार्रवाई कर कुछ कर्मी को हटा दिये. एक तो सुरक्षा बलों की कमी ऊपर से कार्यालय कर्मियों की कमी के कारण यूनिट टू स्वत बंद हो गई और इस यूनिट के बच्चों को यूनिट वन में शिफ्ट कर दिया गया. कहते हैं अधिकारी बाल सुधार गृह में सुरक्षाकर्मी से लेकर कार्यालय कर्मी का अभाव है. जिस मामले में जिला पदाधिकारी एवं प्रमंडलीय आयुक्त के निर्देश पर बाल सुधार गृह में नियोजन प्रक्रिया की जायेगी. बतौर विज्ञापन निकालकर नियोजन की जायेगी. कर्मी की संख्या पूरी होने पर बाल सुधार गृह से बच्चों के भागने की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी. सुरक्षा बलों की भी कमी को पूरा किया जायेगा. जहां तक यूनिट 2 को बंद किए जाने की बात है तो वह कर्मियों के अभाव में किया गया है. हमारा सतत प्रयास रहेगा की सुधार गृह से बच्चे ना भाग पायें. रविशंक तिवारी, सहायक निदेशक
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