फलका बरकत व इबादत का महीना रमजानुल मुबारक की तीसरी जुमा रोजेदारों ने अकीदत के साथ मस्जिदों में नमाज अदा कर किया. रमजान के कारण मस्जिदों में नमाजी खचाखच भड़ा था. नमाज के बाद लोगो ने देश व दुनिया मे अमन व शांति के लिए दुआ मांगी. सालेहपुर महेशपुर नहरी मस्जिद के इमाम मौलाना शब्बीर अहमद कासमी ने कहा अल्लाह ने इंसानों को रमजान का महीना तोहफा में दिया है. यह माह खुशियों का पैगाम ले कर आता है. रोजा प्रतीक है समर्पण, संयम, इबादत और नेक नियत का रोजेदारों का. अल्लाह ताला सभी दुआएं कबूल करती है. अल्लाह ने कहा रोजा आंख का जुबान का नाक का कान का हाथ का पैर का होता है. तब जाकर सही रोजा होता है . सदका फितरा पर जोड़ डालते हुए कहा है कि हर मुसलमान पर अपने और अपने बालिग एव नाबालिक औलाद की तरफ से जकात, सदका, फितरा की अदा करना वाजिब है. उन्होंने कहा फितरा कि रकम गरीब और लाचार पड़ोसियों को मदरसों के छात्र छात्राओं को देना बेहतर है. फितरा प्रत्येक व्यक्ति नगद निकाले तो 50 रुपया निकलना चाहिए. अनाज निकलना हो तो पौने दो किलो गेंहू निकाले. 50 रुपया कीमत के बराबर कोई भी अनाज निकाल सकते है. बहरहाल जैसे जैसे ईद नजदीक आ रहा है बाजारों में कपड़ा खरीदारी करने में लोगो की भीड़ जुटने लगी है. ईद के कारण सभी बाजरे गुलजार है अभी से सवई, टोपी, इतर की दुकान बाजारों में सज गयी है.
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