कटिहार सदर अस्पताल एक बार फिर चर्चा में आ गया है. इस बार वजह कोई नई सुविधा या सेवा नहीं बल्कि अस्पताल परिसर में सुरक्षा गार्ड व गार्ड के सुपरवाइजर से ही जुड़ा हुआ है. यहां सुरक्षा गार्ड और सुरक्षा गार्ड के सुपरवाइजर आपस में भीड़ गये. मामला मंगलवार की रात की है. जहां एक अज्ञात मरीज को लेकर विवाद हो गया. बारसोई से एक अज्ञात व्यक्ति इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया था. जिसे बेहतर उपचार के लिए भागलपुर रेफर किया गया था. मरीज के साथ कोई अपना नहीं होने के कारण सुपरवाइजर नवीन कुमार सिंह ने एक सुरक्षा गार्ड को रेफर मरीज के साथ रेफर अस्पताल भेजना चाहा लेकिन गार्ड ने आपत्ति जता दी. दूसरे गार्ड को जब जाने को कहा तो उन्होंने भी इनका विरोध कर दिया. जिस पर सुपरवाइजर भड़क उठे. दो गार्डों को ड्यूटी पर आने से मना कर दिया. इसके बाद वहां मौजूद सभी गार्ड एकजुट हो गये. सुरक्षा ड्यूटी ठप कर दी. सभी सुरक्षा गार्ड्स का कहना था कि मरीज को कहीं ले जाना यह हमारी ड्यूटी में शामिल नहीं है. बात बिगड़ती चली गयी. गार्डों ने आरोप लगाया कि बहाली के समय उनसे सेवा शुल्क के नाम पर मोटी रकम वसूली गई है. इतना ही नहीं सुपरवाइजर रोज़ाना नशे की हालत में ड्यूटी पर पहुंचते हैं. गार्डों से मरीज ढोने से लेकर अस्पताल से जुड़े अन्य कार्य कराते हैं. गार्डों का यह भी कहना है कि उन्हें पिछले चार महीनों से वेतन तक नहीं मिला है. हालाकि इस मामले को लेकर कई सुरक्षा गार्ड सुपरवाइजर के खिलाफ सिविल सर्जन व अस्पताल उपाधीक्षक से शिकायत करने की बात कर रहे हैं. हालांकि इस मामले को लेकर खबर लिखे जाने तक गार्डों ने कोई भी लिखित तौर पर शिकायत दर्ज नहीं करायी. दूसरी तरफ सुपरवाइजर नवीन कुमार सिंह की माने तो ड्यूटी में सुरक्षा गार्ड कोई कोताही नहीं बरते. वह कड़ा रूख अपनाते हैं. जो सुरक्षा गार्ड्स को सुहाता नहीं है. इसलिए सभी बेवजह आरोप लगाते रहते हैं. उनका कहना है कि बारसोई से अज्ञात मरीज को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया था. उनका कोई भी परिजन नहीं होने के कारण बेहतर इलाज के लिए रेफर स्थल तक एक सुरक्षा गार्ड को साथ जाने के लिए कहा गया था. ताकि मरीज को कोई परेशानी नहीं हो.
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