आजमनगर रमजान का दूसरा अशरे के समापन के मौके पर जुम्मा की नमाज अदा करने के बाद आजमनगर जामा मस्जिद के इमाम हाफिज सकिल साहब ने कहा कि रमजान का महीना मुसलमानों के लिए अल्लाह ताला ने एक नायाव तोहफा अता किया है. इस नायाब तोहफा का हम लोगों को सदुपयोग करना चाहिए. मामूली बुखार हो जाने के बाद लोग रोजा रखना छोड़ देते हैं रोजे की कदर नहीं करते समाज के ऐसे लोगों को रोजे की अहमियत तथा इससे होने वाली फायदा समझाने की आवश्यकता है. साथ ही हर बालिक मुसलमान को रोजा रखना फर्ज है. यह भी बताने की जरूरत है कि रमजान के पहले 10 दिन रहमत दूसरे 10 दिन मगफीरत एवं तीसरे 10 दिन के अशरे को जहन्नम की आग से निजात पाने के लिए अल्लाह ताला ने तकसीम किया है. जिसे मशगूल इबादत के जरीए से हासिल किया जा सकता है. हाफिज सकिल साहब ने देश के मुसलमानों को समाज एवं देश की सलामती के लिए नमाज अदा करने के बाद दुआ करने की अपील की साथ ही सभी लोगों ने देश में अमन चैन के लिए दुआएं मांगी.
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