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राजेश सिंह को मिली बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी

राजेश सिंह को मिली बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी

डेढ़ वर्ष बाद राज्य सरकार ने गठित की बाल कल्याण समिति कटिहार राज्य सरकार ने कटिहार सहित राज्य के विभिन्न जिलों में बाल कल्याण समिति का गठन कर दिया है. समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक की ओर से इस आशय की अधिसूचना जारी की गयी है. उल्लेखनीय है कि कटिहार में बाल कल्याण समिति के गठन का मामला करीब डेढ़ वर्ष से अधिक समय से लंबित था. तत्कालीन सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष व सदस्यों के कार्यकाल समाप्त होने के बाद आईसीडीएस के जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक व सदर सीडीपीओ की तीन सदस्यीय समिति कार्यों का निष्पादन कर रही थी. समाज कल्याण विभाग की विभाग की ओर से ही सीडब्ल्यूसी के गठन की प्रक्रिया शुरू की गयी. ऑन लाईन आवेदन लिया गया. आवेदन को शॉर्ट लिस्ट करने के बाद लिखित परीक्षा ली गयी. उसके बाद काउंसिलिंग कराया गया. अब गठन से संबंधित अधिसूचना जारी की गयी. अधिसूचना के अनुसार किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 27 व बिहार किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) नियमावली 2017 के नियम 15 के प्रावधान के तहत बाल कल्याण समिति का गठन किया गया है. अधिसूचना के मुताबिक सीडब्ल्यूसी कटिहार के अध्यक्ष की जिम्मेदारी शहर के मिरचाईबाड़ी निवासी राजेश कुमार सिंह को दी गयी है. जबकि शहर के मिरचाईबाड़ी निवासी कुमारी रेणु, सुभाष कॉलोनी निवासी लता कुमारी व शहर के हृदयगंज कोसी कॉलोनी निवासी गुड़िया कुमारी को समिति के सदस्य के रूप में चुना गया है. तीन वर्षों के लिए होगा कार्यकाल किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 में वर्णित देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाला बालक के विषय में समिति को उक्त अधिनियम की धारा के तहत प्रदत्त शक्तियां प्राप्त होगी. नवगठित समिति के सामाजिक कार्यकर्ता सदस्यों की कालावधि तीन वर्षों की होगी, जो नियुक्ति की तिथि अर्थात अधिसूचना की निर्गत तिथि से मान्य होगी. समिति के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति कालावधि (तीन वर्ष) के साथ स्वत: समाप्त समझी जायेगी. नवगठित बाल कल्याण समिति का क्षेत्राधिकार जिला स्तरीय होगा. समिति के अध्यक्ष व सदस्यों को किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 27 की उपधारा सात में अंकित प्रावधान के आलोक में उन्हें पद से हटाया जा सकेगा. समिति की बैठक में कोरम के लिए न्यूनतम तीन सदस्य होंगे. जिसमें अध्यक्ष भी सम्मिलित हो सकेंगे. बिहार किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख एवं संरक्षण) नियमावली 2017 में उल्लिखित प्रावधान के अनुसार अध्यक्ष या सदस्य किसी भी समय राज्य सरकार को एक माह का लिखित नोटिस देकर त्यागपत्र दे सकेंगे एवं समिति द्वारा नियम 16 में निहित नियम और प्रक्रिया का पालन करना होगा.

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