कटिहार पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने यात्रियों के लिए स्वच्छ, स्वास्थ्यप्रद व आरामदायक यात्रा के दौरान निरंतर सफाई के लिए ऑनबोर्ड हाउसकीपिंग सेवाएं, स्टेशनों और डिपो पर मशीनीकृत सफाई व्यवस्था, पर्यावरण अनुकूल अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए जैव-शौचालय का बढ़ावा दिया है. एनएफआर ने अत्याधुनिक बैक्टीरिया इनोकुलम्स जनरेशन प्लांट, परीक्षण प्रयोगशाला चालू किया है. एनएफआर भारतीय रेलवे का पहला जोन बन गया है. जो जैव-शौचालय इनोकुलम्स के उत्पादन और गुणवत्ता का विश्वास, दोनों को एक ही छत के नीचे समाहित करता है. यह फिलहाल कामाख्या केवाईक्यू कोचिंग डिपो में शुरू किया गया है. जिसे अन्य रेल मंडल में भी शुरू किया जायेगा. बायो टॉयलेट पर्यावरण के लिए बेहतर बायो-टॉयलेट ट्रेनों में पर्यावरण के अनुकूल व स्वच्छ सफाई व्यवस्था के लिए बेहतर है. इस प्रणाली का मुख्य आधार एनारोबिक माइक्रोबियल इनोकुलम्स एएमआई है, जो एक विशेष जीवाणु समाधान है. यह मानव अपशिष्ट को विघटित करने में मदद करता है. जिससे स्वच्छ और अधिक टिकाऊ ऑनबोर्ड स्वच्छता में मदद मिलती है. इस नई सुविधा की उत्पादन क्षमता 2,000 लीटर प्रतिदिन है. इन-हाउस उत्पादन के साथ, एनएफआर अब पहले की तुलना में काफी कम लागत पर इनोकुलम का निर्माण करता है. साथ ही डीआरडीओ प्रमाणित गुणवत्ता भी सुनिश्चित करता है. कहते हैं अधिकारी यह विकास स्टेशनों व ट्रेनों में स्वच्छता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो यात्रियों को अधिक खुशनुमा, स्वच्छ और आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान करता है. स्टेशनों पर मशीनीकृत प्रणालियों और ऑनबोर्ड पर नवीन इन-हाउस स्वच्छता समाधानों सहित सक्रिय सफाई उपायों के साथ, एनएफआर रेलवे स्वच्छता में नए मानक स्थापित कर रहा है. इस प्रगतिशील पहल के माध्यम से स्वच्छ ट्रेनों और स्वच्छ भारत के विजन के साथ स्वच्छ, सुरक्षित वातावरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है. कपिंजल किशोर शर्मा मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी एनएफ रेलवे
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