– मियाजाकी की खेती से बागवान बना मिसाल 2.5 लाख रुपये किलो है अंतरराष्ट्रीय कीमत कोढ़ा कोढ़ा प्रखंड के खेरिया गांव के निवासी प्रशांत चौधरी ने अपने बगीचे में मियाजाकी आम की खेती करने का दावा किया है. इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में दो से ढाई लाख रुपये प्रति किलो है. मियाजाकी आम जापान के मियाज़ाकी शहर में उगाया जाता है. वहीं से इसका नाम पड़ा है. प्रशांत चौधरी पहले दिल्ली में एक प्रतिष्ठित आईटी कंपनी में कंप्यूटर इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे लेकिन गांव की मिट्टी की खुशबू और बागवानी के प्रति जुनून उन्हें खींच लाया. उन्होंने अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर करीब 15 एकड़ भूमि पर बागवानी शुरू की. आज उनके बगीचे में अमरूद, पपीता, सेब, मौसमी, नींबू, संतरा, इलायची, अगरवुड के साथ-साथ मियां जाकी आम भी लहलहा रहा है. उन्होंने कहा कि बगीचे में पूरी तरह जैविक खेती करते हैं. किसी भी प्रकार के रासायनिक खाद या कीटनाशकों का उपयोग नहीं करते. उनका मानना है कि मिट्टी को जहर से नहीं, पोषण से मजबूत बनाना चाहिए. यही कारण है कि उनके बगीचे का हर फल स्वाद और गुणवत्ता दोनों में बेहतरीन है. आम की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी लगाया मियाजाकी आम की खासियत और कीमत को देखते हुए प्रशांत ने इसके पेड़ की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की है. आम के फलने के साथ ही इसकी निगरानी शुरू हो गयी है. ताकि किसी प्रकार की चोरी या नुकसान से इसे बचाया जा सके. मियां जाकी आम न केवल महंगा है. बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद माना जाता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट, बीटा कैरोटीन और फोलिक एसिड जैसे तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. साथ ही इसमें शुगर कंटेंट भी 15% या उससे अधिक होता है. इस किस्म की खेती के लिए तेज धूप और अधिक वर्षा उपयुक्त मानी जाती है. कोढ़ा की जलवायु इस आम के लिए बिल्कुल अनुकूल साबित हो रही है.
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