– प्रभु यीशु का जन्म सृष्टि में मनुष्यों का उद्धार करने के लिए हुआ कटिहार प्रभु यीशु को याद करते हुए ईसाई धर्मलंबियों ने शुक्रवार को गुड फ्राइडे मनाया. इसको लेकर शहर के कैथोलिक चर्च तथा बेथल मिशन चर्च में कार्यक्रम का आयोजन हुआ. मान्यता है कि आज के ही दिन प्रभु इसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था, लिहाजा गुड फ्राइडे के दिन को इसीई समुदाय से जुड़े लोग शोक दिवस के रूप में मनाते हैं. कटिहार साहेबपाड़ा स्थित कैथोलिक चर्च में इशा मसीह प्रभु यीशु की प्रार्थना कर और अपने पापों की क्षमा मांगे. मौके पर चर्च के फादर ने कहा कि प्रभु यीशु का जन्म सृष्टि में मनुष्यों का उद्धार करने के लिए हुआ था, जिसको लेकर प्रेम, ज्ञान और अहिंसा का संदेश देने के लिए मनाया जाता है. प्रभु यीशु का बलिदान पूरी मानवता के लिए प्रेरणा का दिन है. क्योंकि यह हमें सिखाता है कि सच्चा प्रेम, त्याग और क्षमा जीवन के मूल आधार है. यीशु मसीह ने अपने जीवन और मृत्य के माध्यम से यह दर्शाया कि अंधकार के बाद उजाला, दुःख के बाद सुख आता है, और मृत्य के बाद जीवन संभव है. गुड फ्राइडे का दिन दुख,आशा, बलिदान और मुक्ति का प्रतीक है, ये हमारे जीवन में झांकने और जीवन के सच्चे अर्थ को समझने की प्रेरणा देता है. गौरतलब है यह त्यौहार बलिदान और पीड़ा का प्रतीक है, इसी को लेकर जहां शनिवार को साइलेंट डे मनाया जायेगा जबकि रविवार को यीशु जीवित होकर आते हैं इसे ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है