बलिया बेलौन मेराज मरकजी रौयते हेलाल इस्लाही कमेटी सालमारी के मौलाना मेराज आलम ने ईद उल अजहा की फजीलत बताते हुए कहा की कुर्बानी का त्योहार ईद उल अजहा सात जून को अदा की जायेगी. ईदगाहों में नमाज अदा करने के बाद हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम की सुन्नत को अदा करते हुए घरों में जानवरों की कुर्बानी अदा करेंगे. जिलहिज्जा की 10 वीं तारीख को मक्का में दुनिया भर के मुसलमान जमा होकर हज की अदायगी करेंगे. हर अहले निशाब पर हज और कुर्बानी फर्ज है. इस्लाम के मुताबिक हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने अपने बेटे हज़रत इस्माईल अलैहिस्सलाम को इसी दिन खुदा के हुक्म पर खुदा के राह में कुर्बान करने जा रहे थे. अल्लाह रब्बुल इज्जत ने इस के बदले दुमबा की कुर्बानी करा दी. इसी की याद में हर साल 10 जिलहिज्जा को कुर्बानी अदा की जाती है. कुर्बानी के जानवर का हर एक बाल के बदले, इस के हर एक खुन के कतरा का शवाब मिलता है. जिलहिज्जा के 10वीं, 11 वीं, 12 वीं तारीख तक कुर्बानी अदा की जा सकती है. इस दौरान 13वीं जिलहिज्जा के अशर तक हर नमाज के बाद तकबीर ए तफसीर अल्लाह हो अकबर, अल्लाह हो अकबर, लाइलाहा इल्लल्लाहो, वअल्लाह हो अकबर, अल्लाह हो अकबर व लिल्लाह हिल हम्द पढ़ना वाजिब है.
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