राज्ञी जत्था भाई मलकित सिंह ने गुरुवाणी का श्रवण करा संगतों को किया निहाल- सुबह निकाली गई प्रभात फेरी बरारी प्रखंड अन्तर्गत श्रीगुरु नानक देव एवं श्रीगुरु तेग बहादुर जी महाराज की पावन स्थली एतिहासिक गुरुद्वारा भवानीपुर गुरूबाजार काढागोला साहिब में खालस पंथ के प्रथम गुरु श्रीगुरु नानक देव जी महाराज की 556वां जयंति पर आयोजित प्रकाश पर्व में गुरुद्वारा साहिब को खूब सुरत ढंग से सजाया गया. महाराज की पालकी साहिब को फूलों से सजाया गया. जबकि अमृत वेले पंजो प्यारो की अगुवाई में संगतों ने प्रभात फेरी निकाली गई जो नगर भ्रमण कर वापस गुरु द्वारा साहिब में समाप्त हुई. गुरु के सेवक भाई गुरिन्दर पाल सिंह व राजी जत्था भाई मलकित सिंह ने शब्द गायन कर सर्व साध संगत को बताया कि गुरु नानक देव जी महाराज ने मानवता, एकता, सेवा, और सच्चे प्रेम जैसी कई बातें सिखाई हैं. गुरु नानक देव जी ने अपनी शिक्षाओं को नाम जपो, किरत करो और वंड छको के मूल मंत्र दिया. जिसे मूल मंत्र भी कहा जाता है. जिसका अर्थ है नाम जपें, मेहनत करें और बांट कर खाएं. सजे दीवान में संगतों ने देर रात्री तक गुरु की महिमा को आत्मसात किया. गुरुवाणी उपरांत हेडग्रंथी भाई सुरजीत सिंह ने मानव कल्याण अरदास कर कढ़ाह प्रसाद का वितरण कर लंगर अटूट बरताया गया. रात्री आतिबाजी भी की गई. स्त्री सतसंग सभा की महिलाएं बढ़चढकर हिस्सा लिया. बच्चियों ने भी गुरुवाणी का श्रवण कराया. गुरु का लंगर अटूट बरताया गया. प्रकाश पर्व को सफल बनाने में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, स्त्री सतसंग सभा, यंग सिख सोसाईटी की बच्चिया एवं सर्वसाध संगत ने भरपूर सहयोग किया.
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