– 266 रुपया की यूरिया की कालाबाजारी, 400 से 500 में बेची जा रही कोढ़ा कोढ़ा प्रखंड में यूरिया की भारी किल्लत के कारण किसानों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. इस समय मक्का की फसल के लिए यूरिया बेहद जरूरी है लेकिन सरकारी दुकानों पर यह उपलब्ध नहीं है. मजबूरी में किसान खुले बाजार से ऊंचे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर हैं. कालाबाजारी के कारण यूरिया की कीमतें 400 से 500 रुपये प्रति बोरी तक पहुंच गयी है. सरकारी दर मात्र 266 रुपये है. गेड़ाबाड़ी स्थित इफको में पिछले 45 दिनों से यूरिया उपलब्ध नहीं है. जिसके कारण किसानों को कालाबाजारी में यूरिया की खरीदारी करनी पड़ रही है. खाद के लिए दर-दर भटक रहे किसान कई इलाकों में किसान खाद के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. लेकिन उन्हें सरकारी दुकानों से खाली हाथ लौटना पड़ रहा है. छोटे किसान इस स्थिति से ज्यादा प्रभावित हैं. वे ऊंचे दामों पर खाद खरीदने में सक्षम नहीं हैं. किसान रामलाल यादव ने बताया कि मैंने अपनी पांच बीघा जमीन में मक्का की खेती की है लेकिन यूरिया नहीं मिलने के कारण फसल की वृद्धि रुक गई है. अगर समय पर खाद नहीं मिला तो पूरी फसल खराब हो जायेगी. पहले ही महंगाई और कर्ज से परेशान हैं. अब खाद की किल्लत ने हमारी मुश्किलें और बढ़ा दी है. इसी तरह रमेश चौधरी जो पिछले 20 सालों से खेती कर रहे हैं. कहा हर साल समय पर खाद मिल जाता था लेकिन इस बार स्थिति बहुत खराब है. जहां यूरिया उपलब्ध है. वहां इसे ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है. सरकार को जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करना चाहिए. कालाबाजारी से महंगी हुई यूरिया, गरीब किसान परेशान बिनोदपुर पंचायत के भदया रमणा गांव के किसानों ने बताया कि यूरिया की कमी के कारण कुछ लोग इसे ब्लैक मार्केट में ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं. किसान विजय सिंह ने कहा कि सरकारी दर 266 रुपये प्रति बोरी है. लेकिन हम मजबूरी में 400-500 रुपये में यूरिया खरीद रहे हैं. छोटे किसानों के लिए इतनी महंगी खाद खरीदना मुश्किल हो रहा है. दक्षिणी सिमरिया के किसानों ने भी शिकायत की कि टापू गांव के पास कुछ व्यापारी यूरिया 500 रुपये तक बेच रहे हैं. किसानों का कहना है कि प्रशासन को कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. ताकि खाद की कीमतें नियंत्रण में रहें. इफको बाजार में 45 दिनों से यूरिया का अभाव गेड़ाबाड़ी स्थित इफको बाजार के कर्मचारी टोटन चक्रवर्ती ने बताया कि यहां पिछले 45 दिनों से यूरिया उपलब्ध नहीं है. उन्होंने कहा हर रोज किसान यूरिया लेने आते हैं. लेकिन खाद नहीं होने के कारण उन्हें निराश लौटना पड़ता है. कई बार किसानों ने हंगामा भी किया. लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है.
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