आजमनगर प्रखंड क्षेत्र के रोहिया महानंदा घाट पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण की मांग अब जोर पकड़ने लगी है. प्रखंड क्षेत्रवासियों का कहना है कि वर्षों से इस घाट पर पुल की मांग की जा रही है. अबतक सरकार या प्रशासन की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है. प्रखंड क्षेत्र के पांच पंचायतों से हजारों लोगों को प्रखंड मुख्यालय, सीएचसी आने जाने के लिए करीब 25 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. सड़क की स्थिति काफी जर्जर है. लोगों को आजमनगर मुख्यालय पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अगर आजमनगर रोहिया घाट पर उच्च स्तरीय पुल का निर्माण कराया जाता है तो पांच पंचायतों के हजारों लोगों को मात्र 5 किलोमीटर की दूरी ही तय कर प्रखंड मुख्यालय पहुंचने का सुगम रास्ता मिल जायेगा. पांच पंचायतों के लोगों का कहना है बरसात में इस घाट से आवागमन पूरी तरह बाधित हो जाता है. जिससे न केवल बच्चों की पढ़ाई, बल्कि बीमार लोगों के अस्पताल पहुंचने में भी काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. व्यापार, खेती और रोजमर्रा की जरूरतें भी प्रभावित हो जाती है. उच्च स्तरीय पुल को लेकर कटिहार के वर्तमान सांसद तारिक अनवर लम्बे समय तक राजनीति कर चुके हैं एवं 6 बार सांसद भी बने हैं. परंतु आज तक पुल का निर्माण कार्य नहीं हो सका है. पुल न बनने से प्रतिदिन हजारों लोगों को जान हथेली पर रखकर नाव से आवाजाही करना मजबूरी बन गया है. उद्योग व्यापार, खेती बारी सहित अन्य कामकाज भी प्रभावित रहता है. जदयू के पूर्व राष्ट्रीय सचिव सलाउद्दीन के द्वारा आजमनगर-रोहिया में उच्च स्तरीय पुल निर्माण कार्य के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र देकर वस्तु स्थिति से अवगत कराते हुए उच्च स्तरीय पुल निर्माण की मांग कि गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि आजमनगर-रोहिया पुल यदि बनकर तैयार होगा तो रोहिया, माजराही, खोपड़ा, सिकटिया, सिंघौल, घोरदोह, गेंदाबाड़ी, बैरिया सहित लगभग 50 गांव का आजमनगर प्रखंड मुख्यालय से जुड़ाव का एकमात्र आसान रास्ता होगा. यह पुल आजमनगर-रोहिया के हजारों लोगों के लिए युगों से एक आवश्यक मांग रही है.
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