कोढ़ा. जिले की एनएच 31,81 सहित एसएच व ग्रामीण सड़कें मक्का सुखाने का अड्डा बन गयी है. इसी मक्का की वजह से सोमवार की रात आठ बारातियों की मौत हो गयी. इसके पहले भी कई घटनाएं हुई हैं. विशेष रूप से एनएच 81, एनएच-31, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत बनी ग्रामीण सड़कों पर ज्यादा गंभीर हो रही है. हर दिशा से किसान और व्यापारी मक्का सुखाने के लिए सड़क का उपयोग कर रहे हैं. जिससे सड़कें पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाती हैं. ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों की चौड़ाई पहले से ही सीमित है. जिनकी औसत चौड़ाई मात्र 12 फीट होती है. मक्का सुखाने के कारण इन सड़कों की चौड़ाई घटकर आधी से भी कम रह जाती है. इस कारण से वाहन चालकों को बेहद संकीर्ण रास्तों से गुजरना पड़ता है. जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है. मक्के के दानों के ऊपर पहिया चढ़ते ही वाहन असंतुलित हो जाते हैं, और कई बार भयानक हादसे होते हैं. जिनमें कई निर्दोष लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. यह समस्या कोढ़ा प्रखंड के विभिन्न मार्गों पर देखी जा सकती है. चाहे वह कुरसेला से पूर्णिया की ओर जाने वाला मार्ग हो या गेड़ाबाड़ी बाजार से कटिहार की ओर. स्थानीय लोगों के अनुसार, इन सड़कों पर मक्का सुखाने की समस्या साल दर साल बढ़ती जा रही है. लेकिन प्रशासन इस पर गंभीर कदम उठाने में नाकाम है. मक्का सुखाने के दौरान सड़कें पूरी तरह से मक्के की परतों और बिखरे दानों से ढक जाती हैं, जो लोगों के लिए यात्रा करने में बड़ी बाधा बन जाती हैं.
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