प्रभात पड़ताल – घोषणा के एक माह बाद भी शुरू नहीं हुई धान की खरीद नहीं बिका धान, कैसे लगायें रबी फोटो नं. 1 कैप्सन-ट्रैक्टर पर धान की बोरी ले जाते किसान. प्रतिनिधि, कटिहार राज्य सरकार की घोषणा के एक माह बाद भी कटिहार जिले में धान अधिप्राप्ति की शुरुआत नहीं हो सकी है. विभागीय सूत्रों की माने तो धान अधिप्राप्ति शुरू कर दी गयी, जबकि जमीनी स्तर पर धान खरीद शुरू नहीं होने से किसान बेबस व लाचार दिख रहे हैं. दरअसल राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर किसानों से धान क्रय करने में धांधली व बिचौलिया संस्कृति को समाप्त करने के उद्देश्य से इस बार कई तरह के बदलाव किये हैं. बिहार राज्य खाद्य निगम के द्वारा पंजीकृत किसानों का तैयार डाटाबेस के आधार पर धान की खरीद होनी है. जिन पंजीकृत किसानों का डाटा विभागीय वेबसाइट पर अपलोड होगा, उन्हीं किसानों से धान की खरीदारी एसएफसी व पैक्स करेगी. हालांकि विभाग ने डाटाबेस तैयार हो जाने का दावा किया है. यद्यपि सरकार धान अधिप्राप्ति का सीधा लाभ किसानों को देना चाहती है. ऐसे में इस बार धान क्रय करने को लेकर डाटाबेस के आधार पर किसानों से धान खरीद करने व उसके विरुद्ध आरटीजीएस के तहत बैंक खाता में भुगतान करने का प्रावधान किया है. अब तक धान खरीद शुरू नहीं होने से किसान औने-पौने दाम में बिचौलिया के माध्यम से व्यापारियों के पास बेच रहे हैं. उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने एक दिसंबर 2015 से किसानों का धान खरीदने के लिए अधिसूचना जारी की है. अब तक नहीं शुरू हुई है धान की खरीदारीजमीनी स्तर पर अब तक धान क्रय की शुरुआत नहीं हो पायी, जबकि लक्ष्य के विरुद्ध अधिकांश धान पैक्स के माध्यम से खरीदनी है. कई पैक्स अध्यक्ष ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि अब तक पैक्स का सीसी यानी कैश क्रेडिट नहीं हुआ है. फिर वे धान कैसे खरीद सकते हैं. जबकि जिला सहकारिता पदाधिकारी ने दावा किया है कि धान खरीदने वाले पैक्सों का सीसी कर दिया गया है. साथ ही पैक्स के द्वारा धान खरीद भी शुरू कर दी गयी है. प्रगतिशील किसान सुबोध विश्वास, दीप नारायण, त्रिवेणी प्रसाद मंडल, प्रो आरएन मंडल, मो शमशाद, मतीन आदि ने बताया कि अब तक धान की खरीद शुरू नहीं हुई है. धान खरीद शुरू नहीं होने से रबी फसल लगाने में किसानों को परेशानी हो रही है. छोटे व मंझोले किसान तो बिचौलिया के माध्यम से धान औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर हैं. डाटा बेस के आधार पर धान की होनी है खरीदारी. राज्य सरकार ने बिहार राज्य खाद्य निगम को धान अधिप्राप्ति के लिए नोडल विभाग बनाया है. धान अधिप्राप्ति के लिए जारी मार्गदर्शिका के आधार पर अब उन्हीं किसानों से धान क्रय की जायेगी, जिनकी सूची एसएफसी व सरकार की वेबसाइट पर अपलोड किया गया होगा. यानी प्रखंड स्तर से भेजे गये किसानों को जिला कृषि पदाधिकारी व ऑन लाइन पंजीकृत किसानों का डाटाबेस तैयार कर जिला सहकारिता पदाधिकारी के पास भेजा गया. डीसीओ के द्वारा डाटाबेस को एसएफसी के पास भेज दिया गया. एसएफसी डाटाबेस को वेबसाइट पर अपलोड कर दी है. आरटीजीएस के तहत किसानों को होगा भुगतानधान अधिप्राप्ति के लिए निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध किसानों से धान खरीदने के बाद उसका भुगतान किसानों के बैंक खाते में आरटीजीएस के माध्यम से एसएफसी व पैक्स को तुरंत करना है. धान अधिप्राप्ति के मार्गदर्शिका के अनुसार पैक्स किसानों के धान खरीदने के बाद उसका भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से करना है. वहीं एसएफसी भी सीधे किसानों का धान खरीद करने पर उन्हें आरटीजीएस के तहत बैंक खाता में भुगतान दे देना है. पंजीकृत सूचीबद्ध प्रत्येक किसानों से अधिकतम 100 क्विंटल की धान क्रय किया जायेगा. सामान्य धान के लिए समर्थन मूल्य 1410 रुपया प्रति क्विंटल व ग्रेड-ए धान के लिए 1450 रुपया प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जायेगा. राज्य सरकार द्वारा निर्धारित बोनस इसके अतिरिक्त दी जायेगी. 62 हजार एमटी धान खरीद का लक्ष्यराज्य सरकार ने कटिहार जिले को 62 हजार मैट्रिक टन धान खरीद करने का लक्ष्य दिया है. इसमें पैक्स के द्वारा 55800 मैट्रिक टन व एसएफसी 6200 मैट्रिक टन धान का क्रय करेगी. जिले में कुल 238 पैक्स हैं. डीसीओ के अनुसार सभी पैक्स धान खरीद करने के लिए स्वतंत्र है. लेकिन जो पैक्स धान खरीदने को इच्छूक है, उन्हें पहले प्रस्ताव भेजना पड़ेगा. उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष धान अधिप्राप्ति शुरू होते होते आधे से अधिक किसानों का धान औने-पौने दाम में बिक गया. जब क्रय केंद्र के माध्यम से धान की खरीदारी शुरू हुई. तब तक किसान बिचौलिया के हाथों व्यवसायी के पास धान बेच चुके थे. यही वजह रहा कि धान क्रय की निर्धारित लक्ष्य से कटिहार जिला काफी पीछे रह गया था.बिचौलिया के माध्यम से किसान बेचने लगे हैं धानराज्य सरकार के घोषणा के दस दिन बाद भी धान की खरीदारी शुरू नहीं होने पर किसान औने-पौने दाम में बिचौलिया के माध्यम से छोटे व्यवसायी के पास बेच रहे हैं. छोटे व्यवसायी के माध्यम से किसानों का धान बंगाल की मंडी पहुंच रही है. दरअसल किसान धान बेच कर महाजन का कर्ज चुकाने के साथ-साथ रबी फसल के तहत गेहूं, मक्का आदि लगाने में जुट जाते हैं. इन फसलों को लगाने में उन्हें पूंजी की जरूरत होती, जो धान बेच कर पूरा होती है. कहते हैं जिला सहकारिता पदाधिकारीजिला सहकारिता पदाधिकारी प्रभात कुमार ने धान क्रय को लेकर बताया कि जिले में पैक्स के माध्यम से धान क्रय शुरू हो गया है. धान खरीदने वाले पैक्स का सीसी कर दिया गया है. धान खरीदने के विरुद्ध संबंधित किसान को आरटीजीएस के माध्यम से उनके खाते पैक्स द्वारा राशि भेजी जायेगी. धान क्रय का कुल लक्ष्य – 62000 मैट्रिक टनएसएफसी – 6200 मिट्रीक टनपैक्स – 55800 मिट्रीक टनकुल पैक्स – 238समर्थन मूल्य साधारण धान – 1410 रुपया प्रति क्विंटलग्रेड-ए धान – 1450 रुपया प्रति क्विंटल (इसके अतिरिक्त निर्धारित बोनस का भुगतान.
BREAKING NEWS
प्रभात पड़ताल – घोषणा के एक माह बाद भी शुरू नहीं हुई धान की खरीद
प्रभात पड़ताल – घोषणा के एक माह बाद भी शुरू नहीं हुई धान की खरीद नहीं बिका धान, कैसे लगायें रबी फोटो नं. 1 कैप्सन-ट्रैक्टर पर धान की बोरी ले जाते किसान. प्रतिनिधि, कटिहार राज्य सरकार की घोषणा के एक माह बाद भी कटिहार जिले में धान अधिप्राप्ति की शुरुआत नहीं हो सकी है. विभागीय […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement