राणा सिंह, कटिहार : सदर अस्पताल में कुव्यवस्था का आलम बरकरार है. मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल रहा है. जबकि प्रत्येक माह सरकार सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर लाखों रूपये खर्च कर रही है.
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सदर अस्पताल में डॉक्टर तीन दिनों से मरीजों को देखने तक नहीं पहुंचे, मरीजों को नहीं मिल रही बेहतर स्वास्थ्य सेवा
राणा सिंह, कटिहार : सदर अस्पताल में कुव्यवस्था का आलम बरकरार है. मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल रहा है. जबकि प्रत्येक माह सरकार सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर लाखों रूपये खर्च कर रही है. इसके बावजूद मरीजों को बेहतर सुविधा नहीं मिलना कई सवालों को खड़ा करने के लिए काफी […]
इसके बावजूद मरीजों को बेहतर सुविधा नहीं मिलना कई सवालों को खड़ा करने के लिए काफी है. सदर अस्पताल की व्यवस्था ऐसी है कि कई दिन तक अस्पताल में भरती मरीज चिकित्सक का चेहरा तक नहीं देख पाते हैं. हाल यह है कि चिकित्सक रोजाना वार्ड में राउंडप तक नहीं हो पा रहा है.
यहां तक की कई मरीजों का इलाज मात्र सूई के भरोसे ही चल रहा है. चिकित्सक द्वारा लिखी गयी दवाई अस्पताल में नहीं मिल रहा है. जिसके कारण अधिकांश दवाई बाहर से मरीजों को खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है. ऐसे में गरीब मरीज काफी परेशान है.
दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी बेहतर स्वास्थ्य मुहैया कराने के दावे ठोक रहे हैं. सरकार जहां गरीबों को नि:शुल्क बेहतर स्वास्थ्य जांच मिल सकें. इसको लेकर करोड़ों रुपए खर्च कर रही हैं तो वही जमीनी स्तर पर गरीब मरीजों का इलाज सरकारी अस्पताल में बेहतर ढंग से नहीं हो रहा है.
मरीजों को बाहर से खरीदनी पड़ रही दवा
सदर अस्पताल में भरती मरीज स्वास्थ्य व्यवस्था से संतुष्ट नहीं है. वार्ड नंबर 40 में पिछले एक सप्ताह से भरती कुमारीपुर के घुघली साह ने बताया कि गिर जाने के कारण मेरे बाएं पांव में चोट आ गयी है. जिसको लेकर अस्पताल के डॉक्टर ने मुझे यहां भर्ती कर दिया.
भर्ती होने के बाद अस्पताल की तरफ से मात्र मुझे इंजेक्शन ही दिया जा रहा है. जबकि मेरे पर्ची में कई दवाई भी लिखी गयी है. लेकिन आज तक मुझे कोई दवाई नहीं मिली. डॉक्टर भी कभी आते हैं कभी नहीं आते है. नियमित रूप से डॉक्टर जांच नहीं करते है.
मंझेलि के कलंदर अली ने बताया कि मारपीट के दौरान घायल अवस्था में मुझे यहां भर्ती किया गया. सर पर काफी चोटें आयी है. नर्स सिर्फ इंजेक्शन ही दे रही हैं. जबकि इंजेक्शन का भी समय निर्धारित नहीं है. रात के समय तो इंजेक्शन सही समय पर पड़ जाता है, लेकिन सुबह कितने बजे इंजेक्शन लगेगा यह कह पाना मुश्किल है.
जब नर्स आती हैं तभी इंजेक्शन लगाई जाती है. बरारी थाना के घुसकी के नागेश्वर रविदास ने बताया कि पिछले 22 मार्च को मारपीट के दौरान जख्मी की हालत में मुझे यहां भर्ती किया गया है. जबकि मेरा एक पांव फैक्चर हो गया है. एक्सरे कराई गई है. लेकिन दो दिन बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट नहीं आया है. चिकित्सक भी ससमय वार्ड में आकर जांच नहीं करते हैं.
ड्यूटी पर तैनात नर्स को रिपोर्ट के बारे में जब पूछा जाता है तो वह कहती है कि डॉक्टर आयेंगे तब रिपोर्ट अपने आप आ जायेगा. जबकि दर्द से बुरा हाल है. मारपीट में घायल कोढ़ा थाना के सिमरिया के रहने वाले मो तुल्ला ने बताया कि 20 मार्च को सदर अस्पताल में भर्ती हुए हैं. सिर्फ यहां पर इंजेक्शन है दी जाती है.
जबकि विटामिन की दवाई बाहर से खरीदना पड़ रहा है. तीन दिन से चिकित्सक भी चेकअप के लिए नहीं आ रहे हैं. सही इलाज हो रहा है या नही समझ ही नही आता है.
डेहरिया की रहने वाली इतवारी देवी ने बताया कि बुखार व पीठ दर्द के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया है. यहां सिर्फ सलाइन ही चढ़ाया गया है. जबकि खाने के लिए कोई भी दवाई नहीं दी गई है. हालांकि सभी दिन बेडशीट तो बदले जाते हैं. लेकिन रविवार होने के कारण बेडशीट नहीं बदली गयी है.
जिस कारण गंदे चादर में ही सोना पड़ रहा है. जबकि सलाइन चढ़ने से हालत में कोई खास सुधार नहीं देखने को मिल रहा है. जबकि किसी प्रकार की दवाई भी खाने के लिये नही दी जा रही है. अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सभी एडमिट मरीज उंगली उठा रहे थे. सभी अस्पताल व्यवस्था पर अपनी नाराजगी जता रहे थे.
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