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कटिहार : नगर निगम का 366 करोड़ का बजट प्रस्तुत, राजस्व जुटाने पर जोर
कटिहार : नगर निगम में वित्तीय वर्ष 2019-2020 के तहत प्रस्तुत वार्षिक बजट लगभग 366 करोड़ का होगा. प्रस्तुत बजट में बताया गया कि इस वित्तीय वर्ष के तहत अनुमानित आरंभिक शेष राशि एक अरब 29 करोड़ 45 लाख 37 हजार 695 रुपए एवं प्राप्ति 3 अरब 2 करोड़ 22 लाख 34 हजार 201 रुपए […]
कटिहार : नगर निगम में वित्तीय वर्ष 2019-2020 के तहत प्रस्तुत वार्षिक बजट लगभग 366 करोड़ का होगा. प्रस्तुत बजट में बताया गया कि इस वित्तीय वर्ष के तहत अनुमानित आरंभिक शेष राशि एक अरब 29 करोड़ 45 लाख 37 हजार 695 रुपए एवं प्राप्ति 3 अरब 2 करोड़ 22 लाख 34 हजार 201 रुपए का अनुमान किया गया है.
निगम के लिए कुल व्यय 3 अरब 65 करोड़ 76 लाख 18 हजार 408 रुपए का प्रावधान किया गया है. प्रस्तुत बजट प्रावधान के अनुसार स्थापना एवं अन्य राजस्व व्यय में लगभग 2 अरब 11 करोड़ 6 लाख 8 हजार 271 रुपए खर्च किए जाने का अनुमान है.
इसके साथ ही बजट में आधारभूत संरचना एवं अन्य विकास कार्यों में पूंजीगत व्यय के रूप में लगभग एक अरब 54 करोड़ 70 लाख 10 हजार 137 रुपए व्यय उपबंध किया गया है. अनुमानित अंतिम अवशेष राशि 65 करोड़ 91 लाख 53 हजार 487 रुपए रहने का अनुमान है. आज की बजट परिचर्चा में महापौर विजय सिंह, नगर आयुक्त रामजी साह, उपमहापौर मंजूर खान, उप नगर आयुक्त विनोद कुमार एवं देव आनंद, सहायक अभियंता अमर कुमार झा एवं नगर प्रबंधक अजफर इस्लाम मुख्य रूप से शामिल रहे.
मौके पर कनीय अभियंता अजय कुमार, आइटी सहायक राम कुमार भारती, प्रधान सहायक अशोक कुमार द्विवेदी, वार्ड पार्षद कमल दास, कृष्णा सिंह, सूरज प्रकाश राय, निशी महतो, सुधा महतो, कंचन देवी, बबली देवी, अनीता शर्मा, कृष्णा देवी, दीपक कुमार मंडल, यासीन मुखिया, विमल सिंह बेगानी, गीता देवी, चंद्रशेखर यादव, गुंजन घोष, भोला साहनी, पप्पू कुमार पासवान, नौशाद कुरेशी, रमेश कुमार यादव एवं अंजू देवी समेत अन्य वार्ड पार्षद एवं निगम कर्मी उपस्थित थे.
प्रमुख खर्च ये शामिल: निगम के खर्चों में स्थापना व्यय, प्रशासनिक व्यय, परिचालन एवं संरक्षण मद के व्यय के अलावा कार्यक्रम संबंधित खर्च का प्रावधान है. इनमें संक्रामक रोगों के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए फागिंग छिड़काव, प्राकृतिक आपदा, स्वच्छ शहर के लिए विशेष अभियान छठ, दीपावली आदि उत्सव के मौके पर सफाई, स्वच्छ भारत मिशन, शौचालय निर्माण, कबीर अंत्येष्टि, एनयूएलएम अनुदान आदि के लिए एक अरब 20 करोड़ 62 लाख रुपए खर्च का प्रावधान किया गया है.
वहीं पूंजीगत व्यय में मार्केट कांप्लेक्स, कंपोस्ट प्लांट, पुस्तकालय, रेन बसेरा, ओल्ड एज होम, शवदाह गृह, वेंडर जोन, सड़क एवं पुल, ड्रेनेज, सर्वजनिक प्रकाश व्यवस्था, संयंत्र एवं मशीनरी, वाहन कार्यालय एवं अन्य उपकरण, फर्नीचर, विद्युत उपकरण आदित के लिए एक अरब 53 करोड 90 लाख का प्रावधान किया गया है.
सड़क निर्माण के लिए 17 करोड़ 33 लाख, सीवरेज और ड्रेनेज के लिए 9 करोड़, जल आपूर्ति के लिए 33 करोड़ 50 लाख, सार्वजनिक शौचालय के लिए 2.5 करोड़, आवास योजना के लिए 60 करोड़, पार्किंग के लिए 1 करोड़ 50 लाख के अलावा बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 के अनुसार शहरी गरीबों की बुनियादी सेवा पर उपलब्ध राशि का 28.45 फ़ीसदी अर्थात एक अरब 22 करोड़ 82 लाख रुपए का उपबंध किया गया है.
बड़े बकायेदारों की सूची अखबार में होगी प्रकाशित
होल्डिंग टैक्स में वृद्धि आगामी बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पारित किये जाने तक टाल दिया गया है. इसके साथ ही निगम ने घोषणा की कि आगामी सभी अनिर्धारित एवं नए मकानों को होल्डिंग कर के दायरे में लाया जाएगा और बड़े बकायेदारों की सूची अखबारों में विज्ञापन के रूप में प्रकाशित की जाएगी. जो लोग होल्डिंग टैक्स का भुगतान समय पर नहीं करेंगे. उन पर बिहार नगर पालिका कर एवं गैर कर विनियम के प्रावधानों के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी.
इसके अतिरिक्त जमीन एवं मकानों के हस्तांतरण पर 2% अतिरिक्त हस्तांतरण शुल्क के रूप में 17 करोड़ की आय का अनुमान, प्रोफेशनल टैक्स से 93 लाख, सड़क किनारे अस्थाई दुकानों, वाहनों, नगर निगम मार्केट से किराए के रूप में 8 करोड़ की आय का अनुमान, ट्रेड लाइसेंस, जन्म मृत्यु, अतिक्रमण हटाने का शुल्क, जुर्माना, भवन अनुज्ञा शुल्क, पानी टैंकर शुल्क, सेप्टिक टैंक क्लीयरेंस आदि से 4 करोड़ 32 लाख, फार्म और प्रकाशन की बिक्री से 22 लाख 90 हजार, केंद्र एवं राज्य सरकार से प्राप्त होने वाली पूंजी एवं राजस्व अनुदान के रूप में, स्वच्छ भारत मिशन, एनयूएलएल अनुदान, मुख्य पार्षद एवं अन्य पार्षदों के लिए अनुदान, 14 वी वित्त, अमृत योजना, सबके लिए आवास योजना, मुख्यमंत्री नाली गली एवं पेयजल, पंचम वित्त आयोग अनुदान, राज्य योजना, आदि से 1 अरब प्राप्ति का अनुमान व्यक्त किया गया है.
इसके साथ ही मोबाइल टावरों पर शुल्क एवं नवीकरण शुल्क निर्धारित कर नोटिस भेजा जाना है. भुगतान नहीं किए जाने की स्थिति में नियमावली के तहत टावर को सील करते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इससे 97 लाख वसूली की उम्मीद है.
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