मोहनिया सदर. भगवानपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग युवती घर से नाराज होकर लगभग पांच-छह दिनों से अपना घर छोड़ इधर-उधर भटक रही थी, जिसे अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को पुलिस के हवाले कर दिया. मोहनिया सिविल कोर्ट के अधिवक्ता विजय कुमार शुक्रवार को जब अपने घर कुदरा से इंटरसिटी एक्सप्रेस से भभुआ रोड स्टेशन पहुंचे, तो उनकी नजर प्लेटफाॅर्म पर रोती-बिलखती एक नाबालिग बच्ची पर पड़ी, उन्होंने जब बच्ची से कारण पूछा तो युवती द्वारा बताया गया कि उसके माता-पिता उसकी शादी जबर्दस्ती करना चाहते हैं. जबकि, वह अभी आगे की पढ़ाई करना चाहती है. इससे वह अपने माता-पिता से नाराज होकर घर से निकल गयी है. इतना सुनने के बाद बच्ची की सुरक्षा को लेकर सतर्क अधिवक्ता विजय कुमार ने इस मामले की जानकारी अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष नागेंद्र कुमार सिंह को दी, तो अध्यक्ष ने युवती को अधिवक्ता संघ कार्यालय लाने की बात कही. युवती ने अधिवक्ताओं को बताया कि वह उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय कसेर भगवानपुर से वर्ष 2025 में साइंस से इंटरमीडिएट की परीक्षा में 64.5 प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रथम श्रेणी से परीक्षा उत्तीर्ण की है और वह आगे की पढ़ाई करना चाहती है, लेकिन उसके माता-पिता जबर्दस्ती उसकी शादी करना चाहते है. जबकि, उसकी जन्मतिथि फरवरी 2008 है, जब वह शादी करने से इनकार करती है तो माता-पिता उसको मारते-पीटते हैं. इसलिए वह पिछले लगभग पांच-छह दिनों से भभुआ रोड स्टेशन पर महिला यात्रियों के बीच रहकर रात गुजार रही है. कुछ रुपये पास में थे उसी से लिट्टी चोखा आदि खाकर समय काट रही है. साथ ही उसने बताया कि उसकी एक बड़ी बहन व एक छोटा भाई भी है, सभी पढ़ रहे है और पिता बीज भंडार की दुकान चलाते हैं. थानाध्यक्ष व परिजनों को फोन कर दी जानकारी युवती से पूरी जानकारी लेने के बाद अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष नागेंद्र कुमार सिंह ने मोहनिया थानाध्यक्ष को फोन कर मामले से अवगत कराया और साथ ही युवती के पिता को फोन कर बुलाया. सूचना मिलते ही थाना के एसआई अमन कुमार महिला पुलिस के साथ अधिवक्ता संघ कार्यालय पहुंचे और युवती से मामले की जानकारी ली. साथ ही अधिवक्ताओं की मौजूदगी में युवती की पूर्ण सुरक्षा का भरोसा देकर युवती को थाना ले गये. अधिवक्ताओं ने कहा कि पिछले दिनों पुलिस ने जिस तरह गैर जिम्मेदाराना हरकत करते हुए बड़ी बाजार की एक युवती को ट्रेन पर बैठा कर अपनी जिम्मेदारियों से पीछा छुड़ा लिया था, जबकि उस युवती की दिमागी हालत ठीक नहीं थी, जहां अभी तक उस युवती का कोई पता भी नहीं चल सका है. हम अधिवक्ता कानून के सजग प्रहरी हैं, इसलिए उक्त युवती को पूरी जिम्मेदारी के साथ वार्तालाप कर उसके परिजन काे जानकारी देते हुए युवती को पुलिस को सौंपा गया है.
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