दुर्गावती. स्थानीय प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत खजुरा पंचायत के जमुरनी गांव स्थित आंगनबाड़ी कोड संख्या 67 का भवन देखरेख के अभाव काफी जर्जर हो चला है. इस भवन में छोटे-छोटे बच्चे पठन-पाठन करते हैं. बताया जाता है कि इस गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय परिसर में ही यह आंगनबाड़ी भवन बना हुआ है. भवन इतना जर्जर हो गया है कि बारिश के दिनों में इसके छज्जों से पानी का रिसाव शुरू हो जाता है, तब इसके प्लास्टर भी झड़ने शुरू हो जाते हैं. तब इस भवन की स्थिति इतनी भयावह हो जाती है कि कब गिर जायेगा कुछ कहा नहीं जा सकता. बारिश व लू भरी तपीश के शुरू होते पठन-पाठन के दौरान बच्चे सहम जाते हैं. इस भवन की खिड़कियों के दरवाजे भी टूट कर बिखर चले हैं. इस संबंध में यहां की आंगनबाड़ी सेविका तेतरी देवी कहती हैं कि कई बार विभाग को सूचित किया गया है. भवन इतना जर्जर है कि कभी भी गिर सकता है. दरवाजे सब टूट कर खत्म हो चुके हैं. इतना ही नहीं यहां पूर्व का बना शौचालय भी खराब हालत में है. ऐसी स्थिति में छोटे-छोटे बच्चे इस आंगनबाड़ी केंद्र पर पढ़ाई करते हैं. बगल से पानी लाकर बच्चों को खाना और पानी पीने की व्यवस्था करनी पड़ती है. यहां नामांकित बच्चों की संख्या 35 बतायी जाती हैं. ग्रामीणों ने प्रकाशन के माध्यम से शासन-प्रशासन से गुहार लगायी है कि यहां पर आंगनबाड़ी केंद्र के लिए एक अच्छे भवन की आवश्यकता है, जिसमें बच्चों के लिए शौचालय तथा पीने के पानी की भी व्यवस्था सुदृढ़ हो, ताकि एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित माहौल में बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सकें. इस संबंध में पूछे जाने पर सीडीपीओ ममता चौधरी ने कहा कि भवन की मरम्मत कराने के लिए लिखा गया है तथा पीएचइडी को भी लिखा गया है. जहां तक शौचालय की बात है तो इसके लिए भी पत्राचार किया गया है. उम्मीद है जल्द ही मेंटेनेंस का कार्य शुरू हो जायेगा.
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