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Kaimur news : बिहार बजट में महिला सशक्तीकरण, रोजगार पर फोकस

बिहार में इस साल चुनावी साल रहने के बीच सोमवार को सरकार के डिप्टी सीएम व वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विधानसभा में बिहार का 3.17 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया.

भभुआ सदर. बिहार में इस साल चुनावी साल रहने के बीच सोमवार को सरकार के डिप्टी सीएम व वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विधानसभा में बिहार का 3.17 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया. चुनावी साल में बजट का फोकस महिलाओं पर रहा है. इसमें वूमेन हाट, महिलाओं के लिए जिम और गरीब लड़कियों की शादी के लिए विवाह मंडप जैसी योजनाओं का ऐलान किया गया है. इस बार सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाएं और जनकल्याणकारी योजनाओं के अलावा राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने पर फोकस किया गया है. बजट में बिहार सरकार ने इस बार स्कॉलरशिप की राशि एक हजार से बढ़ाकर दो हजार रुपये प्रति माह कर दिया है. इसके अलावा बजट में राज्य के प्रमुख शहरों में पिंक बस सेवा शुरू करने, जिसमें यात्री, चालक और कंडक्टर भी महिला रखने और राज्य के प्रमुख शहरों में महिला वाहन प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना करने और इसमें प्रशिक्षक भी महिलाएं रखने की घोषणा सरकार ने की है. वहीं, अनुमंडल में अनुमंडलीय अस्पताल के अलावा एक अन्य रेफरल अस्पताल का निर्माण करने, राज्य सरकार द्वारा लोक स्वास्थ्य प्रबंधन संवर्ग का सृजन करने, संपूर्ण राज्य में शहरी क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से वंचित वर्ग के लोगों के लिए, स्लम क्षेत्रों इत्यादि के लिए नगर चिकित्सा सुविधा केंद्रों की स्थापना करने और सभी नौ प्रमंडलों के जिला मुख्यालयों में 108 चिकित्सा केंद्रों को स्थापित करने, मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग व अत्यंत पिछड़ा वर्ग प्री-मैट्रिक छात्रवृति योजना अंतर्गत राज्य के सरकारी विद्यालय, सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त तथा स्थापना प्रस्वीकृत विद्यालयों में कक्षा एक से दस तक में अध्ययनरत पिछड़ा वर्ग व अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के छात्रवृत्ति दर को दोगुना करने, शहरों में महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट शुरू करने, सभी जिलों में आधुनिक बस स्टैंड बनाने, साइबर अटैक से बचाने के लिए डेटा सेंटर स्थापित करने, कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए छात्रावास की स्थापना करने, महिला स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए महिला चालकों को इ-रिक्शा व दो पहिया वाहन के व्यावसायिक परिचालन के लिए क्रय करने पर नकद अनुदान का प्रावधान करने की घोषणा वित्त मंत्री सम्राट चौधरी द्वारा की गयी है. इस बार बिहार के चुनावी साल में बजट पर लोगों की राय.. = बजट में सबके फायदे की सोची गयी है बात – बिहार के लिए बजट में बहुत कुछ है. लोगों को समझना चाहिए कि बजट किसी खास के लिए केंद्रित नहीं है बल्कि महिला सशक्तीकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि पर केंद्रित है और ऐसा होना भी चाहिए था, क्योंकि ये मूलभूत आवश्यकताएं हैं. डॉ अरविंद द्विवेदी, चिकित्सक – आम बजट में महिलाओं के लिए रसोई में राहत देने का कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है, जिससे कि महिलाएं राहत महसूस कर सकें. बजट में महंगाई को नियंत्रित करने के लिए भी कोई कारगर कदम नहीं उठाये गये हैं, जिससे दिन-प्रतिदिन महिलाओं की रसोई पर विशेष बोझ बढ़ता जा रहा है. अनुराधा पटेल, गृहिणी – बजट सेंट्रलाइज रहा और किसी खास चीज पर ना होकर सबके फायदे की बात सोची गयी है. लेकिन व्यवसायियों को बजट से निराशा हुई है, उनके लिए कुछ खास नहीं रहा है. बजट से बड़े व्यापारियों को फायदा होगा. हम जैसे छोटे व्यवसायियों को कोई खास फायदा होने वाला नहीं है. हालांकि, बजट में महिलाओं को बढ़ावा देने की घोषणा सराहनीय है. निर्मला रस्तोगी, महिला व्यवसायी – इस बार का बजट सराहनीय है और महिला सशक्तीकरण, एजुकेशन व स्वास्थ्य के लिए खास ध्यान दिया गया है, जो अच्छी पहल है. बजट की सराहना की जानी चाहिए. खासकर, बेेरोजगार नौजवानों को रोजगार दिये जाने का प्रावधान सराहनीय है. सतीश सिंह, अधिवक्ता – यह बजट संतुलित है और सभी वर्गों के हित को ध्यान में रखकर बनाया गया है. बजट में शहरी व्यवस्था को सुधारने, ड्रेनेज व सीवरेज का निर्माण शुरू करने आदि का प्रावधान भी बढ़िया है. हालांकि, सरकार के बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने पर कोई नया प्रावधान नहीं किये जाने से आमलोगों को राहत नहीं मिलेगी. रवि अग्रवाल, व्यवसायी

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