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Kaimur News : 24 घंटे के अंदर पुलिस के बड़े अधिकारी पहुंचें घटनास्थल

थानों में दर्ज होने वाले केस के अनुसंधान की गुणवत्ता बढ़ाने व पारदर्शिता लाने के लिए पुलिस मुख्यालय लगातार बिहार पुलिस को हाइटेक बनाने में जुटी है व पुलिस मुख्यालय का प्रयास है कि पुलिस के ज्यादा से ज्यादा काम ऑनलाइन किया जाये

भभुआ कार्यालय. थानों में दर्ज होने वाले केस के अनुसंधान की गुणवत्ता बढ़ाने व पारदर्शिता लाने के लिए पुलिस मुख्यालय लगातार बिहार पुलिस को हाइटेक बनाने में जुटी है व पुलिस मुख्यालय का प्रयास है कि पुलिस के ज्यादा से ज्यादा काम ऑनलाइन किया जाये, ताकि काम में तेजी के साथ-साथ किसी भी घटना को लेकर क्या काम किया जा रहा है, उस पर आसानी से निगरानी रखा जा सके. इसी क्रम में पुलिस मुख्यालय द्वारा एक इ-साक्ष्य एप बनाया गया है, जिस पर किसी भी घटना के घटित होने के बाद 24 घंटे के अंदर घटनास्थल की तस्वीर व गवाहों के बयान को ऑनलाइन रिकॉर्ड कर अपलोड करना है. इसके साथ ही घटना घटित होने के बाद थानेदार के अलावा गंभीर किस्म की घटना होने पर जिले के एसपी स्वयं एवं घटना की गंभीरता के अनुसार एसडीपीओ, इंस्पेक्टर 24 घंटे के अंदर घटनास्थल पर पहुंचकर इसका फोटो उक्त एप पर अपलोड करना सुनिश्चित करेंगे. पुलिस के वरीय अधिकारी घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद पांच दिनों के अंदर अनुसंधानकर्ता को पर्यवेक्षक टिप्पणी भी निर्गत करना सुनिश्चित करेंगे, यानी पुलिस मुख्यालय के द्वारा स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया है कि किसी भी तरह की घटना घटित होने पर पुलिस के वरीय अधिकारी घटनास्थल पर 24 घंटे के अंदर पहुंचेंगे व पांच दिनों के अंदर हर हाल में अनुसंधान करता को पर्यवेक्षक टिप्पणी निर्गत करेंगे. = अनुसंधानकर्ता अब ऑनलाइन बयान दर्ज करने से लेकर लिखेंगे डायरी पुलिस मुख्यालय के निर्देश के मुताबिक अब किसी भी कांड के दर्ज होने पर उसकी केस डायरी कागज के बजाय ऑनलाइन लिखना है, साथ ही ई साक्ष्य एप पर घटनास्थल का फोटो उक्त कांड की गवाह का बयान ऑनलाइन रिकॉर्ड करना है. केस डायरी भी उक्त एप पर ही अनुसंधानकर्ता के द्वारा लिखा जायेगा. केस में प्रवेक्षण टिप्पणी भी प्रवेक्षण करने वाले अधिकारी के द्वारा ऑनलाइन ही लिखा जाना है. कुल मिलाकर देखें तो इस एप के जरिये पुलिस का अधिकतर काम अब ऑनलाइन किए जाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि अनुसंधान से लेकर पुलिस के कार्य में तेजी लाने के साथ-साथ पारदर्शी बनाया जा सके. = पुलिस पदाधिकारी को कंप्यूटर चलाने में दक्ष बनाने का निर्देश लैपटॉप या मोबाइल के जरिए ऑनलाइन पुलिस के पदाधिकारी केस के अनुसंधान से लेकर केस डायरी लिख सकें व ज्यादा से ज्यादा तकनीकी मदद से डिजिटल साक्ष्य इकट्ठा करें, इसके लिए पुलिस के एएसआई से लेकर इंस्पेक्टर तक के पुलिस अधिकारियों को कंप्यूटर की ट्रेनिंग दी जा रही है. प्रतिदिन हर थाने में एक घंटे कंप्यूटर की ट्रेनिंग दी जा रही है. यह ट्रेनिंग लगातार दो महीने तक पुलिस के पदाधिकारियों को दी जायेगी. इसके बाद उनका टेस्ट लिया जायेगा, जब तक की पुलिस पदाधिकारी कंप्यूटर चलाने के टेस्ट में पास नहीं होंगे तब तक उनके प्रशिक्षण का कार्य चलता रहेगा. सभी पुलिस पदाधिकारी को कंप्यूटर व मोबाइल चलाने में दक्ष बनाने का निर्देश दिया गया है, ताकि वह कांड के अनुसंधान से लेकर घटनास्थल का फोटो वीडियो व बयान आसानी से रिकॉर्ड कर सके. = लैपटॉप व मोबाइल खरीदने के लिए दिये जा रहे रुपये सभी पुलिस पदाधिकारी को कंप्यूटर फ्रेंडली बनाने व हाईटेक बनाने के लिए पुलिस मुख्यालय के द्वारा लैपटॉप व मोबाइल खरीदने के लिए पैसा दिया जा रहा है. सभी पुलिस पदाधिकारी को 60000 लैपटॉप खरीदने के लिए व 20000 मोबाइल खरीदने के लिए दिया जा रहा है. इसी लैपटॉप पर मोबाइल के जरिए अपना केस डायरी लिखने के साथ-साथ ई साक्ष्य एप पर बयान व फोटो वीडियो अपलोड कर सकेंगे. एसडीपीओ शिव शंकर कुमार ने बताया कि सभी पुलिस पदाधिकारी को एक सप्ताह के अंदर मोबाइल व लैपटॉप खरीदने का निर्देश दिया गया है, अगर जो पुलिस पदाधिकारी एक सप्ताह के अंदर मोबाइल व लैपटॉप नहीं खरीदेंगे, उनके वेतन बंद किये जाने का निर्देश एसपी के द्वारा दिया गया है. 10 पुलिस पदाधिकारी को छोड़ सभी का बन गया है आइडी इ साक्ष्य एप पर घटनास्थल का वीडियो फोटो अपलोड करने के लिए प्रत्येक पुलिस पदाधिकारी का आइडी होना अनिवार्य है. आईडी बनाये जाने के बाद ही पुलिस पदाधिकारी उक्त एप पर केस डायरी लिख सकेंगे. जिले में 10 पुलिस पदाधिकारी को छोड़ सभी पुलिस पदाधिकारी का आइडी बना लिया गया है. प्रतिदिन जो ट्रेनिंग दी जा रही है उसका फोटो भी ग्रुप में थानाध्यक्ष को अपलोड करना है. = क्या कहते हैं एसपी एसपी हरिमोहन शुक्ला ने बताया कि पुलिस मुख्यालय का स्पष्ट निर्देश है कि अब केस डायरी कागज पर लिखने के बजाय पुलिस मुख्यालय द्वारा बनाये गये एप पर लिखा जाना है. इसके लिए सभी पुलिस पदाधिकारी को मोबाइल व लैपटॉप खरीदने के लिए पैसा भी दिया जा रहा है. सभी पुलिस पदाधिकारी का आईडी बन गया है, उन्हें कंप्यूटर का प्रशिक्षण भी प्रतिदिन दिया जा रहा है. हमारा प्रयास है कि बहुत जल्द पुलिस पदाधिकारी केस डायरी लिखने से लेकर घटनास्थल का फोटो वीडियो अपलोड करना ऑनलाइन सीख जाएं.

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