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चापाकल कई माह से खराब, टंकी का गर्म पानी पीने को मरीज मजबूर

नीय अनुमंडलीय अस्पताल में इस भीषण गर्मी में भी पीने के पानी को लेकर मरीज व कर्मी परेशान हैं. अस्पताल परिसर में लगे चापाकल कई महीनों से खराब हैं, तो ट्राॅमा सेंटर में आरओ मशीन भी खराब है.

मोहनिया शहर. स्थानीय अनुमंडलीय अस्पताल में इस भीषण गर्मी में भी पीने के पानी को लेकर मरीज व कर्मी परेशान हैं. अस्पताल परिसर में लगे चापाकल कई महीनों से खराब हैं, तो ट्राॅमा सेंटर में आरओ मशीन भी खराब है. ऐसे में इस भीषण गर्मी से बेहाल मरीज टंकी का खौलता हुआ गर्म और गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. मालूम हो कि अनुमंडलीय अस्पताल में प्रतिदिन 200 से अधिक ओपीडी में मरीज इलाज के लिए पहुंचते है. यहां इस भीषण गर्मी में पीने के पानी के लिए इधर उधर भटकते नजर आते हैं. इसका मुख्य कारण है अस्पताल के मुख्य गेट के पास ही लगा चापाकल कई महीनों से खराब है, जबकि टंकी से जुड़े नल से निकलने वाला पानी काफी गर्म रहता है, जो मरीजों को पी पाना भी मुश्किल है. मजबूरी में मरीज बाहर से पानी खरीद कर पीने को विवश हैं. लेकिन, खास बात यह है कि अस्पताल प्रशासन को भी इस गंभीर समस्या का ध्यान नहीं है. यहां अस्पताल प्रबंधक एसी लगे चैंबर में बैठते हैं. उन्हें जब इस संबंध में फोन भी किया गया, तो फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझे. जबकि, ऐसा नहीं है कि पीने के पानी के लिए केवल मरीज ही परेशान हैं. अस्पताल में कार्य करने वाले कर्मी भी इस भीषण गर्मी में पीने के पानी के लिए भारी परेशानी झेल रहे हैं. कई कर्मी तो घर से ही पानी लेकर आते हैं, तो कई कर्मी अस्पताल के जन औषधि मेडिकल से पानी ले जाते हैं. गौरतलब है कि अनुमंडलीय अस्पताल परिसर में हर वर्ष गर्मी के समय नगर पंचायत द्वारा मरीजों को ठंडा व शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्याऊ भी लगाया जाता था. लेकिन, इस बार अस्पताल में नगर पंचायत द्वारा भी प्याऊ नहीं लगाया गया है, ताकि इस भीषण गर्मी में मरीजों व कर्मियों की प्यास बुझ सके. शीतल पेयजल मशीन का कही पता नहीं मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल के प्रबंधक व उपाधीक्षक जैसे-जैसे बदलते गये, वैसे-वैसे व्यवस्था भी बदलती गयी. कभी अस्पताल के ओपीडी भवन में मरीजों की सुविधा के लिए शीतल पेयजल के लिए लाखों रुपये की लागत से मशीन लगायी गयी थी, जहां मरीज आसानी से अपने बोतल में पानी भर गर्मी में प्यास बुझाते थे. लेकिन, जैसे ही अस्पताल में नये प्रबंधक व उपाधीक्षक आये, तो अब शीतल पेयजल मशीन कहा चली गयी, यह भी किसी को पता तक नहीं है. अब केवल पेयजल की सुविधा के नाम पर एक छोटा सा आरओ मशीन लगा दी गयी है, जिससे हमेशा टंकी का गर्म पानी निकल रहा है. इससे मरीजों को इस भीषण गर्मी में अच्छी खासी परेशानी हो रही है, जिसे देखने वाला शायद कोई नहीं है. # पानी खरीद कर दवा खाने को मरीज विवश मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल के पुराने भवन में तो लाखों रुपये खर्च कर ट्राॅमा सेंटर बना दिया गया, लेकिन यहां आये गंभीर रूप से घायल मरीजों को दवा खाने के लिए भी तक एक बूंद पानी तक मिलना संभव नहीं दिखता हैं. ट्रॉमा सेंटर के भर्ती वार्ड में भले ही आरओ मशीन लगायी गयी है, लेकिन कई माह से खराब है. मरीज किसी तरह बाहर से पानी खरीद कर दवा खाते हैं या प्यास बुझाते हैं. जबकि, इस गंभीर समस्या के प्रति अस्पताल प्रशासन भी आंखें मूंद कर सो रही है. # क्या कहते हैं मरीज —इस संबंध में अस्पताल पहुंचे विनय कुमार सिंह ने बताया इस समय भीषण गर्मी है, जबकि अस्पताल का चापाकल खराब है. यदि इसे अस्पताल प्रशासन द्वारा बनवा दिया जाता, तो कम से कम इस भीषण गर्मी में मरीजों को शुद्ध ठंडा पीने का पानी मिल जाता. मरीज टंकी का गर्म खौलता पानी पीने को मजबूर हैं, इसपर अस्पताल प्रशासन को ध्यान देना चाहिए. —इस संबंध में इलाज के लिए पहुंचे मोहम्मद फिदा हुसैन ने बताया कि अस्पताल में पेयजल की जरूर व्यवस्था होनी चाहिए. मरीज टंकी का गर्म पानी कैसे पी सकता है. जबकि, चापाकल भी कई माह से खराब पड़ा है. # बोले अस्पताल उपाधीक्षक इस संबंध में अस्पताल उपाधीक्षक डॉ बदरुद्दीन अंसारी ने पूछे जाने पर बताया अस्पताल का चापाकल खराब है, इसकी हमें जानकारी नहीं है, तत्काल मैनेजर को बनवाने के लिए कहा जायेगा.

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