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एक्सप्रेसवे निर्माण में विधि-व्यवस्था भंग करने वाले किसानों पर होगी कार्रवाई

भारत माला परियोजना की प्रगति को लेकर अधिकारियों ने दिये कई निर्देश

भभुआ नगर. भारत माला परियोजना के तहत चल रहे बनारस-कोलकाता एक्सप्रेसवे निर्माण व किसानों की अधिग्रहित भूमि के मुआवजा भुगतान की प्रगति का जायजा लेने के लिए डीएम सुनील कुमार व पुलिस अधीक्षक हरिमोहन शुक्ला ने गुरुवार को चैनपुर अंचल के सिहोरा व सिकंदरपुर मौजा का निरीक्षण किया. इस दौरान डीएम ने जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि यदि कोई किसान एलाइन्मेंट (अधिग्रहित) भूमि पर धान की रोपनी करता है या धान की रोपाई करने के लिए प्रयास करता है, तो ऐसे किसानों को चिह्नित करते हुए सभी सरकारी सुविधाएं व अनुदान तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाये़ साथ हीं अनुमंडल पदाधिकारी भभुआ को निर्देशित करते हुए कहा कि अगर कोई भी किसान विधि व्यवस्था भंग करता है, तो ऐसे किसानों के विरुद्ध त्वरित कानूनी कार्रवाई की जाये. वहीं, निरीक्षण के दौरान जिला पदाधिकारी ने पाया कि कुछ किसानों द्वारा अब तक भू-अर्जन कार्यालय में मुआवजे के लिए आवेदन नहीं किया गया है. कुछ रैयत आर्बिट्रेटर न्यायालय में भी नहीं गये हैं. इस संदर्भ में जिला पदाधिकारी व पुलिस अधीक्षक द्वारा किसानों से सीधी बातचीत की गयी. उन्हें स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया गया. इसके साथ हीं जिला पदाधिकारी ने किसानों से भी आग्रह किया है कि वे शीघ्र मुआवजे के लिए अपने आवेदन भू-अर्जन कार्यालय में जमा करें. जिन किसानों को मुआवजे की राशि से असहमति है, ऐसे किसान 14 जुलाई को कैमूर में आयोजित आर्बिट्रेटर कैंप कोर्ट में आवेदन जमा करें. = किसानों के लिए अंतिम मौका, जिले में 14 जुलाई को आर्बिट्रेटर कैंप कोर्ट का होगा आयोजन कोलकाता बनारस एक्सप्रेसवे निर्माण में अधिग्रहित भूमि के मुआवजा भुगतान के लिए पटना प्रमंडल के आयुक्त एवं आर्बिट्रेटर के द्वारा 14 जुलाई को कैमूर के दो स्थान चैनपुर व रामपुर में कैंप कोर्ट आयोजित किया जायेगा. आयोजित कैंप में चैनपुर, भभुआ व चांद अंचल के किसान चैनपुर प्रखंड सभागार में रामपुर व भगवानपुर अंचल के किसान रामपुर प्रखंड सभागार में अपने मामले को प्रस्तुत कर सकते हैं. इधर जिला पदाधिकारी सुनील कुमार ने निरीक्षण के दौरान किसानों से अपील करते हुए स्पष्ट कहा कि आर्बिट्रेटर का यह कैमूर में आयोजित अंतिम कैंप कोर्ट होगा. इसके बाद किसी भी रैयत को पटना जाकर व्यक्तिगत रूप से आर्बिट्रेटर न्यायालय में प्रस्तुत होना पड़ेगा. अतः सभी प्रभावित किसानों से अपील की जाती है कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं वही कहा कि जिन किसानों को आर्बिट्रेटर न्यायालय से आदेश प्राप्त हो चुका है, उन्हें एलपीसी एवं वंशावली प्रमाणपत्र के साथ शीघ्र आवेदन जमा करें ताकि भुगतान प्रक्रिया प्रारंभ की जा सके.

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