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फाइलों में दफन हो गया मोहनिया का चर्चित फल व्यवसायी हत्याकांड

दो साल बाद भी पुलिस के हाथ खाली, उद्भेदन नहीं होने से उठे गंभीर सवाल

#दो साल बाद भी पुलिस के हाथ खाली, उद्भेदन नहीं होने से उठे गंभीर सवाल #कई डीएसपी, थानेदार बदले, पर कांड अपनी जगह अडिग #11 दिसंबर 2023 को दिनदहाड़े गोली मार की गयी थी हत्या मोहनिया शहर. स्थानीय शहर के चर्चित फल व्यवसायी हत्याकांड को दो वर्ष पूरे हो चुके हैं, लेकिन मोहनिया पुलिस आज तक इस हाइप्रोफाइल मामले का उद्भेदन नहीं कर पायी है. मामला अब पुलिस फाइलों में धूल खा रहा है और लोगों के बीच पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. गौरतलब है कि 11 दिसंबर 2023 को स्टेशन रोड पर दिनदहाड़े अपराधियों ने घात लगाकर फल व्यवसायी वसिर खान (55 वर्ष), निवासी बड़ी बाजार, पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी. गंभीर रूप से घायल वसिर खान को रेफरल अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद वाराणसी ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान छह दिन बाद उनकी मौत हो गयी थी. घटना के बाद मोहनिया में आक्रोश फूट पड़ा था. लोगों ने चांदनी चौक पर शव रखकर एनएच 19 सहित कई सड़कों को जाम कर घंटों प्रदर्शन किया था. उग्र होते जनाक्रोश को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने एक सप्ताह के भीतर कांड का खुलासा का आश्वासन भी दिया था, मगर दो वर्ष बीत जाने के बाद भी न अपराधी पकड़े गये, न ही कोई ठोस सुराग सामने आया. इन दो वर्षों में तीन डीएसपी और कई थानेदार बदले, लेकिन जांच की दिशा नहीं बदली और केस आज भी वहीं का वहीं खड़ा है. स्थानीय लोग पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि जब किसी केस में आरोपित नामजद होते हैं, पुलिस तेजी दिखाकर गिरफ्तार कर लेती है. लेकिन अज्ञात अपराधियों से जुड़े मामलों में पुलिस की दिलचस्पी गायब हो जाती है. बरहुली में पैक्स अध्यक्ष के बेटे पर फायरिंग के मामले में आरोपित नामजद थे, इसलिए पुलिस ने तुरंत गिरफ्तारी की. वहीं, बरेज के पास महिला हत्या, बस स्टैंड से बच्ची चोरी जैसे मामलों में अपराधी अज्ञात थे, नतीजा महीनों बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. बिल्कुल इसी तरह फल व्यवसायी हत्या कांड दो सालों से अनसुलझा रहकर पुलिस की दक्षता पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है. #हर दिन रास्ता व गाड़ी बदल दुकान पर जाने को विवश भले ही पुलिस अपराध नियंत्रण का दावा करती है, लेकिन आज भी मोहनिया के चर्चित फल व्यवसायी हत्याकांड के उद्भेदन नहीं होने से उनके परिवार भय के साया में रहते है. मृतक बसीर खान के भतीजा ने बताया मेरा फल का आढ़त चांदनी चौक पर है. उस दुकान ओर हर दिन रास्ता व गाड़ी बदल कर जाने को विवस है, जबकि एक साथ दो तीन लोग दुकान जाते हैं. इस मामले में उद्भेदन नहीं होने से भय बना रहता है. #क्या कहते हैं परिजन इस संबंध में मृतक के भतीजा रिजवान खान ने बताया की 11 दिसंबर 2023 को मेरे बड़े पापा की दिनदहाड़े बाइक से दुकान पर जाने के दौरान स्टेशन रोड में पीछे से गोली मार कर घायल कर दिया गया था. उनकी इलाज के दौरान मौत हो गयी. अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए चांदनी चौक पर जाम किया गया था. उस दौरान एक सप्ताह में मामले का उद्भेदन व सुरक्षा को लेकर हथियार का लाइसेंस देने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन आज तक दो वर्ष बीत गये न हत्या का आरोपित पकड़ा गया, नहीं सुरक्षा को लेकर हथियार का लाइसेंस मिला. ऐसे में भय के साया में दुकान पर किसी तरह जाते हैं. जब नये थानाध्यक्ष आते हैं तो फोन कर बुलाते हैं कुछ पूछताछ के बाद ज्यो का त्यों हो जाता है. #क्या कहते हैं डीएसपी# इस संबंध में मोहनिया डीएसपी प्रदीप कुमार ने बताया फल व्यवसायी हत्याकांड के उद्भेदन के लिए पुलिस पूरी तरह प्रयास कर रही है. बहुत जल्द उद्भेदन किया जायेगा.

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