कर्मनाशा.
दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र के खजुरा, सरैंया, दुर्गावती बाजार, कोटसा, नुआंव, चेहरियां सहित अन्य जगहों पर मुहर्रम के अवसर पर हजरत इमाम हुसैन की याद में ताजिया जुलूस निकाले गये. जूलूस के दौरान या अली, या हुसैन… से सदाएं चहुंओर गूंजती रहीं. वहीं, रविवार की भोर में यूपी बिहार बार्डर पर कर्मनाशा नदी के पुल पर सैकड़ों वर्ष पुरानी ऐतिहासिक परंपरा इस वर्ष भी कायम रही. परंपरा के तहत नौबतपुर यूपी व खजुरा, सरैयां बिहार के तीन ताजियों का मिलन हुआ. इस अवसर पर यूपी के नौबतपुर व बिहार के खजुरा सरैयां के सैकड़ों लोग शामिल होकर आपसी मुहब्बत व भाईचारा की मिसाल पेश किया. परंपरा के अनुसार, दुर्गावती प्रखंड के खजुरां व सरैया तथा यूपी के नौबतपुर गांव का ताजिया विशाल जुलूस के साथ 10वीं मुहर्रम की भोर में अपने चौक से उठकर जीटी रोड से होते हुए यूपी बिहार सीमा के कर्मनाशा नदी पुल पर पहुंचा. जहां पर या हुसैन के नारों के बीच तीनों ताजिया का मिलन हुआ. साथ ही यूपी बिहार से आने वाले लोग भी आपस में गले मिलकर आपसी भाईचारा को मजबूत करते दिखे. इसके बाद बिहार के दोनों ताजियों के साथ लोग नौबतपुर के ताजिये को चौक तक पहुंचाया. वहां पर मुंह मीठा करने के बाद बिहार के दोनों ताजिया अपने अपने चौक पर लौट गये. फिर दोपहर एक बजे खजुरा, नौबतपुर व सरैया का ताजिया अपने अपने चौक से उठकर एक साथ खजुरा पड़ाव स्थित हजरत अंजान शहीद बाबा की दरगाह के पास पहुंचे, जहां पर खिलाड़ियों ने गदका बाना बनेठी आदि खेलों का शानदार प्रदर्शन किया. वहीं, या हुसैन या अली के नारों के साथ मातमी धुन बजती रही. खेल को देखने के लिए काफी तादाद में आसपास के लोगों की भीड़ जुटी रही. शाम ढलने के बाद तीनों ताजिया कर्मनाशा नदी पुल पर पहुंचकर मिलन करने के बाद अपने अपने कर्बला को प्रस्थान कर गये. इस दौरान मुहर्रम पर्व को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रही. प्रशासनिक अधिकारी सहित थाना अध्यक्ष गिरीश कुमार पुलिस जवानों के साथ क्षेत्र का भ्रमण करते रहे. साथ ही इमाम चौक सहित सभी प्रमुख स्थानों पर पुलिस की ड्यूटी लगायी गयी थी. इस दौरान, सिरताज अली, हसन हासमी, कलामूद्दीन हासमी, इरसाद, याकूब, परवेज आलम, छठ्ठू, शहाबुद्दीन, हुसैन हासमी, आदि कई अन्य लोग जुलूस में शामिल रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

