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अग्निकांड के जिम्मेदार लोगों की पहचान को लेकर जांच टीम गठित

मोहनिया प्रखंड में शुक्रवार को शुरू हुए अग्नि के तांडव के जिम्मेदार लोगों को पहचान के लिए कृषि विभाग द्वारा जांच टीम का गठन किया गया है. शनिवार को जांच टीम ने जांच करने के लिए क्षेत्र में रवाना हो गयी थी.

भभुआ. मोहनिया प्रखंड में शुक्रवार को शुरू हुए अग्नि के तांडव के जिम्मेदार लोगों को पहचान के लिए कृषि विभाग द्वारा जांच टीम का गठन किया गया है. शनिवार को जांच टीम ने जांच करने के लिए क्षेत्र में रवाना हो गयी थी. आग का यह तांडव दुर्गावती और मोहनिया प्रखंड के बार्डर से लगे छाता मौजा से गेहूं के डंठलों में आग लगने के बाद शुरू हुआ था. गौरतलब है कि शुक्रवार को मोहनिया प्रखंड के करनपुरा-पिपरा गांव के बधार में लगभग 10 बजे के आसपास किसानों ने गेहूं के खेत में आग की लपटों को देखा था. लेकिन, तेज चल रही गर्म पछुआ हवा ने आग की लपटों को इतनी तेजी से फैलाना शुरू किया कि कुछ घंटों के अंदर ही आग की लपटों ने इदिलपुर, दुघरा, भरखर, भनखनपुर, जिगिना, टेकारी सहित लगभग आधा दर्जन गांवों के बधार को अपने लपेट में ले लिया. शाम होते होते इन गांवों के कई किसानों के खून पसीने की कमाई गेहूं की फसल को इस आग ने मटियामेट कर दिया. आग का रूप इतना विकराल था कि आस-पास के क्षेत्र में आग के धुएं से आसमान भी काला पड़ गया. यही नहीं इस आग ने भरखर गांव के एक किसान के घर को भी अपने चपेट में लिया और किसान के घर का सारा सामान जल कर राख हो गया. इधर, इस अग्निकांड के मामले पर पूछे जाने पर जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि मोहनिया प्रखंड में गेहूं के खेतों में लगी आग को लेकर विभाग द्वारा तीन सदस्यों की जांच टीम बनायी गयी है. इसमें अनुमंडल कृषि पदाधिकारी मोहनिया, प्रखंड कृषि पदाधिकारी मोहनिया तथा प्रखंड कृषि पदाधिकारी दुर्गावती को रखा गया है. शनिवार को जांच करने के लिए यह टीम अग्निकांड से प्रभावित क्षेत्र में भी पहुंच गयी है. अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, इस आग की शुरूआत कर्मनाशा और दुर्गावती प्रखंड के बार्डर क्षेत्र छाता मौजा से शुरू हुआ था. अब यह आग गेहूं के डंठलों में कैसे लगी या किसने लगायी इसकी जांच की जा रही है. जैसे ही जांच में आग लगाने वाले लोग चिह्नित किये जायेंगे, वैसे ही उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराके दंडात्मक कार्रवाई भी आरंभ करा दी जायेगी. गौरतलब है कि यह अग्निकांड इतना विकराल था कि प्रशासन के भी हाथ पांव फूलने लगे थे कि कहीं इस अग्नि की लपेट में गांव न आ जाये. इसे देखते हुए स्वयं एसडीएम भी मौके पर पहुंचे थे. इन्सेट मोहनिया अनुमंडल में अब तक 22 जगहों पर लग चुकी है आग भभुआ. जिले में किसानों के गेहूं के खेतों और खलिहानों सहित घरों में भी आग लगने की घटनाएं अब धीरे-धीरे तेज और विकराल होती जा रही हैं. गेहूं के खेतों में आग लगने का यह सिलसिला एक अप्रैल से ही चैनपुर प्रखंड से शुरू हो चुका है. आग की यह छोटी चिंगारी अब दावानल बनकर भारी तबाही भी मचाने लगी है. इधर, जिला कृषि पदाधिकारी रेवती रमण के अनुसार सेटेलाइट से ली गयी तस्वीरों में मोहनिया अनुमंडल में अब तक 22 जगहों पर आग लग चुकी है, जिसकी जांच करायी जा रही है कि आग लगने का कारण क्या है और यह आग घरों में या खेतों में लगी है. उन्होंने बताया कि बहुत से मामले में बिजली के तारों के टकराने से निकली चिंगारी खेतों में गेहूं की फसल को पकड़ ले रही है और फसल जल जाती है. इसी तरह वाहन से या पैदल चलने वाले जब रोड के किनारे जलती बीड़ी, सिगरेट फेंक देते हैं, तो इस बीड़ी और सिगरेट की आग भी सड़क के किनारे सूखे घास और पत्तों को पकड़ कर खेतों तक फैल जा रही है. कुछ मामलों में किसान स्वयं अपने खेत के गेहूं के ठंडलों में भी आग लगा दे रहे हैं. लेकिन, तेज हवा के कारण यह आग डंठलों से फैल कर गेहूं लगे खेतों तक पहुंच जा रही है, जिससे दूसरे किसानों की फसल भी जल जा रही है. इन्सेट 2 दमकल वाहनों के अभाव में समय से आग पर काबू नहीं पा रहा विभाग भभुआ. जिले में इस समय अग्निकांडों की रफ्तार जितनी तेजी से बढ़ रही है, उतनी तेजी से अग्निशमन विभाग अग्निकांडों को नियंत्रित करने में सफल नहीं हो पा रहा है. कारण दमकल वाहनों का अभाव है. गौरतलब है कि अधिकांश अग्निकांडों में दमकल विभाग के वाहन जब पहुंचते हैं, तो अग्नि के तांडव का खेल या तो समाप्ति के दौर में होता है या फिर तब तक आग बहुत कुछ तहस-नहस कर चुकी होती है. इधर, इस सवाल को लेकर अग्निशमन पदाधिकारी भभुआ हनुमान राम का कहना था कि ऐसा इसलिए होता है कि इस समय जिले में कई जगहों पर आग लगने की घटनाएं एक ही दिन में या लगभग एक ही समय में हो रही हैं. अगर एक जगह दमकल आग बुझाने में लगा है और दूसरे या तीसरे जगह से भी आग लगी की सूचना प्राप्त हो रही है, तो पहले से आग बुझाने वाले स्थल से दमकल को नहीं हटाया जा सकता है. ऐसे दूसरे जगह पर लगी आग बुझाने के लिए दमकल जाने में देर हो जाती है. ऊपर से आज कल अधिक आग खेतों में लग रही है, जहां दमकलों को पहुंचने की लिए जल्दी रास्ता नहीं मिल पाता है. उन्होंने बताया जिले में दमकल वाहनों का भी अभाव है. अभी मोहनिया अनुमंडल में बडे-छोटे चार दमकल वाहन तथा भभुआ अनुमंडल में नौ बड़े छोटे दमकल वाहन उपलब्ध हैं. इसमें से एक बड़ा दमकल वाहन अभी खराब चल रहा है. उसे बनवाने के लिए भेजा गया है. उन्होंने बताया कि जिस तरह से अग्निकांड बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए पांच दमकलों की मांग और की गयी है.

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