कर्मनाशा. वाराणसी-औरंगाबाद सिक्सलेन सड़क का कार्य 14 वर्षों बाद भी पूरा नहीं हो सका है. दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत अनेकों जगहों पर सर्विस लेन का निर्माण कर अभी भी अधूरा पड़ा है, जबकि टोल टैक्स में हर साल बढ़ोतरी हो जाती है. लेकिन, अब तक लोगों के सुहाना सफर का सपना साकार नहीं हो पाया है. हालांकि, एनएचएआई का जून 2025 तक सिक्सलेन का कार्य पूरा हो जाने का लक्ष्य है. जहां इसी रोड से होकर रोहतास व कैमूर के हजारों लोग प्रतिदिन वाराणसी सहित यूपी के अन्य जगहों पर पहुंचते हैं, इसलिए यह रोड यहां के लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. दुर्गावती में डहला मोड़ व मरहिया के पास आज तक अंडरपास या ओवरब्रिज का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है. इससे यहां अक्सर घटना दुर्घटना होती रहती है. इन जगहों पर ओवरब्रिज या अंडरपास बनाने की मांग बराबर होती रही है. खजुरा, कर्मनाशा, कुल्हड़ियां, डिड़खिली, चिपली, महमूदगंज, दुर्गावती बाजार, डिड़खिली में ओवरब्रिज पुल का काम पूरा हो चुका है. ओवरब्रिज पुल से वाहनों का परिचालन भी हो रहा है, लेकिन नौबतपुर, खजुरा, कर्मनाशा, कुलहड़िया, दुर्गावती बाजार सहित अन्य जगहों पर सर्विस लेन का निर्माण कार्य अभी भी अधूरा पड़ा है, जिससे इन जगहों पर सर्विस रोड से वाहनों का परिचालन नहीं हो पा रहा है. – 2011 में सिक्सलेन बनाने का शुरू हुआ था काम वर्ष 2011 में एनएच दो का विस्तार कर फोरलेन से सिक्सलेन बनाने का काम शुरू हुआ था. इसे 2014 में पूरा होने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन समय पर काम पूरा नहीं हुआ. उस समय इसकी अनुमानित लागत करीब 2848 करोड़ रुपये थी. कार्यदायी संस्था समय से निर्माण कार्य पूरा करने में नाकाम रही. ऐसे में दोबारा कार्य अवधि बढ़ा कर 2017 में तय कर दिया गया. उस समय कार्य पूर्ण होने में जमीन अधिग्रहण की समस्या के कारण भी परियोजना पूर्ण होने में बाधा आ रही थी, जिसके चलते एक बार फिर से समय सीमा बढ़ा दी गयी थी. समय बढ़ने से इस परियोजना की लागत में भी इजाफा हुआ. यहां पहले से अब सीमेंट, बालू, छड़, गिट्टी आदि सामान का रेट काफी बढ़ा है. उसी के हिसाब से इस योजना का कास्ट भी बढ़ता चला गया. और अधूरा कार्य भी पड़ा रह गया. वाराणसी-औरंगाबाद के बीच 192 किलोमीटर के प्रोजेक्ट पर वाराणसी, मोहनिया, सासाराम सहित तीन टोल लगाये गये हैं. उनका भी रेट बढ़ कर दोगुना से कुछ ही कम रह गया है. दिल्ली से कोलकाता को जोड़ने वाले इस व्यस्ततम रोड को पहले से जीटी रोड व एनएच दो के नाम से जाना जाता रहा है. उसे वर्तमान में एनएच-19 कर दिया गया है. समय पर काम पूरा नहीं होने से लोगों में नाराजगी नेशनल हाइवे का यह प्रोजेक्ट 2848 करोड़ में तीन वर्षों में पूरा होना था, लेकिन 14 वर्षों से अधिक समय बितने के बाद भी काम पूरा नहीं हुआ. लोगों को कहना है कि हर साल टोल टैक्स में बढ़ोतरी होती है. 2011 से लेकर 2025 टोल टैक्स की दर को देखा जाए तो काफी बढ़ोतरी हुई है. लेकिन सिक्सलेन का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है, जबकि सिक्सलेन सड़क की सुविधा के लिए ही टोल टैक्स की वसूली काफी वर्षों से हो रही है. एनएचएआइ अधिकारियों द्वारा पिछले वर्ष 2024 में जून-जुलाई तक सिक्सलेन का निर्माण कार्य पूर्ण होने का दावा किया गया था, लेकिन वर्ष 2025 के मई माह आने के बाद भी धरातल पर कार्य पूरा होते नहीं दिख रहा है. क्षेत्र में कई जगहों पर सर्विस लेन का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है, जिससे अभी भी लोगों के सुहाना सफर का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है. इससे लोगों में काफी नाराजगी भी देखी जा रही है. हालांकि, एनएचएआइ के अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 2025 में जून माह तक सिक्सलेन निर्माण का कार्य पूरा हो जायेगा. क्या कहते हैं अधिकारी- इस संबंध में पूछे जाने पर एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आरके वर्मा ने बताया कि वर्ष 2025 में जून माह तक सिक्सलेन का कार्य कंप्लीट करने का लक्ष्य है. इसमें एक महीना आगे-पीछे हो सकता है. कार्य चल रहा है. कार्य हो जायेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

