मोहनिया सदऱ उत्तर प्रदेश-बिहार सीमा के समीप एनएच-दो पर परिवहन विभाग के अधिकारियों पर लोडेड वाहनों से अवैध वसूली करने का आरोप डीएम को आवेदन देकर लगायी गयी है़ खास बात यह है कि दिये गये आवेदन में यह कहा गया है कि जांच करने वाले अधिकारी अब वाहन चालकों के पास कैश पैसा नहीं रहने पर पे फोन व यूपीआइ से पैसे भी ले रहे हैं. पे फोन व यूपीआइ से पैसा लेने के लिए अपना दलाल रखे हुए हैं. जांच अधिकारी अपने नंबर पर पैसा न लेकर अपने दलाल जैसे वहां पर मौजूद चाय दुकानदार, पान दुकानदार या अन्य दुकानदार के मोबाइल पर पैसा लेते हैं. उक्त स्थान पर चाय बेचने वाले दुकानदार सहित अन्य अपने दलालों का पे फोन नंबर पकड़ी गयी गाड़ियों के चालकों को देकर उस नंबर पर अवैध वसूली की राशि डलवाने का कार्य करते है. ऐसा आरोप यूपी के चंदौली जिला के चकिया थाना क्षेत्र के अमरा उतरी गांव निवासी पिकअप चालक आफताब अहमद द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय में दिये गये आवेदन में लगाया गया है. आवेदन में लिखा गया है कि विगत 5 जून की शाम करीब 5 बजे मैं अपने पिकअप जिसका रजिस्ट्रेशन संख्या यूपी 54 टी 0646 है, पर बिहार से सीमेंट लोड कर एनएच दो के रास्ते वाराणसी की तरफ जा रहा था. कर्मनाशा के समीप पहुंचा तो परिवहन विभाग के अधिकारी द्वारा मेरी गाड़ी को पकड़ लिया गया और मुझसे ओवरलोड के मामले में 40,000 रुपये की मांग किया जाने लगा, जब मेरे द्वारा कहा गया कि मेरे पास नगद रुपये नहीं है. ऑनलाइन रुपये ट्रांजेक्शन करवा सकता हूं, इस पर जांच अधिकारी द्वारा मुझे मोबाइल नंबर 9065700252 का पे फोन स्कैनर उपलब्ध कराया गया, जिस पर मेरे द्वारा पांच बार में दो-दो हजार रुपये कर 10,000 का भुगतान किया गया. दस हजार रुपये भुगतान करने के बाद जांच अधिकारी और 15000 रुपये की मांग करने लगे, जब मैं रुपये देने से इनकार किया तो रात 09:19 पर मुझसे लिये गये रिश्वत के रुपये 10,000 को पुनः उसी पे फोन नंबर पर वापस कर दिया गया, जिस नंबर से भुगतान कराया गया था. इतना ही नहीं मेरे पास ड्राइविंग लाइसेंस जो (हैवी वाहन) का है, जिसका डीएल नंबर यूपी 6720210003779 है जिसकी वैधता समाप्त भी नहीं हुई है. इसके बावजूद रिश्वत नहीं मिलने से नाराज जांच अधिकारी ने 5000 रुपये का मेरा अतिरिक्त चालान काट दिया. मेरा पूर्ण दावा है कि जांच अधिकारी द्वारा अपने दलालों के माध्यम से रिश्वतखोरी का कार्य किया जा रहा है. रिश्वत लेने में संलिप्त लोग स्थानीय चाय दुकानदार व अन्य लोग भी हैं, जो आरटीओ के इशारे पर अपने पे फोन नंबर पर अवैध वसूली की राशि ले रहे हैं. जांच अधिकारी द्वारा जो भी गाड़ियां पकड़ी जाती हैं उनके चालकों से चाय दुकानदार के पे फोन नंबर पर वसूली के अवैध रुपये डलवाया जाता है. रुपये देने से जो वाहन चालक इनकार करते हैं उनकी गाड़ी का चालान काट दिया जाता है. मौसम खराब चल रहा है मेरे पिकअप पर लोड सीमेंट खराब भी हो सकता है. रिश्वत की पूरी राशि नहीं देने से नाराज जांच अधिकारी ने पिकअप को जब्त कर टोल टैक्स के यार्ड में खड़ा करवा दिया है. पीड़ित द्वारा डीएम सुनील कुमार के नाम से उनके कार्यालय में दिये गये आवेदन में न्याय की गुहार लगाते हुए दोषी के विरुद्ध आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने की गुहार लगायी हैं. क्या कहती हैं डीटीओ डीटीओ करिश्मा कुमारी ने बताया कि इस तरह की शिकायत हमें किसी शिकायतकर्ता द्वारा नहीं की गयी है. कुछ लोगों द्वारा फाेन कर इस तरह की बात बतायी गयी है, हम इसकी जांच करा लेते हैं. – क्या कहते हैं डीएम डीएम सुनील कुमार ने बताया कि हमसे मिलकर इस तरह की शिकायत किसी द्वारा नहीं की गयी है. अगर ऑफिस में दिया हो तो मुझे इसकी अभी जानकारी नहीं है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है