चैनपुर. प्रखंड मुख्यालय स्थित सभा कक्ष में बुधवार को 20 सूत्री कार्यान्वयन समिति की बैठक हुई. इस बैठक के दौरान मनरेगा में व्यापक रूप से चल रही धांधली का मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया. इस बैठक के दौरान पूर्व प्रमुख राजीव रंजन सिंह व भानु प्रताप सिंह ने मनरेगा में चल रहे लूट-खसोट के मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत प्रत्येक वर्ष पौधे लगाये जाते हैं और पौधे के देख के लिए कर्मी को रखा जाता है. इसके लिए उसे राशि की भुगतान भी की जाती है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष लगाये जाने वाले पौधे की अगर जांच की जाए, तो धरातल पर पौधों का नामोनिशान नहीं है. विभागीय अधिकारियों से मिली भगत कर इसमें लूट खसोट का कार्य चल रहा है. पहले, तो विभाग की ओर से पौधे लगाने में राशि खर्च की जाती है. इसके बाद इसकी देखरेख में भी राशि को खर्च किया जाता है, लेकिन धरातल पर पौधे हैं या नहीं इसकी जांच कभी भी नहीं की जाती. प्रत्येक वर्ष लगने वाले पौधे कहां जाते हैं. इस सवाल पर मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी के पास भी कोई जवाब नहीं था.
एक ही पइन की चैनपुर में हर वर्ष करायी जा रही खुदाई :
इस बैठक के दौरान पूर्व उप प्रमुख राजीव रंजन सिंह ने मनरेगा के तहत चल रहे दूसरे कार्यों में भी कमीशनखोरी व धांधली का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि विभाग से एक तरफ पइन की खुदाई पांच वर्षों में एक बार करने को कहा जाता है, लेकिन एक ही पइन की चैनपुर में प्रत्येक वर्ष खुदाई करायी जा रही है. यह सभी कार्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ही संभव है. उनके इस सवाल पर मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता है, तो पूर्व प्रमुख ने कहा कि वे जगह का नाम बता रहे हैं. विभाग के द्वारा इसकी जांच कराईयी जा सकती है कि उनके द्वारा झूठा आरोप लगाया जा रहा है या फिर उनके बातों में सच्चाई है.उन्होंने कहा कि एक ही पईन को प्रत्येक वर्ष जगह का नाम बदल बदल कर कार्य कराया जाता है. इसकी स्थलीय जांच विभाग की ओर से कभी नहीं की जाती है. यदि जांच की गया होती, तो इस प्रकार की धांधली कभी नहीं हो पती.बैठक के दौरान मोटेशन कर में चल रहे घुसखोरी का मुद्दा भी उठाया गया. पूर्व प्रमुख ने कहा कि चैनपुर अंचल में यदि कोई भी मोटेशन करने जाता है, तो उसकी आर्थिक शोषण किया जाता है. उन्होंने कहा कि यहां लगता है की सभी कार्यों का रेट तय किया गया है जैसे यह उनका अधिकार हो. उन्होंने कहा कि विभाग के द्वारा इस प्रकार के कृत्यों पर रोक लगाया जाना चाहिये.स्वच्छता कर्मियों का मुद्दा उठाया गया:
20 सूत्री कार्यान्वयन समिति की बैठक के दौरान समिति के सदस्य भानु प्रताप सिंह ने पंचायत में स्वच्छताकर्मियों का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि इस समय किसी भी पंचायत या किसी भी वार्ड में स्वच्छताकर्मियों के द्वारा साफ-सफाई का कार्य नहीं किया जा रहा है, लेकिन उन्हें राशि की भुगतान की जा रही है. उन्होंने कहा कि जब स्वच्छताकर्मी अपना कार्य नहीं कर रहे हैं, तो उन्हें राशि की भुगतान क्यों की जा रही है. इस प्रकार से बिना कार्य का हो रहा भुगतान किसी बड़े घोटाले के तरफ इशारा कर रहा है. बैठक के दौरान अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गयी. बैठक में कई मुद्दों पर जांच की बात कही गयी है, लेकिन जांच कब और कैसे होता है यह देखने वाली बात होगी. बैठक के दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी शुभम प्रकाश सहित सभी विभागों के पदाधिकारी मौजूद रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है