भभुआ सदर. जिले में टीबी उन्मूलन को लेकर चल रहे केंद्र सरकार की अभियान में अहम भूमिका निभाने के लिए कैमूर स्वास्थ्य विभाग ने भी कमर कस लिया है. जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति ने सभी प्रखंडों को कई दिशा-निर्देश जारी किया है. इसमें टीबी मुक्त पंचायत पर ज्यादा बल दिया जा रहा है. जिसे लेकर जिले के सभी प्रखंडों के एसटीएस को अपने अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक बलगम जांच करने के लिए भी दिशा-निर्देश दिया गया है. = प्रत्येक प्रखंड से पांच-पांच पंचायत को किया गया चयनित जिला स्वास्थ्य समिति ने पहले चरण के लिए सभी प्रखंड से पांच-पांच पंचायत को टीबीमुक्त पंचायत के लिए चयनित किया है. जिले में कुल 11 प्रखंड हैं. प्रत्येक प्रखंड में पांच-पांच पंचायत को चयनित किया गया है. इस तरह से जिले में प्रथम चरण के लिए कुल 55 पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने के लिए चयन किया गया है. इसको लेकर जिला यक्ष्मा विभाग लगातार कार्य कर रहा है. जिला यक्ष्मा विभाग से की वर्तमान में जिले में 1900 के आसपास टीबी के मरीज मौजूद है, जिनका इलाज जारी है. सरकार से दी जाने वाली सभी योजनाओं का भी लाभ दिया जा रहा है. इसमें नि:शुल्क जांच के साथ-साथ निशुल्क दवा व निक्षय पोषण योजना के तहत मिलने वाली राशि भी प्रदान की जा रही है. टीबी को जड़ से मिटाने के लिए लोगों में जागरूकता जरूरी सीडीओ डॉ आर के चौधरी ने कहा कि टीबी एक गंभीर बीमारी है. इससे निबटने के लिए हम सबको आगे आना होगा. डॉक्टर चौधरी ने कहा कि टीबी को जड़ से मिटाने के लिए सबसे पहले लोगों को जागरूक होना होगा. खासकर वैसे लोग जो टीबी बीमारी से ग्रसित है. क्योंकि यह बीमारी संक्रमण से फैलता है और इधर-उधर थूकने, छींकने,खांसने से यह बीमारी काफी तेजी से फैलता है इसलिए टीबी संक्रमित मरीजों को लगातार जागरूक किया जाता है कि जहां तक खखार/बलगम नहीं थूकें. इसके अलावा किसी से बात करते समय, यहां छींकते समय मुंह पर रुमाल या मास्क का इस्तेमाल जरूर करें. डॉ चौधरी ने कहा कि जब तक संक्रमण के चेन को तोड़ा नहीं जायेगा, तब तक इस बीमारी को समाप्त नहीं किया जा सकता है. इसलिए इस चेन को तोड़ने के लिए टीबी मरीज को भी आगे आना होगा. यह बीमारी दूसरे में न फैले इसका भी उसे ख्याल रखना होगा. = टीबी उन्मूलन के प्रथम चरण पर दिया जा रहा बल जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए सरकार की ओर से जो भी दिशा-निर्देश जारी किये जा रहे हैं, उस पर अमल किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में पंचायत को टीबी मुक्त बनाना है. इसके लिए चयनित पंचायतों में बलगम जांच की प्रक्रिया जारी है. डॉ शांति कुमार मांझी, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी
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