कटिहार. केंद्र सरकार के एक नये नोटिफिकेशन के कारण युवा उत्सव से एकांकी नाटक सहित कई सांस्कृतिक विधाओं को हटा दिया गया है, जिससे रंगकर्मियों में निराशा है. नये नोटिफिकेशन के मुताबिक अब युवा उत्सव केवल सात विधाओं तक सीमित कर दी गयी है. जिनमें लोक नृत्य, लोक गीत, कहानी लेखन, कविता लेखन, पोस्टर मेकिंग, भाषण प्रतियोगिता और विज्ञान मेला शामिल है. सरकार के इस निर्णय से नाटक कलाकारों, निर्देशकों और मंच से जुड़े युवाओं में निराशा है. रंगकर्मियों का कहना है कि नाटक युवा उत्सव का एक बड़ा मंच था और इसे हटाने से रंगकर्म के प्रति सरकारी उदासीनता दिखती है और नयी पीढ़ी का मनोबल टूटता है. उल्लेखनीय है कि रंगकर्म सामाजिक, सांस्कृतिक, व्यक्तित्व विकास का सशक्त माध्यम भी है. दिल्ली में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से लेकर संगीत नाट्य अकादमी, पटना और कला-संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से अबतक लगातार इस दिशा में दूर दराज ग्रामीण इलाकों के अनेक कलाकारों ने न सिर्फ अपना नाम रोशन किया है. बल्कि इलाके की कला व संस्कृति को भी आगे बढाया है. प्रत्येक वर्ष सरकार के कला व संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित किये जानेवाले विभिन्न युवा उत्सवों के मौके पर भी इस विधा के कलाकारों ने अपनी बेजोड़ अभिनय क्षमता का परिचय देते हुए अनेक पुरस्कार हासिल किये है. लेकिन इस बार के युवा महोत्सव में जारी की गयी सूची में इस विधा को नहीं पाकर जिले के रंगकर्मियों सहित इससे जुड़े तमाम लोगों में निराशा के साथ साथ नाराजगी भी देखी जा रही है. आज विज्ञान मेला से प्रारंभ होगी जिला युवा उत्सव जिला युवा उत्सव की शुरुआत शुक्रवार से होगी. कला, संस्कृति व युवा विभाग व जिला प्रशासन के सौजन्य से युवा उत्सव के पहले दिन शुक्रवार को इनोवेशन ट्रेक के तहत विज्ञान मेला का आयोजन कटिहार इंजीनियरिंग कॉलेज होगा, जबकि चित्रकला प्रतियोगिता, कहानी लेखन प्रतियोगिता, कविता लेखन प्रतियोगिता व वक्तृता प्रतियोगिता का आयोजन 30 नवंबर को कटिहार इंजीनियरिंग कॉलेज में होगी. एक दिसंबर को लोकगायन प्रतियोगिता व लोकगीत प्रतियोगिता सह इंजीनियरिंग पुरस्कार वितरण व समापन समारोह का आयोजन किया जायेगा. नाटक को हटाना युवाओं के सपनों पर प्रहार: आलोक प्रसिद्ध नाटककार व निर्देशक आलोक कुमार ने कहा कि युवा उत्सव के दौरान इस वर्ष नाटक प्रतियोगिता को अचानक समाप्त कर दिए जाने से कलाकारों में गहरी निराशा देखी जा रही है. महीनों से अभ्यास कर रहे युवा समूह, निर्देशक और स्टेज कलाकारों के उत्साह पर मानो पानी फिर गया. युवा उत्सव में नाटक का हटना केवल एक इवेंट का रद्द होना नहीं है. बल्कि उन सैकड़ों कलाकारों की उम्मीदों का रुक जाना भी है जो कला को जीवंत रखने का प्रयास कर रहे थे. केंद्र सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. युवा उत्सव से नाटक को हटाना उचित नहीं: मनोज संस्कृति कर्मी मनोज कुमार ने कहा कि नाटक मनोरंजन का एक रूप है, जो दर्शकों को समाज में व्याप्त मुद्दों को समझने और उन पर विचार करने में मदद करता है. यह कला की विभिन्न विधाओं यथा साहित्य, संगीत और अभिनय का मिश्रण है और यह लोक चेतना से गहरा जुड़ा हुआ है. अभिनय और नाटक में भाग लेने से मौखिक संचार कौशल, आत्मविश्वास और टीम वर्क जैसे कौशल विकसित होते हैं. साथ ही नाटक दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ता है और उन्हें आनंद की अनुभूति कराता है. युवा उत्सव से नाटक, एकांकी जैसे सांस्कृतिक विधा को हटाना किसी भी सूरत में उचित नहीं है. केंद्र सरकार अपने निर्णय को वापस ले और नाटक विधा को शामिल करें.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

