नुआंव. एक तरफ सरकार जहां ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों के रुपये के लेन देन की सुविधा को देखते हुए गांव-गांव सीएसपी केंद्र व हर छोटे बैंक की उप शाखा को खोल कर ग्रामीणों की समस्याओं को दूर कर रही है. वहीं, मुख्यालय स्थित डाकघर पिछले पांच माह से राउटर खराब होने के कारण पूरी तरह डिजिटल लेन देन ठप है. छह हजार ग्राहकों वाले डाकघर के ग्राहक रुपये की निकासी व जमा करने के लिए तीन दिनों तक कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है. हास्यास्पद यह है कि एक माह में लगभग एक करोड़ रुपये का लेन देन करने वाले इस शाखा की पांच माह से बिगड़ी व्यवस्था से निजात दिलाने को लेकर विभाग के वरीय पदाधिकारी भी पूरी तरह फेल नजर आ रहे हैं. वहीं, जनता द्वारा चुने गये माननीय को भी डेढ़ माह पहले विभाग के पदाधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी केवल आश्वासन से ही सब्र करना पड़ रहा है, ऐसे में बेबस जनता किसके पास जाये यह उनके बीच यक्ष प्रश्न बना हुआ है. इस बाबत पूछे जाने पर पोस्ट मास्टर सुरेश राम ने कहा कि अब तक समस्या को लेकर डाक अधीक्षक सासाराम व उप डाक निरीक्षक भभुआ को दो बार पत्र व एक बार वाट्सएप ग्रुप पर आवेदन दे चुका हूं, किंतु विभाग द्वारा पांच माह बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी है, ऐसे में खुद की जिम्मेदारी पर ग्राहकों के भुगतान के लिए रामगढ़, मोहनिया, दुर्गावती व भभुआ डाकघर से निकासी कर ग्राहकों को भुगतान किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने बताया कि दो माह पहले नुआंव कार्यालय का पदभार संभाला हूं. बीते 26 अक्टूबर 2024 को जब मैं सासाराम हेड ऑफिस पर था, तभी से यहां का राउटर जला था, लोकल एरिया का होने के कारण यहां के लोगों की पीड़ा को देखते हुए फॉर्म जमा कराकर अन्य शाखा से रुपये की निकासी कर किसी तरह भुगतान कर रहा हूं. दो माह में तीन बार डाक अधीक्षक व डाक निरीक्षक को पत्र लिखकर अवगत करा चुका हूं. पहला पदभार के तीसरे दिन वाट्सअप ग्रुप पर, दूसरी बार 19 दिसंबर 2024 व तीसरी बार 14 जनवरी 2025 को पत्र के माध्यम से नया राउटर की मांग की गयी है. शाखा में लगभग 6000 ग्राहकों का खाता खोले गया हैं, प्रत्येक दिन 20 से 25 ग्राहक रुपये की निकासी व जमा के लिए आते हैं. दो बजे बजे तक ऑफिस का काम खत्म कर रुपये की निकासी के लिए रामगढ़, मोहनिया, दुर्गावती व भभुआ की शाखाओं में जाकर रुपये की निकासी करता हूं और अगले दिन या एक दिन बाद ग्राहकों का भुगतान किया जाता है. वहीं, डाकखाने के एक अन्य कर्मी ने कहा एक माह में शाखा से लगभग एक करोड रुपये का लेनदेन होता है. पांच माह में यहां की स्थिति कैसी होगी यह आप समझ सकते हैं. डेढ़ माह पहले रामगढ़ विधायक अशोक कुमार सिंह भी शाखा में आये थे, तब उनके द्वारा डाक अधीक्षक को फोन कर कंप्लेंट किया गया था, जिस पर अधीक्षक द्वारा 8 दिनों के अंदर राउटर लगाने की बात कही गयी थी, किंतु डेढ़ माह बाद भी समस्या ज्यों की त्यों है. क्या कहते हैं ग्राहक– –रुपये की निकासी करने पहुंची सूरजपुरा गांव की दिव्यांग सविता देवी ने कहा पांच माह से मशीन खराब है. कई दिनों से रुपये की निकासी के लिए रिश्तेदार के साथ आ रहे है. बाहर काम कर रहे पति कहते हैं खाते में रुपये डाल दिये हैं, चेक करवाओ रुपये गये कि नहीं, जबकि यहां आने पर अधिकारी कहते हैं मशीन खराब है, चेक नहीं हो सकता. इसी तरह तीन वर्ष पहले पूर्व के पोस्टमास्टर द्वारा मेरे खाते से 63000 रुपये का घपला किया गया था, जिसकी शिकायत थाने से लेकर डाक अधीक्षक तक की गयी, लेकिन आजतक ना तो रुपये मिले ना ही किसी पर कोई कार्रवाई हुई. –रुपये की निकासी करने पहुंचे बिनपुरवा गांव के राम भजन बिंद ने कहा बीते 9 मार्च को पत्नी फुलझरिया का देहांत हो गया, तो किसी तरह गांव के लोग व रिश्तेदारों से कर्ज लेकर काम क्रिया किया गया, अब जिसका कर्ज है उसे देने के लिए डाकखाने में जमा किये गये रुपये की निकासी के लिए कई दिनों से आ रहा हूं, किंतु भुगतान नहीं हो पा रहा. ऐसे में समझ नहीं आता मैं अपने कर्ज के रुपये लोगो को कैसे चुकाऊंगा. –नुआंव गांव के ललित कुमार ने कहा पिछले पांच माह से डाक खाने से रुपये निकासी के लिए पहले फाॅर्म जमा करने पड़ रहे दो दिनों बाद उसका भुगतान मिल रहा है, रुपये के लेनदेन को लेकर डिजिटल तौर पर कोई जानकारी शाखा द्वारा नहीं मिल पा रही जिससे काफी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है. –तिवाय गांव के रहने वाले सरदार सिंह ने कहा सुकन्या योजना के तहत डाकखाने में जमा करने वाले एक लाख रुपये राउटर खराब होने के कारण पिछले 6 माह से जमा नहीं हो पा रहे हैं. अधिकारी मशीन खराब होने का हवाला दे रहे हैं. समय से रुपये जमा नहीं हुई तो बेटी के हाथ पीले होने के समय पर्याप्त रुपये नहीं मिल पायेंगे, ऐसे में किससे शिकायत करे मेरे समझ से परे है. # क्या कहते हैं डाक अधीक्षक उक्त संबंध में सासाराम के डाक अधीक्षक चंद्र भूषण प्रसाद ने कहा राउटर अभी उपलब्ध नहीं है. वरीय पदाधिकारियों से बात हुई है. 10 से 15 दिनों के भीतर मिलने की बात बतायी गयी है. # क्या कहते हैं अधीक्षक उक्त संबंध में कंप्लेंन अधीक्षक मनीष कुमार ने कहा बिहार सर्किल को हमलोग चार से पांच बार राउटर बदलने को लेकर पत्र लिख चुके हैं. किंतु विभाग के सिस्टम में कुछ बदलाव हुआ है. पहले राउटर बिहार सर्किल से मिल जाता था, जहां अब बिहार सर्किल द्वारा राउटर के लिए दिल्ली लिख कर भेजा गया है. हमारा प्रयास है कि जल्द से जल्द राउटर लग जाये, जिससे लोगों को सुविधा मिल सके.
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