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मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल में कई विभागों के नहीं हैं डॉक्टर

मोहनिया शहर : अनुमंडलीय अस्पताल को भले ही लक्ष्य योजना में शामिल किया गया है, लेकिन यह हकीकत है कि अस्पताल में कई विभाग के डॉक्टर की कमी है. पहले से छह बेडवाला मिनी ट्रामा सेंटर लाखो रुपये की लागत से निर्माण किया गया. लेकिन, उसका लाभ मरीजों को नहीं मिलता है. हल्की चोट लगने […]

मोहनिया शहर : अनुमंडलीय अस्पताल को भले ही लक्ष्य योजना में शामिल किया गया है, लेकिन यह हकीकत है कि अस्पताल में कई विभाग के डॉक्टर की कमी है. पहले से छह बेडवाला मिनी ट्रामा सेंटर लाखो रुपये की लागत से निर्माण किया गया. लेकिन, उसका लाभ मरीजों को नहीं मिलता है. हल्की चोट लगने पर भी प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया जाता है. अब देखना यह लाजिमी होगा कि अनुमंडलीय अस्पताल को लक्ष्य योजना में तो शामिल कर लिया गया.
लेकिन उसके मानकों पर खरा उतर पायेगा या फेल हो जायेगा. जबकि, लक्ष्य योजना में शामिल होने के बाद अब अनुमंडलीय अस्पताल पूरी विधि व्यवस्था दुरुस्त करने में लगा है. बताया जाता है कि अनुमंडलीय अस्पताल में बेडो की संख्या में 100 है. जहां दो दर्जन से अधिक चिकित्सकों की जरूरत है. लेकिन, अस्पताल में कई महत्वपूर्ण विभाग के डॉक्टर नहीं हैं.
क्या है लक्ष्य योजना
जानकारी के अनुसार, लक्ष्य योजना में केंद्र सरकार की टीम द्वारा चयनित अस्पताल का निरीक्षण किया जाता है. इसमें मानक के अनुरूप पाये जाने पर लक्ष्य का दर्जा दिया जाता है. लक्ष्य का दर्जा प्राप्त होने के बाद अस्पताल के लेबर रूम, ऑपरेशन थियेटर, जच्चा-बच्चा वार्ड को एंटी इंफेक्शन बनाये रखने के लिए विशेष व्यवस्था उपलब्ध करायी जाती है.
सिजेरियन व नन सिजेरियन मरीज को उच्च गुणवत्तायुक्त कमरे में रखा जायेगा. वैसे मरीज को अस्पताल में आने के बाद घर से पहन कर आये वस्त्र को बदल कर एक्सटरलाइज वस्त्र दिया जायेगा. मरीज के पास जाने से पहले उनसे मिलने वालों को भी एक्सटरलाइज वस्त्र धारण कराया जाता है. इस प्रकार पूरे प्रसव वार्ड को इंफेक्शन से मुक्त रखा जाता है.

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