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बदहाल सड़क को लेकर नागरिकों का फूटा गुस्सा, रोड नहीं, तो वोट नहीं के लगाया गये बैनर

शहर के एनएच 22 से फिदा हुसैन रोड होते हुए हवाई अड्डा जाने वाली सड़क जर्जर होकर गड्ढों में तब्दील हो चुकी है.

जहानाबाद. शहर के एनएच 22 से फिदा हुसैन रोड होते हुए हवाई अड्डा जाने वाली सड़क जर्जर होकर गड्ढों में तब्दील हो चुकी है. जिसे लेकर स्थानीय लोगों में भारी रोष व्याप्त है. खस्ताहाल सड़क को लेकर इन दोनों सड़कों के आसपास रहने वाले लोगों में गुस्सा फूट पड़ा है. इन लोगों ने सड़क पर जगह-जगह रोड नहीं तो वोट नहीं के बैनर लगा रखे हैं. स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि इलेक्शन के समय नेता और प्रत्याशी चुनाव के बाद तुरंत सड़क बना देने का भरोसा दिलाते हैं, लेकिन उसके बाद कोई देखने तक नहीं आता है. इस बार इन लोगों ने सड़क नहीं बनने पर वोट नहीं देने का ऐलान किया है. इसको लेकर फिदा हुसैन रोड और एरोड्रम रोड में स्थानीय नागरिकों के द्वारा बैनर लगाया गया है. करीब एक दशक से यह सड़क खस्ताहाल है. इलाके के लोग पिछले 10 साल से इस सड़क के निर्माण की बाट जोह रहे हैं, बावजूद इसके इस सड़क के निर्माण के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है. नगर परिषद और आरडब्ल्यूडी दोनों निर्माण के लिए एक दूसरे पर जिम्मेवारी डाल रहा है. इन दिनों बरसात में सड़क पर बने इन अनगिणित गड्ढों में पानी जमा हो जाता है. बारिश होने के बाद पानी सड़क पर फैल जाता है जिसके कारण इन दिनों इस सड़क से होकर गुजरना मुश्किल हो गया है. शहर के अन्य क्षेत्र में रहने वाले लोग इधर से होकर जाने में कतरा रहे हैं. जबकि इस इलाके में रहने वाले लोगों को इसी सड़क से होकर आना-जाना उनकी मजबूरी है जिसके कारण वे परेशान हैं. इसी मलहचक हवाई अड्डा सड़क से लगा जो नाला है दरअसल वही अलगना पईन है जो अब नाले में तब्दील हो गया है. पिछले तीन दशक में इस नाले की उड़ाही में लाखों नहीं बल्कि करोड रुपये से अधिक खर्च हो चुके हैं. अनगिनितवार नगर परिषद के अलावा विधायक और सांसद फंड से भी इस अलगना पईन की उड़ायी करायी गयी है, बावजूद इसके यह नाला अक्सर जाम हो जाता है. वैसी स्थिति में नाले का पानी भी सड़क पर बहने लगता है. अलगना पइन पहले कच्चा था, बाद में नगर परिषद के द्वारा उसका पक्कीकरण कराया गया था. इसके बावजूद नियमित रूप से नाले की सफाई और उड़ाही नहीं कराये जाने के कारण नाले से सही ढंग से पानी का निकास नहीं हो पाता. सफाई होने पर नाले से पानी पास होता है जबकि बाद में फिर जाम हो जाता है. फिलहाल सड़क बने अनगिनत गड्ढे में बारिश का पानी जमा है.

गर्मी में सड़क पर उड़ती है धूल

गर्मी के दिनों में गांव की कच्ची सड़कों की तरह इस मलहचक हवाई अड्डा सड़क पर धूल उड़ती है. शहर के एनएच 22 से फिदा हुसैन रोड होते हुए हवाई अड्डा जाने वाली सड़क की यही पहचान बन चुकी है. हाल यह है कि इस सड़क पर सड़क कम और गड्ढे अधिक नजर आते हैं. शहर के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोग इस सड़क से होकर गुजरने में कतराते हैं. जबकि इस इलाके के लोगों को इसी जर्जर सड़क से होकर आना-जाना उनकी विवशता बनी हुई है. इस इलाके में कई सरकारी और गैर सरकारी विद्यालय खुले हैं. आर्य समाज स्कूल से लेकर डीएवी और प्रतिभा पल्लवन स्कूल सहित बहुत सारे विद्यालय और कोचिंग संस्थान इस इलाके में चलाये जा रहे हैं. गांधी स्मारक प्लस टू विद्यालय और डीईओ कार्यालय जाने का रास्ता भी यही है. इसी इलाके में नियोजनालय और पशु अस्पताल भी है. हवाई अड्डा और शहर का एकमात्र स्टेडियम पहुंचने का भी यही रास्ता है. इस सबके बावजूद इस सड़क के निर्माण पर किसी का ध्यान नहीं है.

दो दशक पहले हुआ था सड़क का निर्माण

इस इलाके के लोग बताते हैं कि करीब 20 साल पहले इस सड़क का निर्माण हुआ था. सड़क पर पीसीसी की ढलाई की गई थी. सड़क निर्माण के दो-चार साल बाद से ही ढलाई से गिट्टी निकालने का सिलसिला शुरू हो गया था. इसके बाद यह सड़क धीरे-धीरे जर्जर होनी शुरू हो गयी. पिछले 10 साल से इस सड़क की हालत बदतर है. शहर के मलहचक मोड़ से लेकर हवाई अड्डा और स्टेडियम जाने वाली इस सड़क पर असंख्य गड्ढे बने हैं हालत यह है कि सड़क कम और गड्ढे अधिक नजर आते हैं. इन गड्ढों में गर्मी के दिनों में धूल भरी है और बरसात के दिनों में इन गड्ढों में कीचड़ और पानी भर जाता है जिसके कारण इस सड़क पर गर्मी में ग्रामीण इलाकों के कच्ची सड़क की तरह धूल उड़ती है और बरसात में गड्ढे में पानी भरा रहता है. अनजान वाहन सवारों को गड्ढे की गहराई का पता नहीं होता ऐसे में वह असंतुलित होकर गिर जाते हैं. इस सड़क से गुजरने पर कई साइकिल और बाइक सवार गिरकर चोटिल हो चुके हैं. जबकि बड़े वाहनों और कर में गुजरने वाले सवारों को हिचकोले खाना पड़ता है. इस सड़क से होकर कई स्कूलों की बसें गुजरती है. गड्ढे में हिचकोले खाने के बाद बसों में बैठने वाले बच्चे बस के भीतर अपनी सीटों से नीचे गिर जाते हैं. गड्ढे के हिसकोले में इस सड़क पर कई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं. कई नेवारी लदा पिकअप वैन भी उलट गया है. जब भी किसी बड़े खेल का आयोजन होता है तो उस स्टेडियम में आयोजित किया जाता है. उस दौरान जिले के जिलाधिकारी से लेकर बड़े-बड़े प्रशासनिक पदाधिकारी इसी रोड से होकर गुजरते हैं, बावजूद इसके इस रोड के निर्माण की ओर अभी तक किसी का ध्यान नहीं गया है. मुहल्ले वाले बताते हैं कि उन लोगों के द्वारा कई बार जिला प्रशासन और नगर परिषद को सड़क निर्माण के लिए गुहार लगाया गया है, बावजूद इसके किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. शहर के बीचों-बीच होने के बावजूद इस खड़क को नगर परिषद के अधीन से आरडब्ल्यूडी के अधीन किया गया है. उधर आरडब्ल्यूडी इसे अपने अधीन नहीं मानता है. नगर परिषद ने तो उसे आरडब्ल्यूडी के अधीन करने के लिए फाइल बढ़ा दिया, लेकिन आरडब्ल्यूडी के द्वारा इसे अपने अधीन अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है. इसी कारण इस रोड का निर्माण अधर में लटका हुआ.

हस्ताक्षर अभियान भी चला चुके हैं मुहल्ले के लोग : जहानाबाद में जुलाई महीने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दौरा होने के पहले इस इलाके के लोग हस्ताक्षर अभियान चलाया था जिन्हें के अधिकारियों से गुहार लगाते लगाते थक चुके लोगों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने की कोशिश की थी ताकि मुख्यमंत्री इसका कल्याण कर सकें और सड़क का निर्माण हो सके किंतु ज्ञापन देने में वे लोग सफल नहीं हो सके. इस सिलसिले में आरडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि यह नगर परिषद की अधीन है. जबकि नगर परिषद इसे आरडब्ल्यूडी के अधीन बताता है. कोई भी अधिकारी इस मुद्दे पर कुछ भी स्पष्ट बोलने के लिए तैयार नहीं हैं.

क्या कहती हैं मुख्य पार्षद

अभी तक हमारी जानकारी में इस सड़क निर्माण की कोई योजना पारित नहीं हुई है.

रूपा देवी, मुख्य पार्षद, नगर परिषद, जहानाबाद

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