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Jehanabad : 50 पॉल्ट्री फार्म से लिये गये मुर्गियों के सैंपल

जिले में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद उसके रोकथाम की कवायद जारी है. शुक्रवार को पटना से आई फॉरेंसिक टीम और पशुपालन विभाग की टीम के द्वारा अब तक जिला मुख्यालय और विभिन्न प्रखंडों के 50 पॉल्ट्री फार्म से मुर्गी के नमूने लिए जा चुके हैं.

जहानाबाद. जिले में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद उसके रोकथाम की कवायद जारी है. शुक्रवार को पटना से आई फॉरेंसिक टीम और पशुपालन विभाग की टीम के द्वारा अब तक जिला मुख्यालय और विभिन्न प्रखंडों के 50 पॉल्ट्री फार्म से मुर्गी के नमूने लिए जा चुके हैं. इन नमूनों को जांच के लिए फिर कोलकाता के लैब में भेजा जायेगा जहां इसकी जांच के बाद यह पुष्टि हो सकेगी की कौए में पाया गया बर्ड फ्लू का वायरस जिले के पॉल्ट्री फार्म के मुर्गियों तक पहुंचा है या नहीं. अगर कौए में पाया गया एच-5एन-1 वायरस मुर्गियों तक पहुंच गया, तो मुर्गियों के माध्यम से जहानाबाद जिले के लोगों में फैल सकता है जिससे जिले के लोग बर्ड फ्लू का शिकार हो सकते हैं. ज्ञात हो कि जिला मुख्यालय की पुलिस लाइन और सर्किट हाउस में पिछले 18 फरवरी को बड़ी संख्या में कौए मृत पाये गये थे. इसके बाद पटना से आई फॉरेंसिक टीम ने उन कौओं के सैंपल को जांच के लिए कोलकाता के लैब में भेजा था जहां जांच के बाद उन कौओं एच-5एन-1 वायरस पाये जाने की पुष्टि हुई है. यह बर्ड फ्लू का वायरस है जिसका प्रसार काफी तेजी से होता है. उन पक्षियों के साथ-साथ इंसान और बिल्लियां भी इसकी चपेट में आ जाती हैं. खासकर मुर्गियों में इसका संक्रमण फैलने से एच-5एन-1 वायरस मनुष्य में पहुंच जाता है और मनुष्य को बर्ड फ्लू का शिकार कर देता है. इससे बचाव के लिए सभी पोल्ट्री फार्म संचालकों को जिला पशुपालन विभाग के द्वारा अपने फार्म को कौवे से दूर रखने का निर्देश दिया गया है. इसके लिए फार्म और उसके आसपास छिड़काव करने तथा अन्य संसाधन के द्वारा कौवे से दूरी बनाए रखना को कहा गया है. इसके साथ ही पोल्ट्री फार्म में किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है. पोल्ट्री फार्म के संचालक या देखरेखकर्ता को भी सभी गाइडलाइन का पालन करते हुए पोल्ट्री फॉर्म की साफ- सफाई मरीजों को दाना-खाना, पीना और अन्य व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है. पशुपालन पदाधिकारी अनिता कुमारी ने बताया कि मुर्गियों के जांच के नमूने का रिजल्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. अगर मुर्गियों में भी एच5एन1 वायरस पाया जाता है तो इससे बर्ड फ्लू के मनुष्य में फैलने का खतरा हो सकता है. ऐसी स्थिति में जिस फार्म की मुर्गियों में यह संक्रमण पाया जाएगा उसे नष्ट करना होगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल कोई खतरा नहीं है किंतु पक्षियों के बिष्ट और उसके अवशेष से दूर रहने की जरूरत है, खासकर कौओं से 70 डिग्री सेंटीग्रेड से ऊपर के तापमान पर बर्ड फ्लू का वायरस नष्ट हो जाता है, इसलिए मुर्गियों को पकाकर खाने से फिलहाल खतरा नहीं है.

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Prabhat Khabar News Desk
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