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Jehanabad News: मेडिकल बोर्ड ने सर्टिफिकेट बनाने से किया इनकार, युवक ने सिविल सर्जन कार्यालय में खाया जहर

Jehanabad News: सिविल सर्जन कार्यालय में शनिवार को मेडिकल बोर्ड की बैठक चल रही थी. यह बैठक डीएम के निर्देश पर जहानाबाद जिला के काको थाना क्षेत्र के खपुरा गांव के अजय कुमार की इंजरी के लिए बुलायी गयी थी. बोर्ड के सामने अजय कुमार हाजिर हुआ और उसने अपनी इंजरी ग्रिवियस करने की अपील की. बोर्ड ने जब इंजरी ग्रीवियस करने से इंकार किया, तो उसने सिविल सर्जन कार्यालय में ही जहर खा लिया.

Jehanabad News: सिविल सर्जन कार्यालय में शनिवार को मेडिकल बोर्ड की बैठक चल रही थी. यह बैठक डीएम के निर्देश पर जहानाबाद जिला के काको थाना क्षेत्र के खपुरा गांव के अजय कुमार की इंजरी के लिए बुलायी गयी थी. बोर्ड के सामने अजय कुमार हाजिर हुआ और उसने अपनी इंजरी ग्रिवियस करने की अपील की. बोर्ड ने जब इंजरी ग्रीवियस करने से इंकार किया, तो उसने सिविल सर्जन कार्यालय में ही जहर खा लिया. इसके बाद सिविल सर्जन कार्यालय में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. 

पीड़ित ने बताया की इंजरी ग्रिवियस करने के लिए पैसे की मांग

बोर्ड ने जब इंजरी ग्रीवियस करने से इंकार किया, तो अजय कुमार ने सिविल सर्जन कार्यालय में ही जहर खा लिया. इसके बाद सिविल सर्जन कार्यालय में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. सदर अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया गया है. उसकी हालत नाजुक बनी हुई है. सदर अस्पताल में पीड़ित अजय कुमार ने बताया कि कोर्ट के दो डॉक्टर उनसे इंजरी ग्रिवियस करने के लिए एक लाख रुपये की मांग कर रहे थे. इसका विरोध करने पर उन्होंने इंजरी नार्मल करने की धमकी दी. इसके बाद मैंने कहा कि ऐसा कीजियेगा, तो हम जहर खा लेंगे, तो डॉक्टरों ने कहा कि जो करना है कर लो. इसके बाद हमने जहर खा लिया.

स्वास्थ्य विभाग के कार्य पर सवाल

इस घटना के बाद स्वास्थ्य महकमा के साथ-साथ पूरे जिले में हड़कंप मचा है. बीते दिन सदर अस्पताल की इमरजेंसी में डॉक्टर की ड्यूटी पर नहीं रहने के कारण एक बच्चे की मौत हो गयी थी. इस मामले में सिविल सर्जन पर शो कॉज भी हो चुका है. इसके बाद उसके अगले ही दिन शनिवार को सिविल सर्जन कार्यालय में बोर्ड की बैठक में डॉक्टर द्वारा पैसे मांगने का आरोप लगाते हुए एक व्यक्ति ने सिविल सर्जन कार्यालय में ही जहर खा लिया. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की कार्य शैली पर प्रश्न उठना लाजिमी है.

डीएम की निर्देश के बाद मेडिकल बोर्ड की बैठक

पीड़ित के अनुसार बच्चों के लूडो खेलने की विवाद को लेकर 2020 में गांव में झगड़ा हुआ था जिसमें गड़ासे से उसके सिर पर गहरा वार किया गया था. शरीर के अन्य हिस्से में भी उसे तेज हथियार के जख्म है. पहले उसे ग्रिवियस इंजरी की रिपोर्ट दी गयी फिर बाद में उसे नॉर्मल इंजरी का रिपोर्ट दिया गया. ग्रीवियस इंजरी देने वाले डॉक्टर ने अपनी रिपोर्ट वापस ले ली. उसके बाद से खपुरा गांव का अजय कुमार अपनी इंजरी को फिर से ग्रिवियस करवाने के लिए सिविल सर्जन कार्यालय से लेकर डीएम कार्यालय तक का चक्कर लगा रहा है. पिछले दिनों वह इसी के लिए डीएम से मिला था. डीएम के निर्देश के बाद मेडिकल बोर्ड की बैठक बुलायी गयी थी. इस बोर्ड की बैठक के दौरान यह हादसा हुआ.

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क्या कहते हैं अधिकारी

मेडिकल बोर्ड की बैठक उनके कार्यालय में हुई थी, जिसमें अजय कुमार उपस्थित हुआ था. उसके पास घटना के समय के प्राइवेट एक्स-रे केंद्र की रिपोर्ट थी, जिसके आधार पर पूर्व में ग्रीवियस इंजरी रिपोर्ट दिया गया था, किंतु सरकारी अस्पताल की रिपोर्ट आने के बाद नॉर्मल इंजरी की रिपोर्ट बनाई गई थी. उन्होंने बोर्ड के डॉक्टरो के द्वारा पैसे मांगने से इंकार किया. पीड़ित द्वारा जहर खाने और पैसे मांगने के आरोप पर उन्होंने कहा कि जहर खाने की जानकारी उन्हें नहीं है. आरोप तो कोई भी कुछ भी लगा सकता है.

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