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बिहार में जहां नक्सलियों के डर से थर-थर कांपते थे लोग, आज वहीं के बच्चे बन रहे अधिकारी, जानिए बदलाव की कहानी

Jahanabad Coaching Hub: जहानाबाद का मल्लहचक मोड़ इलाका देखते ही देखते कोचिंग हब के रूप में तब्दील हो गया है. यहां रोजाना लगभग 10,000 बच्चे पढ़ाई करते हैं. यहां सिर्फ स्थानीय नहीं बल्कि 30 किलोमीटर दूर से भी बच्चे पढ़ने आते हैं.

Jahanabad Coaching Hub: वैसे तो देश में कोचिंग हब के रूप में कोटा, दिल्ली व पटना का नाम हर किसी की जुबान पर रहता है, लेकिन समय के साथ-साथ अन्य शहर भी अब इंजीनियरिंग, मेडिकल, सीए और जनरल कॉम्पिटिशन की तैयारी के लिए स्टूडेंट्स का बेस्ट ऑप्शन बनता जा रहा है. चलिए अब आपको बिहार के जहानाबाद में कोचिंग हब के तौर पर विकसित हो रहे एक खास इलाका के बारे में बताते हैं.

बिहार के शैक्षणिक नक्शे पर चमक रहा यह जिला

बिहार में स्थित जहानाबाद मगध इलाके में आता है. यह उत्तर में पटना, दक्षिण में गया, पूर्व में नालंदा और पश्चिम में अरवल जिला के बीच बसा है. कभी यह जिला गया का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन अब पटना और गया के बीच का प्रमुख शहर बन गया है. जहां पहले लोग जहानाबाद को संघर्ष और पिछड़ेपन से जोड़ते थे, आज वही जिला बिहार के शैक्षणिक नक्शे पर चमक रहा है.

कोचिंग हब में तब्दील यह इलाका

जहानाबाद का मल्लहचक मोड़ इलाका देखते ही देखते कोचिंग हब के रूप में तब्दील हो गया है. यहां रोजाना लगभग 10,000 बच्चे पढ़ाई करते हैं. यहां सिर्फ स्थानीय नहीं बल्कि 30 किलोमीटर दूर से भी बच्चे पढ़ने आते हैं. दूर दराज से पढ़ने आने वाले बहुत सारे बच्चे यहां किराये पर कमरा लेकर भी रहते हैं और पढ़ाई करते हैं. अभी वहां स्थिति ऐसी है कि कोचिंग सेंटर के लिए स्थानीय दुकानें भी धीरे-धीरे बंद होती जा रही है. यानी दुकानें बंद करके वहां भी कोचिंग सेंटर खोले जा रहे हैं. यहां अरवल, मखुदमपुर, मसौढ़ी, टेहटा, नदौल के अलावे किंजर, कुर्था, काको, घोसी व हुलासगंज से भी बच्चे पढ़ने आते हैं.

100 से अधिक कोचिंग संस्थान

जहानाबाद के इस मल्लहचक मोड़ को कोचिंग हब इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां करीब 100 कोचिंग संस्थान हैं. जहां जनरल कॉम्पिटिशन, आठवीं, नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं और 12वीं तक की तैयारियां करवाई जाती है. इस ल्लहचक मोड़ के एजुकेशन हब में तब्दील होने से शहर की पहचान बदली है. जानकारी के अनुसार यहां से पढ़ाई कर निकले बच्चे विभिन्न क्षेत्रों में अपना बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं.

पहले नक्सली का गढ़ था जहानाबाद

बता दें कि एक समय था जब जहानाबाद नक्सली का गढ़ हुआ करता था, लेकिन आज स्थितियां काफी बदली है. अब यहां से शिक्षा की अलख जग रही है और यहां से पढ़ाई कर निकले बच्चे अच्छे-अच्छे मकाम हासिल कर रहे हैं. रोजाना हजारों बच्चे शहर में बच्चे पढ़ाई करने आते हैं.

छात्रों की सफलता की कहानियां

  • यहां से पढ़ाई कर निकले बच्चे अधिकारी, इंजीनियर और शिक्षक बन रहे हैं.
  • यहां पढ़ाई कर चुके कई छात्र आज बैंक, SSC, रेलवे, शिक्षक नियोजन और अन्य सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं.
  • कुछ छात्र इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई के लिए बाहर जा चुके हैं.
  • उनकी सफलता से इस कोचिंग हब की पहचान और मजबूत हुई है.

प्रेरणा बन रहे शिक्षक

  • यहां पढ़ाने वाले शिक्षक भी छात्रों के बीच रोल मॉडल बन चुके हैं.
  • खुद ग्रामीण पृष्ठभूमि से निकलकर कई शिक्षक आज दर्जनों बच्चों को संघर्ष और सफलता की कहानी सिखा रहे हैं.

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मल्लहचक मोड़ छात्रों की पहली पसंद क्यों?

  • हर विषय के लिए अलग कोचिंग सेंटर
  • अनुभवी स्थानीय शिक्षक
  • किफायती रूम रेंट और टिफिन सेवा
  • नियमित टेस्ट और फीडबैक
  • कम भीड़भाड़, सुरक्षित माहौल

अभिभावकों के लिए वरदान

  • पास में बेहतर शिक्षा की सुविधा
  • अभिभावकों के लिए बच्चों को पटना या दिल्ली भेजने की जरूरत नहीं

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Rani Thakur
Rani Thakur
रानी ठाकुर पत्रकारिता के क्षेत्र में साल 2011 से सक्रिय हैं. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के बिहार टीम में लाइफस्टाइल के लिए काम कर रहीं हैं.

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