घोसी में दो पूर्व सांसद परिवार आमने-सामने
जहानाबाद सदर. विधानसभा चुनाव की सरगर्मी अब पूरे जिले में चरम पर है. नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है और सभी प्रत्याशी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में जनसंपर्क अभियान में जुट गये हैं. जिले के तीन विधानसभा क्षेत्र जहानाबाद, घोसी और मखदुमपुर में इस बार का चुनाव खास बन गया है, क्योंकि इनमें तीन पूर्व सांसदों के पुत्र और एक पूर्व सांसद की पुत्रवधू मैदान में हैं. इससे जिले का राजनीतिक तापमान काफी बढ़ गया है और लोगों में यह जानने की उत्सुकता है कि कौन बाजी मारेगा और किसकी नैया डूबेगी. इधर, घोसी विधानसभा क्षेत्र में इस बार दो पूर्व सांसदों के परिवार चुनाव मैदान में आमने-सामने हैं. एनडीए की ओर से जनता दल यूनाइटेड के प्रत्याशी के रूप में जहानाबाद के पूर्व सांसद डॉ अरुण कुमार के पुत्र ऋतुराज कुमार चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, जहानाबाद के चार बार सांसद रहे रामाश्रय प्रसाद यादव की पुत्रवधू और जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष अनुराधा सिन्हा बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरी हैं. इन दोनों प्रत्याशियों की वजह से घोसी विधानसभा क्षेत्र का मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है. महागठबंधन की ओर से वर्तमान विधायक डॉ. रामबली सिंह यादव को फिर से उम्मीदवार बनाया गया है और वे भी जनसंपर्क अभियान में पूरी ताकत झोंक चुके हैं.जहानाबाद और मखदुमपुर में भी पूर्व सांसदों के बेटे मैदान में
जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र से इस बार पूर्व सांसद डॉ जगदीश शर्मा के पुत्र और पूर्व विधायक राहुल शर्मा राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. पिता-पुत्र दोनों अब सक्रिय रूप से प्रचार में जुटे हुए हैं और मतदाताओं से सीधा संपर्क बना रहे हैं. वहीं मखदुमपुर विधानसभा क्षेत्र में भी मुकाबला दिलचस्प है. यहां पूर्व सांसद रामस्वरूप राम के पुत्र शंकर स्वरूप जन सुराज पार्टी से मैदान में हैं. एनडीए की ओर से जिला परिषद की अध्यक्ष रानी कुमारी प्रत्याशी हैं, जबकि महागठबंधन ने वर्तमान विधायक सतीश दास का टिकट काटकर अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक सूबेदार दास को प्रत्याशी बनाया है. इस कारण मखदुमपुर का चुनावी मुकाबला भी हाईटेक और बहुचर्चित बन गया है. जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी माहौल अब पूरी तरह गरम है. सभी प्रत्याशी गांव-गांव जाकर जनता से संपर्क साध रहे हैं. वहीं मतदाताओं में भी चर्चा का विषय यह है कि इस बार पूर्व सांसदों के परिजन अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने में कितने सफल होंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

