अरवल.
आइसा की बैठक भाकपा-माले जिला कार्यालय में आयोजित की गयी. बैठक का संचालन राज्य सचिव सबीर कुमार व अध्यक्षता प्रीति कुमारी ने किया. राज्य अध्यक्ष प्रीति कूमारी व सचिव संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि एसबीएएन काॅलेज में प्रिंसपल की मनमानी चल रही है.
बिहार सरकार के निर्देश पर छात्राओं का निःशुल्क नामांकन लेना है लेकिन काॅलेज प्रशासन नामांकन रसीद देने के कई महिने के बाद छात्रों को 3500 रुपये बकाया बताया गया, जिसमें एससी-एसटी वर्गों से भी लिया गया है. यहां तक कि जिन स्टूडेंट नें काॅलेज प्रशासन के द्वारा बताये जाने वाली राशि देने पर भी जिस विषय को नामांकन समय चयनित की थी उसके विषयों में फेर-बदल की जा रही है. एफवाइयूपी के तहत फीस वृद्धि कर गरीब-दलित समाज के बच्चें को उच्च शिक्षा से दूर कर हाशिए के कतार में खड़े कर देना चाहती है. काॅलेज प्रशासन और बिहार सरकार छात्रों के प्रति असंवेदनशील है. भाकपा-माले के राज्य कमिटी सदस्य रविन्द्र यादव ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में मौजूदा समय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रणाली को खत्म कर सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण करने में लगी है. केंद्र सरकार और बिहार में उच्च शिक्षा का पायदान सबसे निचले स्तर पा लाकर खड़ा दिया गया है. आइसा द्वारा आगामी 4 दिसंबर को एसबीएएन काॅलेज की घेराबंदी करेगी. छात्रों की तमाम समस्या को मद्देनजर रखते हुए सकारात्मक दिशा में छात्रहित के लिए संघर्षरत है और हमेशा रहेगी. बैठक में रंजना, सोनी, फरजाना, नीतिश, नचीकेत, रौशन, बीरबल, एसबीएएन काॅलेज, एसडीएस काॅलेज अरवल, एसएस काॅलेज जहानाबाद सहित अन्य काॅलेजों से छात्र-छात्रा मौजूद थे.
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