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स्वच्छता सर्वेक्षण में जहानाबाद नौवें स्थान पर

जहानाबाद : स्वच्छ भारत मिशन को प्रभावी बनाने के लिए आवास और शहरी मंत्रालय द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण पूरे देश भर में करवाया जाता है, जिसमें शहरों को तय मानकों के अनुसार नंबर दिये जाते हैं और रैंकिंग की जाती है. 2020 की दूसरी तिमाही में जहानाबाद शहर की रैंकिंग सुधरकर 312 हुई. एक लाख से […]

जहानाबाद : स्वच्छ भारत मिशन को प्रभावी बनाने के लिए आवास और शहरी मंत्रालय द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण पूरे देश भर में करवाया जाता है, जिसमें शहरों को तय मानकों के अनुसार नंबर दिये जाते हैं और रैंकिंग की जाती है. 2020 की दूसरी तिमाही में जहानाबाद शहर की रैंकिंग सुधरकर 312 हुई.

एक लाख से लेकर 10 लाख की जनसंख्या वाले शहरों की रैंकिंग में सूबे में नौवें स्थान पर रहा. 2019 में जहानाबाद की रैंकिंग 402 थी, जो 2018 की रैंकिंग 445 से थोड़ी सुधरी थी, लेकिन अभी भी 2017 की रैंकिंग 307 के मुकाबले नीचे है. इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 जो शहरी भारत का पांचवां वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण है.
प्रत्येक वर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण में यह देखा गया कि हर शहर सर्वेक्षण से पहले अपनी साफ-सफाई करते हैं और बाद में साफ-सफाई में कमी आ जाती है.
इस कमी को दूर करने के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में पूरे वर्ष साफ-सफाई का मूल्यांकन किया जा रहा है. यह मूल्यांकन तीन-तिमाहियों यानी अप्रैल-जून, जुलाई-सितंबर, अक्तूबर-दिसंबर 2019 में किया गया. जनवरी 2020 में होने वाले वार्षिक सर्वेक्षण में तिमाही मूल्यांकन का 25 प्रतिशत वेटेज दिया जायेगा. शहरों की रैंकिंग दो श्रेणियों में की जा रही है.
पहली श्रेणी एक लाख और उससे ऊपर की आबादी वाले शहरों की तथा दूसरी श्रेणी एक लाख से कम आबादी वाली शहरों की है.
सबसे पहली बार जनवरी 2016 में स्वच्छता सर्वेक्षण 2016 आयोजित किया गया था, जिसमें 73 शहरों की रैंकिंग की गयी थी. 2017 में 434 शहरों की रैंकिंग की गयी.
2018 में 4203 शहरों और कस्बों की रैंकिंग की गयी. जहानाबाद का प्रदर्शन सभी सर्वेक्षणों में बहुत कम रहा.
ऑनलाइन मध्यम से हुआ है डिजिटल सर्वे
यह सर्वेक्षण तीन तिमाहियों में होता है, जिसमें ऑनलाइन माध्यम से डिजिटल सर्वे किया जाता है. सर्वेक्षण के लिए चार हजार अंकों की प्रश्नावली में लोगों से प्राप्त फीडबैक, कार्यों की निगरानी और गुणवत्ता को आधार बनाया जाता है. नालियों व जलस्रोतों की साफ-सफाई, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, तोड़-फोड़ की गतिविधियों के दौरान निकलने वाले कचरों का निबटारा, शौचालयों का निर्माण आदि एक दर्जन मानकों के आधार पर स्टार रेटिंग दी जाती है. इसमें खुले में शौचमुक्त अभियान की सफलता भी शामिल है.
अगर निरीक्षण के दौरान यह पाया जाता है कि उपलब्ध कराये गये आंकड़े या तथ्य गलत हैं, तो इसके लिए निगेटिव मार्किंग भी की जायेगी. सर्वेक्षण 2020 में गंदे पानी की सफाई और इसके पुन: उपयोग तथा सीवरेज प्रबंधन पर विशेष फोकस किया गया है, लेकिन इस दिशा में अधूरी तैयारियों और जरूरी योजनाओं के धरातल पर नहीं उतरने के कारण इस सर्वेक्षण में भी शहर का प्रदर्शन और बेहतर नहीं हुआ.
स्वच्छता सर्वेक्षणों में जहानाबाद की रैंकिंग
2017 307
2018 445
2019 402
2020 312
क्या कहते हैं अधिकारी
पिछले सर्वेक्षणों की रैंकिंग से इस बार की रैंकिंग में बहुत सुधार हुआ है. शहर की सफाई व्यवस्था में काफी सुधार है. नये साल में यह काफी अच्छी खबर है. तीसरी तिमाही की रैंकिंग में जहानाबाद और आगे जायेगा.
मुकेश कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पर्षद, जहानाबाद

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