महुआ : लोहिया स्वच्छता अभियान मिशन के तहत बीते वर्ष क्षेत्र की कई पंचायतों को ओडीएफ तो घोषित कर दिया गया, लेकिन इन पंचायतों का जमीनी हकीकत यह है कि आज भी लोग खुले में शौच जा रहे हैं. अगर किसी व्यक्ति से पूछा जाता है, तो बताते हैं कि मेरे घर में शौचालय नहीं बना है. इसका कारण स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा राजनीतिक के तहत लोगों को उपेक्षित करना बताया जा रहा है.
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ओडीएफ घोषित पंचायतों के लोग खुले में जा रहे हैं शौच
महुआ : लोहिया स्वच्छता अभियान मिशन के तहत बीते वर्ष क्षेत्र की कई पंचायतों को ओडीएफ तो घोषित कर दिया गया, लेकिन इन पंचायतों का जमीनी हकीकत यह है कि आज भी लोग खुले में शौच जा रहे हैं. अगर किसी व्यक्ति से पूछा जाता है, तो बताते हैं कि मेरे घर में शौचालय नहीं […]
मिली जानकारी के अनुसार लोहिया स्वच्छता अभियान मिशन के तहत बीते वर्ष महुआ के तत्कालीन बीडीओ प्रभात रंजन द्वारा फुलवरिया, गौसपुर चकमजाहिद, शेरपुर छतवारा आदि पंचायतों में विशेष जागरूकता अभियान चलाकर नुक्कड़ सभा के माध्यम से ग्रामीणों को घरों में शौचालय निर्माण कराने की बात कही गयी थी. इस दौरान गरीब, मजदूर व असहाय परिवारों के लोग कर्ज लेकर शौचालय का निर्माण करा इसका उपयोग भी करने लगे, जिन्हें आज तक प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है.
प्रोत्साहन राशि भुगतान करने के एवज में बिचौलियों द्वारा दो से तीन हजार रुपये कमीशन की मांग की गयी. शिकायत करने के बाद भी संबंधित विभाग के अधिकारी पदाधिकारी बिचौलियों पर शिकंजा नहीं कस पाये, जिस कारण विभिन्न पंचायतों के सैकड़ों घरों के लोग आज भी शौचालयविहीन हैं, जिसका नतीजा है की पंचायतों को ओडीएफ घोषित करने के बाद भी लोग खुले में शौच जाने को लेकर विवश हैं.
इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए एसयूसीआइ के जिला सचिव ललित कुमार घोष, दिनेश राय, विश्वनाथ साहू, सूरज मिश्रा, अनिल राय, रामपुकार राय के साथ अन्य लोगों ने ओडीएफ घोषित पंचायतों की तत्काल उच्चस्तरीय जांच की मांग की है, ताकि हकीकत सामने आ सके.
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